Hindi News
›
World
›
US state Principal Deputy Spokesperson Vedant Patel said We Are watching Rahul Gandhi case in Indian courts
{"_id":"64220af968583ccddd0366e6","slug":"us-state-principal-deputy-spokesperson-vedant-patel-said-we-are-watching-rahul-gandhi-case-in-indian-courts-2023-03-28","type":"story","status":"publish","title_hn":"US: राहुल मामले पर आया अमेरिका का बयान, विदेश विभाग के प्रवक्ता वेदांत पटेल को केंद्रीय मंत्री ने दिया जवाब","category":{"title":"World","title_hn":"दुनिया","slug":"world"}}
US: राहुल मामले पर आया अमेरिका का बयान, विदेश विभाग के प्रवक्ता वेदांत पटेल को केंद्रीय मंत्री ने दिया जवाब
एएनआई, वाशिंगटन
Published by: वीरेंद्र शर्मा
Updated Tue, 28 Mar 2023 10:12 PM IST
सार
लेटेस्ट अपडेट्स के लिए फॉलो करें
अमेरिका में भारतीय राजनयिक सुविधाओं पर विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसक घटनाओं की सरकार ने निंदा की है। अमेरिका के प्रधान उप प्रवक्ता वेदांत पटेल ने कहा कि हिंसा या हिंसा की धमकी कभी भी स्वीकार्य नहीं है।
अमेरिका के प्रधान उप प्रवक्ता वेदांत पटेल
- फोटो : ANI
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रधान उप प्रवक्ता वेदांत पटेल ने सोमवार को कहा, संयुक्त राज्य भारतीय अदालतों में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के मामले की निगरानी कर रहा है। उन्होंने कहा, अमेरिका अपने भारतीय भागीदारों के साथ हमारे संबंधों में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता सहित लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति साझा प्रतिबद्धता पर भारत सरकार के साथ है।
उन्होंने राहुल गांधी के निष्कासन के संबंध में एक सवाल का जवाब देते हुए प्रेस कांफ्रेंस में कहा, कानून के शासन और न्यायिक स्वतंत्रता के लिए सम्मान किसी भी लोकतंत्र की आधारशिला है और हम राहुल गांधी के मामले को भारतीय अदालतों में देख रहे हैं। सूरत की अदालत ने गुरुवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी को कर्नाटक में एक चुनावी रैली के दौरान 2019 में की गई उनकी 'मोदी उपनाम' टिप्पणी पर मानहानि के मामले में दो साल कैद की सजा सुनाई थी। इस मामले में राहुल गांधी के खिलाफ सूरत पश्चिम से भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी ने आपराधिक मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था।
हिंसा या हिंसा की धमकी स्वीकार्य नहीं
अमेरिका में भारतीय राजनयिक सुविधाओं पर विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसक घटनाओं की सरकार ने निंदा की है। अमेरिका के प्रधान उप प्रवक्ता वेदांत पटेल ने कहा कि हिंसा या हिंसा की धमकी कभी भी स्वीकार्य नहीं है। भारत के राजदूत और पत्रकार पर खालिस्तानी समर्थकों द्वारा हाल ही में किए गए हमले पर उन्होंने यह जवाब दिया। उन्होंने कहा, अमेरिका में राजनयिक सुविधाओं और कर्मियों के खिलाफ हिंसा या हिंसा की धमकी एक गंभीर चिंता का विषय है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हम इन सुविधाओं और उनके भीतर काम करने वाले राजनयिकों की सुरक्षा के लिए सभी उचित कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके अलावा पत्रकारों पर भी हमले स्वीकार्य नहीं हम अपना काम करने के लिए मीडिया के एक सदस्य के खिलाफ हिंसा की किसी भी घटना की निंदा करते हैं, और राजनयिक सुविधाओं के खिलाफ किसी भी तरह की बर्बरता की कार्रवाई की निंदा करते है।
भारतीय दूतावास में की थी तोड़फोड़
रविवार को सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर खालिस्तान समर्थकों ने हमला कर दिया था। प्रदर्शनकारियों ने इमारत के बाहर खालिस्तानी झंडे भी लहराए। जानकारी के मुताबिक, खालिस्तान समर्थकों ने नारे लगाते हुए प्रदर्शनकारियों ने अस्थाई सुरक्षा व्यवस्था को धवस्त करते हुए वाणिज्य दूतावास परिसर के अंदर दो तथाकथित खालिस्तानी झंडे लगाए। हालांकि वाणिज्य दूतावास के दो कर्मचारियों ने जल्द ही इन झंडों को हटा दिया। इस दौरान गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने वाणिज्य दूतावास परिसर में प्रवेश किया और अपने हाथों में लगी छड़ों से दरवाजे और खिड़कियों पर हमला बोल दिया।
इससे पहले भी व्हाइट हाउस ने की थी निंदा, कहा था ये बिल्कुल अस्वीकार्य है
इससे पहले भारतीय वाणिज्य दूतावास पर खालिस्तानी समर्थकों के हमले के बाद व्हाइट हाउस राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किर्बी का बयान आया था। उन्होंने कहा था कि 'हम निश्चित रूप से उस बर्बरता की निंदा करते हैं, यह बिल्कुल अस्वीकार्य है। विदेश विभाग की राजनयिक सुरक्षा सेवा उचित जांच के लिए स्थानीय अधिकारियों के साथ काम कर रही है। राज्य विभाग नुकसान की मरम्मत के लिए बुनियादी ढांचे के परिप्रेक्ष्य में काम करेगा।'
राहुल की संसद से अयोग्यता आंतरिक मामला: अनुराग ठाकुर
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने मंगलवार को एक अमेरिकी अधिकारी की इस टिप्पणी को खारिज कर दिया कि वाशिंगटन राहुल गांधी के अदालती मामले को देख रहा है और कहा कि कांग्रेस नेता की लोकसभा से अयोग्यता भारत का आंतरिक मामला है। उन्होंने कहा कि यह हमारा आंतरिक मामला है। कोई भी सर्वोच्च न्यायालय से ऊपर नहीं है। न्यायिक और संवैधानिक संस्थाएं हैं। उन्होंने (अमेरिका) एक सामान्य बयान दिया है।
विज्ञापन
विज्ञापन
रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get latest World News headlines in Hindi related political news, sports news, Business news all breaking news and live updates. Stay updated with us for all latest Hindi news.
विज्ञापन
विज्ञापन
एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें
Disclaimer
हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।