उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार के अनुसार, चमोली आपदा में अब तक अलग-अलग स्थानों से 26 लोगों के शव बरामद किए गए हैं।
चमोली में ग्लेशियर फटने के कारण उत्तराखंड में फंसे झारखंड के लोगों के लिए झारखंड सरकार ने हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। हेल्प लाइन नंबर...
हालात का जायजा लेने के लिए केंद्रीय मंत्री आरके सिंह जोशीमठ पहुंचे। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी आज फिर आपदा प्रभावित क्षेत्र का दौरा करेंगे। वह रविवार को भी यहां पहुंचे थे।
चमोली प्रशासन ने आपदा में लापता हुए लोगों की सूची जारी की है। इसमें करीब 119 लोगों के नाम शामिल हैं। सूची देखने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें।
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मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को निर्देश दिए हैं कि इसरो के वैज्ञानिकों एवं विशेषज्ञों से इस घटना के कारणों का पता किया जाए, ताकि भविष्य में कुछ एहतियात बरती जा सके।
जिला प्रशासन की पूरी टीम रविवार से ही क्षेत्र में राहत एवं बचाव कार्यों में लगी है। अन्य जिलों से भी अधिकारी मौके पर भेजे गए हैं, ताकि आपदा ग्रस्त इलाकों में जो शव मिलें, उनकी पहचान और पोस्टमार्टम जल्द हो सके।
आपदा प्रभावित रैणी क्षेत्र में रविवार से डीजीपी अशोक कुमार कैंप कर रहे हैं। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कमिश्रर गढ़वाल और डीआईजी गढ़वाल को सोमवार से क्षेत्र में कैंप करने के निर्देश दिए हैं।
एनडीआरएफ के डीजी एसएन प्रधान ने बताया कि ढाई किमी. लंबी सुरंग में राहत बचाव कार्य जारी है। 27 लोगों को जिंदा निकाला गया है। 11 शव बरामद किए गए हैं। वहीं कुल 153 लोग लापता हैं। बताया कि 40 से 50 लोग अभी सुरंग में फंसे हुए हैं। शेष लोगों के मलबे में बह जाने की आशंका है।
श्रीनगर में अलकनंदा इस समय 531.50 मीटर पर बह रही है। रविवार रात 9 बजे जल स्तर 532.50 मीटर था। चेतावनी स्तर 535 मीटर है। खतरे का निशान 536 मीटर पर है।
डीआईजी गढ़वाल रेंज नीरु गर्ग ने कहा कि हमें सूचित किया गया था कि 178 लोगों को यहां पास जारी किया गया था। जिनमें से 15 लोगों को रविवार को ही सुरक्षित निकाल लिया गया था।
गृह मंत्रालय (एमएचए) का कहना है कि रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) - स्नो एंड एवलांच स्टडी इस्टेब्लिशमेंट संस्था (एसएएसई) के वैज्ञानिकों की एक टीम कल रात देहरादून के लिए रवाना हुई। जोशीमठ क्षेत्र से निगरानी के लिए वैज्ञानिकों की टीम रवाना हो रही है।
A team of Scientists of DRDO-SASE flown in last night to Dehradun, is leaving for Joshimath area for surveillance and reconnaissance: Ministry of Home Affairs (MHA)#Uttarakhand pic.twitter.com/3lN8S6lx08
आपदा प्रभावित तपोवन में राहत बचाव कार्य फिलहाल जारी है। डीआईजी आईटीबीपी अपर्णा कुमार ने बताया कि बड़ी सुरंग को 70 से 80 मीटर तक साफ कर दिया गया है। जेसीबी की मदद से मलबा हटाया गया है। यह सुरंग करीब 100 मीटर लंबी है और लगभग 30-40 कर्मचारी सुरंग में फंसे हुए हैं। उन्हें निकालने के प्रयास जारी हैं। दूसरी सुरंग की तलाश जारी है।
कांग्रेस सांसद मणीकम टैगोर ने लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया है, ताकि उत्तराखंड में बाढ़ की चर्चा की जा सके।
