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पेंपा सेरिंग बने निर्वासित तिब्बत सरकार के नए प्रधानमंत्री

अमर उजाला ब्यूरो, धर्मशाला Published by: प्रियंका तिवारी Updated Sat, 15 May 2021 11:53 AM IST
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सार

  • अपने प्रतिद्वंद्वी केलसंग दोरजे को 5441 मतों से दी मात
  • 63991 मतों में से पेंपा को 34348 और केलसंग को मिले 28907 वोट
  • 17वीं निर्वासित तिब्बत संसद के 45 नए विजेता सांसदों की भी हुई घोषणा
  • 26 मई को खत्म होगा डॉ. लोबसंग का कार्यकाल, इसी दिन हो सकती है शपथ 
पेंपा सेरिंग - फोटो : सोशल मीडिया
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विस्तार

करीब एक महीने के इंतजार के बाद तिब्बतियों को पेंपा सेरिंग के रूप में उनका अगला सिक्योंग (प्रधानमंत्री) मिल गया। पेंपा सेरिंग ने केलसंग दोरजे 5441 वोट के अंतर से हराया। पेंपा सेरिंग को धर्मगुरु दलाईलामा का काफी करीबी माना जाता है। निर्वासित तिब्बत सरकार (केंद्रीय तिब्बती प्रशासन) के चुनाव आयोग के आयुक्त वांगडु सेरिंग पेसर ने शुकवार को ऑनलाइन चुनाव नतीजों की घोषणा की। इसके साथ ही वांगडु ने 17वीं निर्वासित तिब्बत संसद के 45 नवनिर्वाचित सांसदों की विजय की भी घोषणा की। चुनाव नतीजों में कुल 63991 मतों में से पेंपा सेरिंग को 34348 और केलसंग दोरजे को 28907 वोट मिले। वर्तमान में निर्वासित तिब्बत सरकार के प्रधानमंत्री डॉ. लोबसंग सांग्ये का कार्यकाल 26 मई को खत्म होगा। इसी दिन या इसके बाद पेंपा सेरिंग नए प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ले सकते हैं। पेंपा सेरिंग हमेशा बौद्ध धर्मगुरु दलाईलामा की मध्य मार्ग नीति का समर्थन करते रहे हैं।  Trending Videos

इन देशों में हुुुआ था मतदान
आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, आस्ट्रिया, बेल्जियम, डेनमार्क, फ्रांस, जर्मनी, आयरलैंड, इटली, नीदरलैंड, नार्वे, पोलैंड, स्पेन, स्वीडन, स्विट्जरलैंड, यूके, जापान, नेपाल, अमेरिका, रूस, ताइवान सहित भारत के कई हिस्सों में तिब्बती लोगों ने नए प्रधानमंत्री के लिए मतदान किया था।


दो चरणों में हुआ मतदान 
3 जनवरी को तिब्बतियों ने निर्वासित तिब्बत सरकार के पीएम पद समेत 45 सदस्यीय निर्वासित संसद के उम्मीदवारों के लिए पहले चरण का मतदान किया था। दूसरे और आखिरी चरण की वोटिंग 11 अप्रैल को हुई थी। पहले चरण में करीब आठ उम्मीदवार मैदान में थे। द्वितीय चरण में दो ही उम्मीदवारों पेंपा सेरिंग और केलसंग दोरजे के नाम फाइनल हुए थे। दुनिया भर में करीब 80 हजार तिब्बतियों ने मतदान के लिए पंजीकरण करवाया था। दूसरे चरण में करीब 77 फीसदी तिब्बतियों ने मतदान किया। चुनाव प्रक्रिया के दौरान प्रधानमंत्री और सांसद के उम्मीदवारों ने आरोप-प्रत्यारोप रहित ऑनलाइन प्रचार ही किया था। 

कर्नाटक में हुआ है पेंपा सेरिंग का जन्म 
पेंपा सेरिंग का जन्म कर्नाटक में रिफ्यूजी सेटलमेंट में हुआ था। वे निर्वासित तिब्बत संसद में दो बार अध्यक्ष रह चुके हैं। अमेरिका में दलाईलामा के प्रतिनिधि पद पर तैनात रहे हैं। उन्होंने पिछली बार भी प्रधानमंत्री पद के लिए चुनाव लड़ा था, जिसमें वह दूसरे नंबर पर रहे थे। सेरिंग करीब 20 वर्षों से निर्वासित तिब्बत सरकार में कई पदों पर काम करते रहे हैं।
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