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Rishi Sunak strict on e cigarette or vapes says taking action against rogue companies for the safety of childr
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Vapes Crackdown: ब्रिटेन में बच्चों को लग रही ई-सिगरेट की लत! PM सुनक ने किया कंपनियों पर शिकंजा कसने का एलान
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, लंदन
Published by: Jeet Kumar
Updated Tue, 30 May 2023 08:21 PM IST
ई-सिगरेट से होने वाले नुकसान किसी से छुपे नहीं हैं, फिर भी कम उम्र के बच्चे इसका सेवन करते हैं। हालांकि, भारत में इस पर पहले से ही बैन है लेकिन ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक भी अब इस पर शिकंजा कसने के लिए कार्रवाई कर रहे हैं। मंगलवार को उन्होंने कहा कि मेरी बेटियाँ 10 और 12 साल की हैं और मैं नहीं चाहता कि मार्केटिंग, प्रचार और बिक्री से वे ई-सिगरेट की तरफ वह आकर्षित हों। इसके खिलाफ कड़े नियम किए जाएंगे।
ऋषि सनक ने कहा है कि उन्होंने मार्केटिंग नियमों को मजबूत करने ने का संकल्प लिया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि वह नहीं चाहते कि उनकी बेटियां इन चीजों से बहकें। बता दें कि वैप्स यानी ई-सिगरेट को लेकर एक रिपोर्ट भी जारी हुई थी जिसमें बताया गया था कि वैप्स या ई-सिगरेट में उच्च स्तर का लेड होता है जो मस्तिष्क के विकास को प्रभावित कर सकता है। 18 साल से कम उम्र के बच्चों को वैप्स बेचना गैरकानूनी है।
उन्होंने कहा कि यही कारण है कि मैं आज बच्चों की सुरक्षा के लिए एक वैप्स (ई-सिगरेट) के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर रहा हूं और दुष्ट कंपनियों और ऑनलाइन बदमाशों के खिलाफ भी कार्रवाई कर रहा हूं, जो बच्चों के हाथों में ई-सिगरेट डाल रहे हैं। यूके सरकार ने यह भी घोषणा की है कि 18 साल से कम उम्र के लोगों को "निकोटीन-मुक्त" वैप्स बेचने वाले खुदरा विक्रेताओं पर प्रतिबंध लगाने की समीक्षा की जाएगी।
सुनक ने एक बयान में कहा कि मैं बच्चों के धूम्रपान में तेजी से वृद्धि के बारे में चिंतित हूं और स्कूली बच्चों के हाथों में लेड युक्त अवैध ई-सिगरेट की खबरों से हैरान हूं। इसलिए मैं आज आगे की कार्रवाई कर रहा हूं ताकि उन दुष्ट फर्मों पर शिकंजा कसा जा सके जो इन उत्पादों के साथ हमारे बच्चों को अवैध रूप से निशाना बनाती हैं।
क्लैंप डाउन 2021 के हालिया राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (एनएचएस) के आंकड़ों के अनुसार 11 से 15 साल के नौ प्रतिशत बच्चे ई-सिगरेट या वेप्स का इस्तेमाल करते हैं, जो 2018 में छह प्रतिशत था।
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