देहरादून से जोशीमठ में एमआई-17 और ALH हेलीकॉप्टरों के साथ हवाई बचाव और राहत मिशन फिर से शुरू हो गए हैं। यह जानकारी भारतीय वायु सेना ने दी।
आईटीबीपी के प्रवक्ता विवेक पांडे ने कहा, 'हमने दूसरी सुरंग में खोज अभियान तेज कर दिया है। हमें जानकारी मिली है कि लगभग 30 लोग वहां फंसे हुए हैं। सुरंग को साफ करने के लिए लगभग 300 आईटीबीपी के जवान तैनात हैं। स्थानीय प्रशासन का कहना है कि लगभग 170 लोग लापता हैं। आईटीबीपी ने कल एक सुरंग से 12 लोगों को बचाया, ये 30 लोग एक अलग सुरंग में फंसे हुए हैं। विभिन्न क्षेत्रों में बचाव अभियान चल रहा है। यदि आवश्यकता पड़ी तो और टीमें भेजी जाएंगी, हम पहले सुरंग से लोगों को बचाकर बाहर निकाल रहे हैं।'
चमोली पुलिस ने कहा, टनल में फंसे लोगों के लिए राहत एवं बचाव कार्य जारी। जेसीबी की मदद से टनल के अंदर पहुंच कर रास्ता खोलने का प्रयास किया जा रहा है। अब तक कुल 15 व्यक्तियों को रेस्क्यू किया गया है एवं 14 शव अलग-अलग स्थानों से बरामद किए गए हैं।
चमोली के तपोवन बांध के पास सुरंग पर एसडीआरएफ ने अपना बचाव अभियान शुरू कर दिया है।
चमोली में तपोवन बांध के पास तलाशी अभियान चलाने के लिए कैनाइन दस्ते को भी तैनात किया गया है। कल इस क्षेत्र में बाढ़ आ गई थी।
सोमवार को तड़के साढ़े चार बजे से प्रभावित रैणी और तपोवन में राहत बचाव कार्य शुरू कर दिया गया। तपोवन टनल से मलबा हटाया जा रहा है। दो सुरंगों में 50 लोग फंसे हैं।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव के प्रवक्ता ने कहा, 'महासचिव को उत्तराखंड में ग्लेशियर के फटने और उसके बाद आई बाढ़ से हुए जानमाल के नुकसान और दर्जनों लोगों के लापता होने का गहरा दुख है। वह पीड़ितों के परिवारों, लोगों और भारत सरकार के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करते हैं। संयुक्त राष्ट्र आवश्यकता होने पर बचाव और सहायता प्रयासों में योगदान देने के लिए तैयार है।'
चमोली में तपोवन बांध के टनल के पास से मलबा और कीचड़ हटाकर एसडीआरएफ ने आगे के बचाव अभियान को अंजाम दिया। साइट से नवीनतम दृश्य। अभी तक आठ लोगों के शव बरामद किए गए हैं।
आपदा से प्रभावित रैणी और तपोवन क्षेत्र में रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू हो गया है। सुबह साढ़े 4 बजे से रेस्क्यू शुरू हो गया था। तपोवन टनल का मलबा हटाया जा रहा है
चमोली हादसे के वक्त मैदानी इलाकों में बाढ़ जैसे हालत न पैदा हो जाए, इसलिए बांध के पानी को रोक दिया गया था। हालांकि, अब उसी बांध के पानी को बड़ी सावधानी से छोड़ा जा रहा है क्योंकि बांध के ऊपर झील में भी पानी जमा हो गया है। हालांकि, किसी भी खतरे से निपटने के लिए प्रशासन मुस्तैद है। आज डीआरडीओ एक्सपर्ट की एक टीम उत्तराखंड पहुंचेगी। ये टीम चमोली में हादसे वाली जगह का मुआयना कर स्थिति का आकलन करेगी। टीम आसपास के ग्लेशियरों का भी अध्ययन करेगी।
उत्तराखंड के चमोली में तपोवन बांध के पास सुरंग में फंसे लोगों को बचाने के लिए बचाव अभियान शुरू करने के लिए एसडीआरएफ के सदस्य मंदाकिनी नदी का जल स्तर कम होने का इंतजार कर रहे हैं।
चमोली के तपोवन में सुरंग में फंसे लोगों को निकालने का काम जारी है लेकिन जल स्तर बढ़ने से बचाव कार्यों में बाधा आ रही है। मलबा हटाने के लिए भारी मशीनें मंगवाई गई हैं।
उत्तराखंड के चमोली जिले के रैणी में आई आपदा को लेकर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि बचाव और राहत कार्य सरकार की पहली प्राथमिकता है, इसमें पूरी क्षमता से काम किया जा रहा है।