हकीकत के करीब अपने अभिनय से हर बार दर्शकों का दिल जीतने वाली मशहूर अभिनेत्री उषा जाधव की अगली फिल्म माईघाट गोवा में होने जा रहे भारत के अंतर्राष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल में स्वर्ण मयूर पुरस्कार पाने के दावेदारों की सूची में शुमार हो गई है। उषा जाधव को मराठी फिल्म धग के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिल चुका है। स्वर्ण मयूर पुरस्कार इस फेस्टिवल का सबसे बड़ा पुरस्कार है और ये दुनिया की नामचीन फिल्मों में से किसी एक फिल्म को दिया जाता है, जिसका फैसला एक अंतर्राष्ट्रीय जूरी करती है।
इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया (आईएफएफआई) के 50वें संस्करण की जोरो-शोरों से तैयारी चल रही है। इस फिल्म समारोह का बिगुल 20 नवंबर को बजेगा। यह फिल्म फेस्टिवल गोवा में नौ दिनों तक चलेगा जिसमें 76 देशों की करीब 200 फिल्में प्रदर्शित की जाएंगी। इस महोत्सव में भारतीय फिल्मों के साथ-साथ सभी की नजरें अंतराष्ट्रीय प्रतियोगिता के भाग में अपनी जगह बनाने वाली दुनिया की सर्वश्रेष्ठ फिल्मों पर भी होंगी। इस सूची में सर्वश्रेष्ठ फिल्म के चयन के लिए अंतराष्ट्रीय जूरी का एक खास पैनल बनाया गया है।
आईएफएफआई ने अंतराष्ट्रीय प्रतियोगिता भाग के लिए अंतराष्ट्रीय जूरी और फिल्मों का ऐलान किया है। मशहूर सिनेमैटोग्राफर और पूर्व एकेडमी ऑफ मोशन पिक्चर्स आर्ट्स एंड साइंसेज के पूर्व अध्यक्ष जॉन बेली, भारत के 50वें अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह के अंतर्राष्ट्रीय जूरी की अध्यक्षता करेंगे। वहीं फ्रांसीसी फिल्म निर्माता और कान अंतराष्ट्रीय जूरी 2019 के सदस्य रह चुके रॉबिन कैंपिलो समेत प्रसिद्ध चीनी फिल्म निर्माता झांग यांग, ब्रिटिश सिनेमा की जानी मानी हस्ती फिल्मकार लिन्ने रामसे और प्रख्यात भारतीय फिल्म निर्माता रमेश सिप्पी इस अंतर्राष्ट्रीय जूरी के सदस्य हैं।
इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया के गोल्डन जुबली संस्करण में 20 देशों का प्रतिनिधित्व करती हुईं सर्वश्रेष्ठ 15 फिल्में हैं, जो प्रतिष्ठित गोल्डन पीकॉक अवार्ड (स्वर्ण मयूर पुरस्कार) के लिए प्रतिस्पर्धा कर रहीं हैं। यह चयन 700 से अधिक फिल्मों में से किया गया है। इस सूची में भारत की दो फिल्में, माई घाट: क्राइम नंबर 103/2005 (मराठी) और जलीकट्टू (मलयालम) हैं।
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