Hindi News
›
World
›
Why do people in Bhutan look at civil society organizations with suspicion?
{"_id":"648062ac00898f621706757a","slug":"why-do-people-in-bhutan-look-at-civil-society-organizations-with-suspicion-2023-06-07","type":"story","status":"publish","title_hn":"Bhutan: भूटान में क्यों जनता संदेह की निगाह से देखती है सिविल सोसायटी संगठनों को?","category":{"title":"World","title_hn":"दुनिया","slug":"world"}}
Bhutan: भूटान में क्यों जनता संदेह की निगाह से देखती है सिविल सोसायटी संगठनों को?
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, थिम्पू
Published by: Harendra Chaudhary
Updated Wed, 07 Jun 2023 04:28 PM IST
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक भूटान में 54 रजिस्टर्ड सिविल सोसायटी संगठन हैं। इन संगठनों का दावा है कि वे गरीबी हटाने, पुनर्वास, पर्यावरण संरक्षण, पशु कल्याण, कला-संस्कृति, युवा सशक्तीकरण और सुशासन लाने के लिए काम कर रहे हैं। ऐसे संगठनों को विनियमित करने के लिए भूटान सरकार ने कई कदम उठाए हैं...
भूटान में हाल के महीनों सिविल सोसायटी संगठनों की गतिविधियां बढ़ी हैं। लेकिन कई अन्य देशों की तरह भी भूटान में समाज का एक तबका इन संगठनों को संदेह की नजर से देखता है। अक्सर यहां इन्हें स्वार्थी लोगों की जमात के रूप में देखा जाता है। इस संगठनों के आलोचक कहते सुने जाते हैं कि इनसे जुड़े लोग विदेशी चंदा जुटाने के लिए अपने देश की कमियों को बढ़ा-चढ़ा कर पेश करते हैं।
लेकिन सिविल सोसायटी संगठनों का दावा है कि वे भूटान की सेवा कर रहे हैं। कुछ रोज पहले यहां इन संगठनों ने एक वेबिनार आयोजित किया। उसे संबोधित करते हुए एनजीओ भूटान ट्रांसपैरेंसी इनिशिएटिव (बीटीआई) के कार्यकारी निदेशक डॉ. रिनझिन ने कहा कि ये संगठन सामाजिक निगरानी की भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि इसी कारण न्यायपालिका का इन संगठनों में भरोसा बढ़ा है, जबकि मीडिया अब इन्हें बेहतर ढंग से पेश कर रहा है।
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक भूटान में 54 रजिस्टर्ड सिविल सोसायटी संगठन हैं। इन संगठनों का दावा है कि वे गरीबी हटाने, पुनर्वास, पर्यावरण संरक्षण, पशु कल्याण, कला-संस्कृति, युवा सशक्तीकरण और सुशासन लाने के लिए काम कर रहे हैं। ऐसे संगठनों को विनियमित करने के लिए भूटान सरकार ने कई कदम उठाए हैं। इसकी शुरुआत 2007 में हुई, जब संसद ने सिविल सोसायटी ऑर्गेनाइजेशन एक्ट पारित किया। 2016 में भूटान नरेश ने राष्ट्र निर्माण के कार्य में सिविल सोसायटी संगठनों के योगदान को मान्यता देने के लिए नेशनल ऑर्डर ऑफ मेरिट नाम का सम्मान प्रदान करने की शुरुआत की।
इसके बावजूद आम जन के मन में इन संगठनों और उनकी गतिविधियों को लेकर संदेह बना हुआ है। हाल में हुए वेबिनार के दौरान खुद इन संगठनों से जुड़े लोगों ने यह शिकायत जताई। सिविल सोसायटी कार्यकर्ता चेन्चो लाहमू ने कहा कि लोगों के मन में अक्सर इसको लेकर भ्रम बना रहता है कि ये संगठन सरकारी हैं या स्वतंत्र पहल पर बने हैं। उन्होंने कहा कि अन्य लोकतांत्रिक देशों में ऐसे संगठन सरकार सेवाएं प्रदान करने में पूरक की भूमिका निभाते हैं। लेकिन भूटान में उनकी भूमिका को लेकर भ्रम बना हुआ है।
सिविल सोसायटी संगठनों का कहना है कि 2007 का कानून पारित होने के बाद सिविल सोसायटी संगठनों के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया सख्त हो गई। इसका यह तो अच्छा नतीजा हुआ कि इन संगठनों के लिए सरकार को प्रभावित करना आसान हो गया, लेकिन साथ ही पंजीकरण प्रक्रिया इतनी कठिन हो गई, जिससे लोग ऐसे संगठन बनाने को लेकर हिचकने लगे।
हालांकि लोगों के मन यह धारणा बनी रहती है कि सिविल सोसायटी संगठनों के पास बहुत पैसा है, लेकिन इन संगठनों का कहना है कि उनके सामने प्रमुख समस्या फंडिंग की है। इन संगठनों के मुताबिक भूटान के लोग धार्मिक और चैरिटी संगठनों को उदारता से चंदा देते हैं, लेकिन सिविल सोसायटी संगठनों को सहायता देने को लेकर इच्छुक नहीं रहते। इन हालात में ये संगठन विदेशी चंदा लेने को मजबूर हो जाते हैं। मगर यही वो पहलू है, जिनकी वजह से इन संगठनों को लेकर जनता के बीच सबसे ज्यादा संदेह पैदा होता है।
विज्ञापन
विज्ञापन
रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get latest World News headlines in Hindi related political news, sports news, Business news all breaking news and live updates. Stay updated with us for all latest Hindi news.
विज्ञापन
विज्ञापन
एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें
अतिरिक्त ₹50 छूट सालाना सब्सक्रिप्शन पर
Next Article
Disclaimer
हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।