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Shangri La Dialogue: अमेरिका और चीन की जुबानी जंग का शिकार बना शांगरी-ला डायलॉग

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, सिंगापुर Published by: Harendra Chaudhary Updated Mon, 05 Jun 2023 05:23 PM IST
सार

Shangri La Dialogue: ऑस्टिन ने रविवार को कई ट्विट पोस्ट कर सिंगापुर में उन्हें हासिल हुई कामयाबियों का विवरण दिया। लेकिन विश्लेषकों का कहना है कि शांगरी-ला डायलॉग में अमेरिका और चीन के बीत बढ़ते तनाव का खुल कर इजहार हुआ। खास कर ताइवान को लेकर बढ़ रहे तनाव का जिक्र यहां छाया रहा...

Shangri La Dialogue became a victim of the war of words between America and China
Shangri La Dialogue: US Defense Secretary Lloyd Austin - फोटो : Agency

विस्तार
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यहां शांगरी-ला सिक्योरिटी डायलॉग में शामिल होने आए अमे रिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन का ध्यान चीन के खिलाफ लामबंदी को और मजबूत करने पर टिका रहा। यहां उन्होंने जापान, ऑस्ट्रेलिया और फिलीपींस के रक्षा मंत्रियों के साथ महत्त्वपूर्ण बैठक की। बताया गया है कि इन चारों देशों में निकट तालमेल की यहां से शुरुआत हुई है। इसके अलावा खुफिया जानकारियों को साझा लगातार करने का तंत्र बनाने पर उनकी जापान और दक्षिण कोरिया के साथ सहमति बनी।     

शांगरी-ला डॉयलॉग से पहले चीन के रक्षा मंत्री के साथ ऑस्टिन की द्विपक्षीय वार्ता को लेकर कड़वाहट पैदा हो चुकी थी। चीन ने इस वार्ता के लिए अमेरिकी प्रस्ताव को ठुकरा दिया था। शुक्रवार डिनर के मौके पर चीन के रक्षा मंत्री ली शांगफू ने ऑस्टिन से हाथ मिलाया, लेकिन दोनों के बीच कोई संवाद नहीं हुआ। शनिवार को डायलॉग को संबोधित करते हुए ऑस्टिन ने कहा- ‘डिनर के समय हाथ मिलाना ठोस वार्ता का विकल्प नहीं है।’

रविवार को दिए अपने भाषण में ली ने संकेतों में अमेरिका पर आरोप लगाया कि वार्ता ना होने के लिए वही जिम्मेदार है। उन्होंने कहा- ‘चीन अमेरिका के साथ मेजर-कंट्री (बड़े देश) प्रकार का संबंध बनाना चाहता है। अमेरिका को चाहिए कि वह गंभीरता दिखाए, अपनी कथनी और करनी में तालमेल कायम करे, संबंधों में स्थिरता लाए, और रिश्तों में बड़ी गिरावट को रोके।’ ली ने कहा- ‘धमकाने और दादागीरी के बजाय पारस्परिक सम्मान की जरूरत है।’

विश्लेषकों के मुताबिक इस टिप्पणी के जरिए ली ने संभवतः यह संकेत दिया कि उन पर अमेरिका ने जो प्रतिबंध लगा रखे हैं, वे असली कारण हैं, जिनके परिणास्वरूप उनकी ऑस्टिन के साथ बातचीत नहीं हुई। अमेरिका ने रूसी हथियार खरीदने में उनकी भूमिका को लेकर 2018 से ली पर प्रतिबंध लगा रखे हैं। तब चीन ने रूस से लड़ाकू विमान और धरती से हवा में मार करने वाली मिसाइलें खरीदी थीं।

ऑस्टिन ने रविवार को कई ट्विट पोस्ट कर सिंगापुर में उन्हें हासिल हुई कामयाबियों का विवरण दिया। लेकिन विश्लेषकों का कहना है कि शांगरी-ला डायलॉग में अमेरिका और चीन के बीत बढ़ते तनाव का खुल कर इजहार हुआ। खास कर ताइवान को लेकर बढ़ रहे तनाव का जिक्र यहां छाया रहा।

इसी दौरान मिसाइलों से लैस अमेरिकी लड़ाकू जहाज यूएसएस चुंग-हून और रॉयल कनेडियन नेवी के फ्रिगेट एचएमसीएस मॉन्ट्रियल ताइवान जलडमरूमध्य से गुजरे। उस दौरन चीनी लड़ाकू जहाज अमेरिकी जहाज के बहुत करीब तक आ गया। एक समय दोनों जहाजों के बीच की दूरी 135 मीटर रही। इस घटना का साया शांगरी-ला डायलॉग पर भी देखा गया।

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अमेरिकी सेना ने आरोप लगाया है कि चीनी जहाज ‘असुरक्षित ढंग से’ चलता नजर आया। जबकि चीन ने कहा है कि उसके जहाज ने अपनी वायु और जल सीमा के करीब यात्रा की। चीन ने परोक्ष रूप से कहा कि अमेरिकी और कनेडियन जहाज अपनी सीमा से बहुत दूर चीन के करीब आए। विश्लेषकों ने कहा है कि चीन और अमेरिका के बीच रक्षा बातचीत ना होना दोनों देशों के इरादों के बीच बढ़ती खाई का संकेत है। इस कारण एशिया प्रशांत क्षेत्र के लिए चिंताएं बढ़ती जा रही हैं।

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