पढ़ें अमर उजाला ई-पेपर
कहीं भी, कभी भी।
*Yearly subscription for just ₹299 Limited Period Offer. HURRY UP!
संयुक्त राष्ट्र ने कई प्राकृतिक आपदाओं और महामारी से प्रभावित अफगानिस्तान में जीवनरक्षक उपाय की आवश्यकता के मद्देनजर लगभग 1.6 करोड़ लोगों की सहायता के लिए 1.3 अरब डॉलर की मांग की है।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा कि सहायता की जरूरत वाले लोगों की संख्या चार साल पहले की तुलना में छह गुना अधिक है। उस समय तकरीबन 23 लाख लोगों को मदद ती जरूरत थी।
दुजारिक ने कहा कि महामारी के कारण लोगों के पास आजीविका का साधन भी नहीं बचा है, इससे भुखमरी बढ़ी है। उन्होंने कहा कि 2021 में अफगानिस्तान की लगभग आधी आबादी को जीवित रहने के लिए मानवीय सहायता की आवश्यकता होगी। मानवीय मामलों के समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (ओसीएचए) के अनुसार, पूरे अफगानिस्तान में लगभग 1.84 करोड़ लोगों को सहायता की आवश्यकता है।
अफगानिस्तान के लिए मानवतावादी समन्वयक पार्वती रामास्वामी ने एक मानवीय प्रतिक्रिया योजना को पेश करते हुए कहा, संकट के दौरान बेटियों की कम उम्र में शादी हो रही है और लोग अपने बच्चों को काम पर भेजने व पेट पालने के लिए कर्ज में डूबते जा रहे हैं।
संयुक्त राष्ट्र ने कई प्राकृतिक आपदाओं और महामारी से प्रभावित अफगानिस्तान में जीवनरक्षक उपाय की आवश्यकता के मद्देनजर लगभग 1.6 करोड़ लोगों की सहायता के लिए 1.3 अरब डॉलर की मांग की है।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा कि सहायता की जरूरत वाले लोगों की संख्या चार साल पहले की तुलना में छह गुना अधिक है। उस समय तकरीबन 23 लाख लोगों को मदद ती जरूरत थी।
दुजारिक ने कहा कि महामारी के कारण लोगों के पास आजीविका का साधन भी नहीं बचा है, इससे भुखमरी बढ़ी है। उन्होंने कहा कि 2021 में अफगानिस्तान की लगभग आधी आबादी को जीवित रहने के लिए मानवीय सहायता की आवश्यकता होगी। मानवीय मामलों के समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (ओसीएचए) के अनुसार, पूरे अफगानिस्तान में लगभग 1.84 करोड़ लोगों को सहायता की आवश्यकता है।
अफगानिस्तान के लिए मानवतावादी समन्वयक पार्वती रामास्वामी ने एक मानवीय प्रतिक्रिया योजना को पेश करते हुए कहा, संकट के दौरान बेटियों की कम उम्र में शादी हो रही है और लोग अपने बच्चों को काम पर भेजने व पेट पालने के लिए कर्ज में डूबते जा रहे हैं।