लोकप्रिय और ट्रेंडिंग टॉपिक्स

विज्ञापन
Hindi News ›   World ›   Russia-China and Iran seems to be emerging in afghanistan

अफगानिस्तान में नए हालात: उभर रही है रूस-चीन-ईरान की तिकड़ी, तीनों को फूटी आंख नहीं सुहाता अमेरिका

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, काबुल Published by: Harendra Chaudhary Updated Wed, 14 Jul 2021 02:26 PM IST
सार

हाल में चीन और ईरान ने आपस में रणनीतिक रिश्ते कायम किए हैं। अफगानिस्तान के मौजूदा हालात के बीच भी ईरान ने अपनी खास भूमिका बनाई है। उसने अफगानिस्तान के सभी पक्षों से संपर्क बनाए रखा है। सिर्फ पिछले हफ्ते ही अफगानिस्तान के चार प्रतिनिधिमंडलों ने तेहरान की यात्रा की...

Russia-China and Iran seems to be emerging in afghanistan
मास्को में तालिबानी नेता और काबुलोव - फोटो : Agency (File Photo)

विस्तार

अफगानिस्तान में बन रहे नए हालात के बीच रूस-चीन और ईरान की एक तिकड़ी उभरती दिख रही है। ये तिकड़ी मध्य एशियाई देशों को साथ लेकर अफगानिस्तान में अपना निर्णायक प्रभाव कायम करने की कोशिश में है। यहां के पर्यवेक्षकों के मुताबिक ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे में शंघाई सहयोग संगठन के अफगान कॉन्टैक्ट ग्रुप की हुई बैठक से यही संकेत मिला। मध्य एशियाई देश- तुर्कमेनिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान भी शंघाई सहयोग संगठन के सदस्य हैं।



हांगकांग से चलने वाली वेबसाइट एशिया टाइम्स के एक विश्लेषण में कहा गया है कि रूस और चीन तालिबान से यह वादा कराने की कोशिश में हैं कि वह जिहादी सोच को पनपने का मौका नहीं देगा। गौरतलब है कि अफगानिस्तान चीन की बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव का हिस्सा है, जबकि रूस उसे अपने नेतृत्व वाले यूरेशियन इकोनॉमिक यूनियन में जोड़ना चाहता है। इसलिए रूस और चीन चाहते हैं कि भविष्य में अफगानिस्तान के प्रबंधन में पश्चिमी देशों की कोई भूमिका ना बचे।

शिनजियांग को लेकर चीन चिंतित

शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) में चाइनीज रिसर्च सेंटर के कार्यकारी निदेशक सुन झुआंगझी ने एशिया टाइम्स से कहा, एससीओ ऐसी योजना तैयार करने में सक्षम है, जिससे अफगानिस्तान में राजनीतिक स्थिरता, उसकी सुरक्षा, आर्थिक विकास, और इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं के विकास का रास्ता खुल सके। चीनी विशेषज्ञों के मुताबिक पिछले दो दशक में चीन अलग-अलग देशों के साथ आर्थिक जुड़ाव बनाने के अलावा आतंकवाद और अलगाववाद को लेकर भी चिंतित रहा है। उसकी कोशिश रही है कि उसके शिनजियांग प्रांत में इस्लामी चरमपंथियों को अपने पांव फैलाने का मौका ना मिले।

रूस की आतंकी संगठन की सूची में है तालिबान

जानकारों के मुताबिक इस लिहाज से तालिबान का मामला पेचीदा है। रूस ने आज भी उसे आतंकवादी संगठन की सूची में डाल रखा है। लेकिन अफगानिस्तान में उभर रही स्थिति के बीच रूस और चीन दोनों तालिबान की अहमियत भी समझ रहे हैं। इसीलिए चीन ने पाकिस्तान से कहा है कि वह बीजिंग, इस्लामाबाद और काबुल के बीच संपर्क और संवाद की एक त्रिपक्षीय व्यवस्था कायम करे। पर्यवेक्षकों के मुताबिक इसी बिंदु पर ईरान की भूमिका भी अहम हो गई है।


हाल में चीन और ईरान ने आपस में रणनीतिक रिश्ते कायम किए हैं। अफगानिस्तान के मौजूदा हालात के बीच भी ईरान ने अपनी खास भूमिका बनाई है। उसने अफगानिस्तान के सभी पक्षों से संपर्क बनाए रखा है। सिर्फ पिछले हफ्ते ही अफगानिस्तान के चार प्रतिनिधिमंडलों ने तेहरान की यात्रा की। इस सिलसिले में तालिबान की तरफ से पिछले दिनों किया गया ये वादा महत्वपूर्ण है कि वह नागरिकों, स्कूलों, मस्जिदों, अस्पतालों और गैर-सरकारी संगठनों के ठिकानों पर हमला नहीं करेगा। अतीत में ऐसे कई हमलों से ईरानी हित प्रभावित होते रहे हैं।

ईरान में 7.80 लाख रजिस्टर्ड अफगान शरणार्थी

ईरान एससीओ का पूर्ण सदस्य नहीं है। लेकिन वह पर्यवेक्षक के रूप में इसमें शामिल है। हाल में तमाम ऐसे संकेत रहे हैं कि ईरान अफगानिस्तान के मामले में एससीओ में बनने वाली सहमति के साथ रहेगा। गौरतलब है कि ईरान में सात लाख 80 हजार रजिस्टर्ड अफगान शरणार्थी रहते हैं। जानकारों के मुताबिक गैर-कानूनी तौर पर ईरान में रहने वाले अफगान शरणार्थियों की संख्या 25 लाख तक है। इससे भी साफ है कि अफगानिस्तान में उभरने वाली सूरत के साथ ईरान से सीधे हित जुड़े हुए हैं।

विज्ञापन

पर्यवेक्षकों के मुताबिक रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव, चीन के विदेश मंत्री वांग यी और ईरान के विदेश में जावेद जरीफ की हुई मुलाकातों में अफगानिस्तान के मामले पर पूरी सहमति रही है। इन तीन देशों का साथ आना इसलिए भी अहम है, क्योंकि इन तीनों के अमेरिका और पश्चिमी देशों के साथ संबंध तनावपूर्ण हैं। संकेत हैं कि ये तीनों देश अफगानिस्तान से अमेरिकी फौज जाने के बाद वहां ऐसी व्यवस्था बनाने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे आगे वहां पश्चिमी देशों की कोई भूमिका न रहे।

विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get latest World News headlines in Hindi related political news, sports news, Business news all breaking news and live updates. Stay updated with us for all latest Hindi news.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

क्षमा करें यह सर्विस उपलब्ध नहीं है कृपया किसी और माध्यम से लॉगिन करने की कोशिश करें

Followed