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रूस से यूरोप तक जाने वाली गैस पाइपलाइनें- नॉर्ड स्ट्रीम-1 और नॉर्ड स्ट्रीम-2 में कथित तोड़फोड़ के लिए रूस ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जांच की मांग की और इसके लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में एक प्रस्ताव लेकर आया, लेकिन यूएनएससी ने प्रस्ताव का समर्थन नहीं किया। रूसी समाचार एजेंसी तास (TASS) ने बताया कि यूएनएससी ने सोमवार को नॉर्ड स्ट्रीम में तोड़फोड़ की अंतरराष्ट्रीय जांच पर रूस और चीन के प्रस्ताव का समर्थन नहीं किया।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में सोमवार (27 मार्च) को रूस से जर्मनी तक नॉर्ड स्ट्रीम गैस पाइपलाइनों में पिछले साल हुई तोड़फोड़ की स्वतंत्र जांच की मांग करने वाले मॉस्को के प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया। पश्चिमी देशों ने सितंबर 2022 में बाल्टिक सागर के नीचे हुए विस्फोटों के लिए रूस को जिम्मेदार ठहराया है, लेकिन रूस ने इसके लिए पश्चिम पर तबाही का आरोप लगाया है।
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रूस और चीन के प्रस्ताव का सिर्फ तीन देशों ने समर्थन किया और 12 देशों ने मतदान में भाग नहीं लिया। इस प्रकार, अनुमोदन के लिए आवश्यक नौ वोट प्राप्त करने में यह प्रस्ताव विफल रहा। प्रस्ताव को रूस, चीन और ब्राजील ने समर्थन दिया, जबकि अल्बानिया, ब्रिटेन, गैबॉन, घाना, माल्टा, मोजाम्बिक, यूएई, अमेरिका, फ्रांस, स्विट्जरलैंड, इक्वाडोर और जापान मतदान से दूर रहे।
प्रस्ताव को बेलारूस, वेनेजुएला, डीपीआरके, निकारागुआ, सीरिया और इरिट्रिया ने भी समर्थन दिया था। हालांकि, ये देश सुरक्षा परिषद के सदस्य नहीं हैं इसलिए उन्होंने मतदान में भाग नहीं लिया। बता दें कि यूएनएससी में एक प्रस्ताव को अपनाने के लिए कम से कम नौ सुरक्षा परिषद सदस्यों का समर्थन होना चाहिए। स्थायी सदस्यों में से कोई भी इसे वीटो कर सकता है, लेकिन ऐसा तब हो सकता है जब प्रस्ताव को पारित करने के लिए आवश्यक संख्या में वोट प्राप्त होते हैं। यदि प्रस्ताव को आठ मत प्राप्त होते हैं और अमेरिका इसके विरुद्ध मत देता है, तो इसका अर्थ है कि वीटो का उपयोग नहीं किया गया था।हालांकि, यदि दस्तावेज को नौ या अधिक मत प्राप्त होते हैं, तो इसके विरुद्ध मतदान करने पर वीटो शक्ति का उपयोग होगा।
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वोटिंग के बाद रूस ने लगाया पक्षपात का आरोप
संयुक्त राष्ट्र में रूसी दूत वासिली नेबेंजिया ने कहा, हमें कुछ यूरोपीय राज्यों की ओर से दी गई राष्ट्रीय जांच की निष्पक्षता और पारदर्शिता के बारे में बहुत अच्छे से ध्यान है। उन्होंने बढ़ते संदेह की ओर इशारा किया कि तीन जांचों का उद्देश्य "तोड़फोड़ के कृत्यों के साथ क्या हुआ, इस पर प्रकाश डालना नहीं है, बल्कि सबूतों को छिपाना और अपराध स्थल को साफ करना है। उन्होंने आगे कहा, मुझे लगता है कि आज के मतदान के बाद, नॉर्ड स्ट्रीम पर तोड़फोड़ के पीछे कौन है, इस पर संदेह स्पष्ट हो गया है।
अमेरिका ने कराया था नॉर्ड स्ट्रीम गैस पाइपलाइन में ब्लास्ट?
अमेरिकी पत्रकार सीमोर हर्श का सनसनीखेज दावा खारिज कर दिया गया है। पत्रकार ने दावा किया था कि बाल्टिक सागर में नॉर्ड स्ट्रीम अंडरवाटर गैस पाइपलाइन को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के इशारे पर उड़ाया गया था। दावा था कि अमेरिकी नौसेना के गोताखोरों ने नॉर्वे की मदद से पिछले जून में पाइपलाइनों पर विस्फोटक लगाए और तीन महीने बाद उन्हें विस्फोट कर दिया।