विज्ञापन
Hindi News ›   World ›   Turkey election: Islamic fundamentalism benefited for recep tayyip erdogan

Turkey election: इस्लामी कट्टरपंथ काम आया आर्दोआन के, रूस को मिली तुर्किये से अच्छी खबर

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, अंकारा Published by: Harendra Chaudhary Updated Tue, 30 May 2023 12:35 PM IST
सार

Turkey election: तुर्किये में राष्ट्रपति चुनाव के लिए पहले दौर का मतदान 14 मई को हुआ था। उसमें आर्दोआन 50 फीसदी वोट पाने में सफल नहीं हो सके थे। इस कारण उन्हें दूसरे दौर के मतदान में उतरना पड़ा। 14 मई को ही तुर्किये की संसद का चुनाव भी हुआ था...

Turkey election: Islamic fundamentalism benefited for recep tayyip erdogan
recep tayyip erdogan - फोटो : Agency (File Photo)

विस्तार
Follow Us

तुर्किये में राष्ट्रपति रजिब तयिब आर्दोआन देश की इस्लामी पहचान पर जोर देते हुए रूढ़िवादी मतदातों को गोलबंद करने में सफल रहे। इसी वजह से रविवार को वे एक बार फिर राष्ट्रपति चुन लिए गए। इसके पहले अनुमान यह लगाया गया था कि रिकॉर्ड तोड़ महंगाई और फरवरी में आए भूकंप में कमजोर राहत कार्यों के कारण इस बार उनकी जीत मुश्किल है। चुनावी मुकाबला सचमुच कठिन रहा। लेकिन आखिरकार राष्ट्रपति चुनाव के दूसरे दौर के मतदान में 52.1 फीसदी वोट हासिल कर आर्दोआन जीत गए।

आर्दोआन की सत्ता अब तीसरे दशक में प्रवेश कर गई है। वे सबसे 2003 में विजयी हुए थे और देश के प्रधानमंत्री बने थे। एक दशक तक प्रधानमंत्री रहने के बाद उन्होंने शासन प्रणाली को बदल दिया और राष्ट्रपति बन गए। आर्दोआन के शासनकाल के आरंभिक दिनों में तुर्किये ने ऊंची आर्थिक वृद्धि दर हासिल की थी। लेकिन हाल में देश ऊंची महंगाई और मुद्रा लीरा के भारी अवमूल्यन से जूझता रहा है।

इस चुनाव अभियान के दौरान ने हालांकि आर्दोआन ने अपनी कई आर्थिक सफलताओं का दावा किया, लेकिन समझा जाता है कि इस्लामी कट्टरपंथी मुद्दों से उन्हें ज्यादा फायदा हुआ। आर्दोआन ने समलैंगिकता विरोध को अपने चुनाव प्रचार में एक प्रमुख मुद्दा बनाया। इसके अलावा उन्होंने बार 2020 के अपने उस फैसले का जिक्र किया, जिसके तहत यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज साइट हेजिया सोफिया को वापस मस्जिद में बदल दिया गया था।

तुर्किये में राष्ट्रपति चुनाव के लिए पहले दौर का मतदान 14 मई को हुआ था। उसमें आर्दोआन 50 फीसदी वोट पाने में सफल नहीं हो सके थे। इस कारण उन्हें दूसरे दौर के मतदान में उतरना पड़ा। 14 मई को ही तुर्किये की संसद का चुनाव भी हुआ था। इसमें आर्दोआन की एकेपी पार्टी के नेतृत्व वाले गठबंधन को पूर्ण बहुमत मिल गया था। विश्लेषकों के मुताबिक संसद में बहुमत के कारण आर्दोआन अपनी खास नीतियों को जारी रखने की स्थिति में होंगे।

जीत के बाद आर्दोआन ने जो भाषण दिया, उससे साफ संकेत मिला कि ऊंची महंगाई के बावजूद वे निम्न ब्याज दर की नीति जारी रखेंगे। अपनी इस नीति का समर्थन करते हुए उन्होंने कहा- ‘ब्याज दरें गिरी हैं तो अब आप देखेंगे कि मुद्रास्फीति दर भी नीचे आएगी।’ जानकारों के मुताबिक आर्दोआन की यह सोच परंपरागत अर्थशास्त्र के खिलाफ है। इसके बावजूद वे इस नीति को आगे बढ़ाते रहे हैं।

विदेश नीति के मामले में संभावना है कि आर्दोआन सरकार अमेरिका और यूरोप से अलग नीति पर चलती रहेगी। हालांकि तुर्किये अमेरिकी नेतृत्व वाले सैन्य गठबंधन नाटो का सदस्य है, लेकिन आर्दोआन ने रूस के राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन से निकट रिश्ते बना रखे हैं। यूक्रेन युद्ध के बाद रूस पर लगाए गए पश्चिमी प्रतिबंधों में उनकी सरकार शामिल नहीं हुई है।  

विज्ञापन

वॉशिंगटन स्थित थिंक टैंक नियर ईस्ट पॉलिसी में टर्किस रिसर्च प्रोग्राम के निदेशक सोनेर केगेपटे ने कहा है- ‘नाटो के भीतर तुर्किये अलग सुर अपनाए रख कर इस संगठन के भीतर खलल डालता रहेगा।’ रविवार को चुनाव परिणाम आने के बाद पुतिन ने ‘अपने प्रिय मित्र’ आर्दोआन को बधाई दी और उनकी स्वतंत्र विदेश नीति की तारीफ की। उधर पश्चिमी राजधानियों में मायूसी देखी गई।

विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get latest World News headlines in Hindi related political news, sports news, Business news all breaking news and live updates. Stay updated with us for all latest Hindi news.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Independence day

अतिरिक्त ₹50 छूट सालाना सब्सक्रिप्शन पर

Next Article

फॉन्ट साइज चुनने की सुविधा केवल
एप पर उपलब्ध है

app Star

ऐड-लाइट अनुभव के लिए अमर उजाला
एप डाउनलोड करें

बेहतर अनुभव के लिए
4.3
ब्राउज़र में ही
X
Jobs

सभी नौकरियों के बारे में जानने के लिए अभी डाउनलोड करें अमर उजाला ऐप

Download App Now

अपना शहर चुनें और लगातार ताजा
खबरों से जुडे रहें

एप में पढ़ें

क्षमा करें यह सर्विस उपलब्ध नहीं है कृपया किसी और माध्यम से लॉगिन करने की कोशिश करें

Followed

Reactions (0)

अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं

अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करें