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Taiwan: ताइवान में राष्ट्रपति चुनाव के छह महीने पहले गरमा गया #मीटू का मुद्दा

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, ताइपे Published by: Harendra Chaudhary Updated Sat, 10 Jun 2023 03:12 PM IST
सार

ताइवान में राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान अगले जनवरी में होगा। डीपीपी के अध्यक्ष लाइ चेंग-ते उस चुनाव में पार्टी का उम्मीदवार बनने की तैयारी में हैं। डीपीपी ताइवान की आजादी की समर्थक है, इसलिए इस पार्टी को पश्चिमी देशों का समर्थन मिला हुआ है...

Six months before the president election in Taiwan, the issue of MeToo heated up
Tsai ing wen - फोटो : Agency (File Photo)

विस्तार
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ताइवान में राष्ट्रपति चुनाव के गरमा रहे माहौल के बीच #मीटू का मुद्दा उछल गया है। अपने को यौन उत्पीड़न का शिकार बताने वाली कई महिलाएं सामने आई हैं, जिन्होंने गंभीर इल्जाम लगाए हैं। ताइवान मसले को लेकर अमेरिका और चीन के बीच बढ़ रहे टकराव और युद्ध की गहरा रही आशंका के बीच यहां के अगले राष्ट्रपति चुनाव पर दुनिया भर की नजर है। इसीलिए #मीटू के लगे इल्जाम अंतरराष्ट्रीय मीडिया में भी सुर्खियों में आए हैं।

इस मंगलवार को ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग-वेन ने इस बात को लेकर सार्वजनिक माफी मांगी कि उनकी डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (डीपीपी) ने यौन उत्पीड़न के मामलों पर सही नजरिया नहीं अपनाया। उन्होंने वादा किया है कि अब सरकार शिकायत दर्ज कराने के सिस्टम में सुधार करेगी, ताकि #मीटू की शिकार महिलाएं आसानी से अपनी शिकायत दर्ज करा पाएं।

ताइवान में राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान अगले जनवरी में होगा। डीपीपी के अध्यक्ष लाइ चेंग-ते उस चुनाव में पार्टी का उम्मीदवार बनने की तैयारी में हैं। डीपीपी ताइवान की आजादी की समर्थक है, इसलिए इस पार्टी को पश्चिमी देशों का समर्थन मिला हुआ है। लाइ ने एक बयान में कहा है कि उनकी सरकार #मीटू के हर आरोप को गंभीरता से लेगी और जिन्होंने ऐसे मामलों पर परदा डालने की कोशिश की है, उनको दंडित किया जाएगा। उन्होंने स्वीकार किया कि पिछले एक हफ्ते के दौरान #मीटू के जो मामले सामने आए हैं, उनसे डीपीपी की छवि खराब हुई है।

प्रमुख विपक्षी दल कुओमिनतांग (केएमटी) ने इस विवाद को पहले डीपीपी पर हमला बोलने का हथियार बनाया। लेकिन इसी बीच कुओमिनतांग पर भी यौन उत्पीड़न संबंधी कई मामलों पर ठीक रुख न अपनाने के आरोप लगे हैं। अब पार्टी के अध्यक्ष और राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को वेन-जे ने कहा है कि #मीटू आरोपों का इस्तेमाल अगले चुनाव में राजनीतिक हथियार के रूप में नहीं किया जाना चाहिए।

चीन के टीवी चैनल सीसीटीवी ने मंगलवार को एक रिपोर्ट में बताया था कि डीपीपी, केएमटी और एक अन्य पार्टी टीपीपी के नेताओं के खिलाफ यौन उत्पीड़न के कम-से-कम 20 मामले सामने आए हैं। कुछ वेबसाइटों पर सिर्फ उन मामलों का जिक्र किया है, जिनमें डीपीपी के नेता फंसे हैं। इन वेबसाइटों पर लिखी टिप्पणियों में लोगों से अपील की गई है कि अगले जनवरी में उन्हें यौन उत्पीड़न पर परदा डालने वाली पार्टी के उम्मीदवार को हरा देना चाहिए।

#मीटू का पहला मामला पिछले 31 मई को सामने आया था, जब डीपीपी की कार्यकर्ता चेन चियेन-जोउ ने अपने फेसबुक पोस्ट में आरोप लगाया कि एक फिल्म निदेशक ने तीन महीने उसे उत्पीड़ित किया था। उन्होंने कहा कि उन्होंने इस बारे में जब सूचना दी, तो डीपीपी की उप महासचिव और महिला विभाग की प्रमुख सु चिया-तियेन ने इस पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया। सारी जानकारी लेने के बाद उन्होंने पीड़िता से कह दिया कि उसे केस दर्ज कराना है या नहीं, इस बारे में वह खुद फैसला ले।

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चेन के फेसबुक पोस्ट के बाद सु ने एक जून को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। लेकिन उसके बाद ऐसे आरोप लगाने वाली कई महिलाएं सामने आईं। कुछ महिलाओं ने अपनी पहचान गुप्त रखते हुए अपनी आपबीती बताई है।

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