व्हाइट हाउस ने राष्ट्रपति जो बाइडन के बजट कार्यालय में नीरा टंडन को निदेशक बनाने का नामांकन प्रस्ताव वापस ले लिया है। ऐसा इसलिए क्योंकि यह स्पष्ट हो गया था कि दोनों पार्टियों में नीरा के नाम पर उठा विरोध खत्म नहीं किया जा सकता है। नीरा ने भी नाम वापसी की घोषणा की, क्योंकि वे डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकनों के बीच अपने नामांकन की पुष्टि के लिए पर्याप्त वोट जुटाने में नाकाम रहतीं।
बता दें कि नीरा के नाम पर पुष्टि का अनुरोध बाइडन की डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसदों ने भी खारिज कर दिया था। ऐसे में उनका नामांकन समान रूप से 50-50 सीनेटरों में विभाजित सीनेट के भीतर पहली ही बार में खारिज हो जाता। बाइडन ने कहा कि 'सुश्री टंडन ने कहा है कि प्रबंधन कार्यालय और बजट निदेशक के लिए उनका नामांकन वापस ले लिया जाए और मैंने उनका प्रस्ताव स्वीकार कर लिया है।'
उन्होंने कहा, ‘मैं उनके अनुभव, कौशल और विचारों का बहुत सम्मान करता हूं और चाहता हूं कि मेरे प्रशासन में उनकी कोई भूमिका हो।’ बता दें कि टंडन (50) के नामांकन की पुष्टि का रास्ता पहले ही कठिन था और उन्हें पूर्व में कई सांसदों के खिलाफ किए गए ट्वीट के कारण विरोध का सामना करना पड़ रहा था। हालांकि उन्होंने ऐसे 1,000 से ज्यादा ट्वीट डिलीट कर सीनेटरों से माफी भी मांग ली थी लेकिन उनका विरोध कम नहीं हुआ।
51 वोट की जुगाड़ भी मुश्किल हुई
टंडन बाइडन प्रशासन के भीतर मंत्री बनने में नाकाम रहने वाली पहली उमीदवार होंगी। उन्हें राष्ट्रपति के प्रबंधन और बजट कार्यालय का निदेशक बनने के लिए सीनेट में कम से कम 51 वोट चाहिए थे जिसमें उपराष्ट्रपति कमला हैरिस एक टाईब्रेकर के रूप में काम करतीं लेकिन उदारवादी डेमोक्रेटिक सीनेटर जो मैनचिन ने उन्हें मत नहीं देने की घोषणा कर दी। जबकि रिपब्लिकन सीनेटरों को तोड़ने में वे नाकाम रहीं।
नियुक्तियों की पुष्टि काफी धीमी
बाइडन प्रशासन का मंत्रिमंडल आधुनिक अमेरिकी इतिहास में सबसे धीमी गति से आकार ले रहा है। शीर्ष पदों के लिए नामित 23 प्रत्याशियों में से सिर्फ एक दर्जन से कुछ अधिक अधिक (13) उम्मीदवारों के ही सीनेट की मंजूरी मिल पाई है। इस गति को काफी धीमा माना जा रहा है। बता दें कि ऑफिस ऑफ मैनेजमेंट एंड बजट का नेतृत्व करने वाली पहली महिला होती, जो चार ट्रिलियन डॉलर संघीय बजट का प्रबंधन करती।
विरोध को मैनेज नहीं कर सकीं नीरा
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, सीनेट में कई सांसदों ने टंडन के नामांकन पर यह कहकर सवालिया निशान लगाए थे कि वे दोनों दलों के साथ मिलकर यह पद नहीं संभाल पाएंगी। भारतीय समयानुसार बुधवार को साफ हो गया कि यदि वोटिंग हुई तो टंडन की नियुक्ति को मंजूरी नहीं मिलेगी। इसके बाद बाइडन ने नामांकन वापस लेने का फैसला किया और कहा कि टंडन नाम वापस लेना चाहती हैं जिसका मैं सम्मान करता हूं।
कोरोना राहत फंड बना मजबूरी
बाइडन ने सत्ता संभालने के बाद 1.9 ट्रिलियन डॉलर के कोरोना राहत फंड का एलान किया था, जिसे अब तक सीनेट की मंजूरी नहीं मिली है। जबकि सीनेट में दोनों पार्टियों के पास 50-50 सीटें हैं। ऐसे में अगर रिपब्लिकन बाइडन के इस पैकेज का समर्थन नहीं करते तो उन्हें दिक्कत हो जाएगी। बताया जा रहा है कि ऐसे में बाइडन चाहते हुए भी नीरा टंडन को लेकर बैकफुट पर आ गए।
