Hindi News
›
World
›
US scientists develop coating to capture airborne droplets
{"_id":"60cbe400ea030f0a6437199a","slug":"us-scientists-develop-coating-to-capture-airborne-droplets","type":"story","status":"publish","title_hn":"अमेरिका: घर के अंदर छींकने, खांसने से नहीं फैलेगा कोरोना, वैज्ञानिकों ने विकसित की नई तकनीक","category":{"title":"World","title_hn":"दुनिया","slug":"world"}}
अमेरिका: घर के अंदर छींकने, खांसने से नहीं फैलेगा कोरोना, वैज्ञानिकों ने विकसित की नई तकनीक
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, वाशिंगटन
Published by: Jeet Kumar
Updated Fri, 18 Jun 2021 05:56 AM IST
सार
लेटेस्ट अपडेट्स के लिए फॉलो करें
एयरोसोल और ड्रॉपलेट्स कोरोना वायरस के फैलने के प्रमुख कारण हैं।
अमेरिकी वैज्ञानिकों ने इस पर काबू पाने के लिए नई तकनीक विकसित की है।
कोरोना वायरस फैलने का सबसे बड़ा कारण एयरोसोल और ड्रॉपलेट्स होते हैं। इससे निपटने के लिए अमेरिकी वैज्ञानिकों ने एक ऐसी तकनीक विकसित की है जिससे खांसी और छींक आदि से निकलने वाली ड्रॉपलेट्स अब नहीं फैलेंगी।
ड्रॉपलेट्स फैलने से रोकने के लिए इस पदार्थ को कांच जैसी सतहों पर उपयोग किया जा सकता है। वैज्ञानिकों ने घर की दीवारों पर लगाने के लिए एक ऐसे चिपचिपे पदार्थ को विकसित किया है, जिसपर खांसी या छींक के बाद निकलने वाले ड्रॉप्लेट्स चिपक जाएंगे और इसी के साथ कोरोना वायरस भी चिपक जाएगा, जिससे इसके प्रसार को काबू करने में मदद मिलेगी।
इसे विकसित करने के लिए वैज्ञानिकों ने हेयर कंडीशनर में उपयोग की जाने वाली सामग्री का इस्तेमाल किया गया है। उम्मीद जताई जा रही है कि कोविड और अन्य वायुजनित रोगों के खिलाफ लड़ाई में यह तकनीक एक और हथियार बन जाएगा।
नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी के इंजीनियरिंग प्रोफेसर जियाक्सिंग हुआंग, इस विषय पर एक लेख लिखा है जिसे बुधवार को केम पत्रिका में प्रकाशित किया था उसमें कहा गया है कि ट्रॉपलेट्स हर समय भीतरी सतहों से टकराती हैं। वहीं कोविड-19 मुख्य रूप से श्वसन तरल पदार्थ के माध्यम से फैलता है- जैसे मुंह से निकले ड्रॉपलेट्स और महीन एरोसोल। जब कोई संक्रमित व्यक्ति बोलता है, छींकता है या सांस लेता है तो उससे निकले ड्रॉपलेट्स के जरिए कोरोना वायरस हवा में फैलता है और दूसरे व्यक्त को संक्रमित करता है।
ऐसे में इसे हटाने का एकमात्र तरीका है खिड़कियां खोलना और हाई फिल्टरेशन उपकरणों का उपयोग करना जो महीन कणों को पकड़ते हैं और खत्म कर देते हैं। वैज्ञानिकों ने इस चिपचिपे पदार्थ को ब्रश के साथ दिवार की सतहों पर लगाया और लेपित और बिना लेपित सतहों की तुलना करने के लिए परीक्षण किए। उनको इसमें काफी सफलता मिली है।
हुआंग का कहना है कि यह अभी इस्तेमाल किया जा सकता है कि नहीं इस विचार किया जाएगा। इससे हम वायुजनित रोगों से बेहतर ढंग से मुकाबला कर पाएंगे।
विज्ञापन
विज्ञापन
रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get latest World News headlines in Hindi related political news, sports news, Business news all breaking news and live updates. Stay updated with us for all latest Hindi news.
विज्ञापन
विज्ञापन
एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें
Disclaimer
हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।