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हिमाचल प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्र बद्दी में रेलवे लाइन के लिए अधिग्रहण की गई भूमि के मामले में सोमवार को सैंडोली में चल रहे रेलवे कार्य को ग्रामीणों ने रुकवा दिया। ग्रामीणों का कहना है कि जब तक उन्हें पूरा मुआवजा नहीं मिलता तब तक वह रेलवे के काम को आगे नहीं बढ़ने देंगे। नंबरदार चरणदास, पूर्व प्रधान रामेश्वर दास, लाभ सिंह, गुरचरण सिंह, कालू राम, गुरदयाल सिंह समेत कई ग्रामीण रेलवे लाइन के समीप एकत्रित हुए और केंद्र सरकार और रेलवे के खिलाफ नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि हरिपुर संडोली, खंडोली, बिलांवाली गुज्जरा, बद्दी, केंदूवाला, कल्याणपुर चक्क जंगी, शीतलपुर व लंडेवाल गांव की भूमि का रेलवे लाइन के लिए अधिग्रहण किया गया था पर हरिपुर सैंडोली, तलाब वाली सैंडोली, निचली सैंडोली, केंदूवाला व कल्याणपुर गांव के ग्रामीणों के साथ पूर्व की भाजपा सरकार में सौतेला व्यवहार किया गया है।
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उनका आरोप है कि पिछली सरकार ने अधिग्रहण करने से पहले यह वादा किया था कि सभी को एक जैसा मुआवजा दिया जाएगा पर जब मुआवजा देने की बात आई तो उनकी जमीनों के साथ लगती जमीनों के रेट लगभग 81 लाख रुपये बीघा के आसपास दिए गए जबकि उनके पांच गांव को सात लाख के हिसाब से मुआवजा दिया गया, जोकि पिछली सरकार और सरकार में रहे अधिकारियों की मिलीभगत के चलते हुआ है। उनकी रेलवे में 360 बीघा जमीन आई है। ग्रामीणों ने कहा कि जब तक उनकी जमीनों का उन्हें उचित मुआवजा नहीं मिलता तब तक वह रेलवे लाइन का काम चलने नहीं देंगे और शांति पूर्वक धरना देते रहेंगे। वहीं कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाएंगे। अगर फिर भी उनके साथ इंसाफ नहीं होता है तो वह भूख हड़ताल पर भी बैठेंगे। कहा कि जो भूमि रेलवे के लिए उनसे ली गई है व सारी भूमि उपजाऊ है।
लगातार हो रहे निर्माण के चलते उसके साथ लगती उनकी उपजाऊ जमीनों की इस बार की गेहूं की फसल धूल-मिट्टी के कारण लगभग 100 मीटर के दायरे में बुरी तरह से प्रभावित भी हो रही है। सभी ग्रामीणों ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार से आग्रह किया है कि उनकी जमीनों का पूरा मुआवजा मिलने तक रेलवे के निर्माण कार्य को रुकवाया जाए और धूल-मिट्टी के कारण खराब हुई फसलों का मुआवजा भी दिलवाया जाए। नहीं तो मजबूरन ग्रामीणों को जन आंदोलन करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। उधर, इस बारे में उपमंडलाधिकारी नालागढ़ दिव्यांशु सिंगल ने कहा कि धरना प्रदर्शन का उन्हें पता चला। प्रभावितों से आग्रह है कि वह काम न रोकें और मुझसे आकर मिलें। उनकी मांगों पर उचित कार्रवाई की जाएगी।