व्हाइट हाउस ने राष्ट्रपति जो बाइडन के बजट कार्यालय में नीरा टंडन को निदेशक बनाने का नामांकन प्रस्ताव वापस ले लिया है। ऐसा इसलिए क्योंकि यह स्पष्ट हो गया था कि दोनों पार्टियों में नीरा के नाम पर उठा विरोध खत्म नहीं किया जा सकता है। नीरा ने भी नाम वापसी की घोषणा की, क्योंकि वे डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकनों के बीच अपने नामांकन की पुष्टि के लिए पर्याप्त वोट जुटाने में नाकाम रहतीं।
बता दें कि नीरा के नाम पर पुष्टि का अनुरोध बाइडन की डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसदों ने भी खारिज कर दिया था। ऐसे में उनका नामांकन समान रूप से 50-50 सीनेटरों में विभाजित सीनेट के भीतर पहली ही बार में खारिज हो जाता। बाइडन ने कहा कि 'सुश्री टंडन ने कहा है कि प्रबंधन कार्यालय और बजट निदेशक के लिए उनका नामांकन वापस ले लिया जाए और मैंने उनका प्रस्ताव स्वीकार कर लिया है।'
उन्होंने कहा, ‘मैं उनके अनुभव, कौशल और विचारों का बहुत सम्मान करता हूं और चाहता हूं कि मेरे प्रशासन में उनकी कोई भूमिका हो।’ बता दें कि टंडन (50) के नामांकन की पुष्टि का रास्ता पहले ही कठिन था और उन्हें पूर्व में कई सांसदों के खिलाफ किए गए ट्वीट के कारण विरोध का सामना करना पड़ रहा था। हालांकि उन्होंने ऐसे 1,000 से ज्यादा ट्वीट डिलीट कर सीनेटरों से माफी भी मांग ली थी लेकिन उनका विरोध कम नहीं हुआ।
51 वोट की जुगाड़ भी मुश्किल हुई
टंडन बाइडन प्रशासन के भीतर मंत्री बनने में नाकाम रहने वाली पहली उमीदवार होंगी। उन्हें राष्ट्रपति के प्रबंधन और बजट कार्यालय का निदेशक बनने के लिए सीनेट में कम से कम 51 वोट चाहिए थे जिसमें उपराष्ट्रपति कमला हैरिस एक टाईब्रेकर के रूप में काम करतीं लेकिन उदारवादी डेमोक्रेटिक सीनेटर जो मैनचिन ने उन्हें मत नहीं देने की घोषणा कर दी। जबकि रिपब्लिकन सीनेटरों को तोड़ने में वे नाकाम रहीं।
नियुक्तियों की पुष्टि काफी धीमी
बाइडन प्रशासन का मंत्रिमंडल आधुनिक अमेरिकी इतिहास में सबसे धीमी गति से आकार ले रहा है। शीर्ष पदों के लिए नामित 23 प्रत्याशियों में से सिर्फ एक दर्जन से कुछ अधिक अधिक (13) उम्मीदवारों के ही सीनेट की मंजूरी मिल पाई है। इस गति को काफी धीमा माना जा रहा है। बता दें कि ऑफिस ऑफ मैनेजमेंट एंड बजट का नेतृत्व करने वाली पहली महिला होती, जो चार ट्रिलियन डॉलर संघीय बजट का प्रबंधन करती।
विरोध को मैनेज नहीं कर सकीं नीरा
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, सीनेट में कई सांसदों ने टंडन के नामांकन पर यह कहकर सवालिया निशान लगाए थे कि वे दोनों दलों के साथ मिलकर यह पद नहीं संभाल पाएंगी। भारतीय समयानुसार बुधवार को साफ हो गया कि यदि वोटिंग हुई तो टंडन की नियुक्ति को मंजूरी नहीं मिलेगी। इसके बाद बाइडन ने नामांकन वापस लेने का फैसला किया और कहा कि टंडन नाम वापस लेना चाहती हैं जिसका मैं सम्मान करता हूं।
कोरोना राहत फंड बना मजबूरी
बाइडन ने सत्ता संभालने के बाद 1.9 ट्रिलियन डॉलर के कोरोना राहत फंड का एलान किया था, जिसे अब तक सीनेट की मंजूरी नहीं मिली है। जबकि सीनेट में दोनों पार्टियों के पास 50-50 सीटें हैं। ऐसे में अगर रिपब्लिकन बाइडन के इस पैकेज का समर्थन नहीं करते तो उन्हें दिक्कत हो जाएगी। बताया जा रहा है कि ऐसे में बाइडन चाहते हुए भी नीरा टंडन को लेकर बैकफुट पर आ गए।