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Pakistan: ऐसा बिजली संकट कभी नहीं देखा था पाकिस्तान, 95 फीसदी आबादी अंधेरे में रहने को हुई थी मजबूर

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, इस्लामाबाद Published by: संजीव कुमार झा Updated Fri, 27 Jan 2023 09:13 AM IST
सार

पाकिस्तान ने सोमवार को पहली बार इस तरह का बिजली संकट देखा जिसमें उसकी 95 फीसदी आबादी अंधेरे में रहने को मजबूर हुई थी। कारोबार से लेकर कई तरह के व्यवसाय ठर हो गए।

पाकिस्तान में बिजली संकट
पाकिस्तान में बिजली संकट - फोटो : Social Media

विस्तार

पाकिस्तान में पावर ग्रिड क्रैश होने से बीते सोमवार को 22 करोड़ लोग लगभग 95 फीसदी आबादी अंधेरे में रहने को मजबूर हो गई थी। समाचार एजेंसी  रॉयटर्स ने आंतरिक सरकारी रिपोर्ट के हवाले से यह जानकारी दी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस तरह का बिजली संकट पाकिस्तान ने पहली बार देखा है जिसमें देश का अधिकांश हिस्सा अंधेरे की चपेट में आ गया।



पूर्ण रूप से पावर ग्रिड क्रैश होना अब तक की सबसे बड़ी विफलता
रिपोर्ट में कहा गया है कि पूर्ण रूप से पावर ग्रिड क्रैश होना एक तरह से पाकिस्तान सरकार की अब तक सबसे बड़ी विफलता मानी जा रही है। पाकिस्तानी बिजली विभाग ने भी इसे अब तक की सबसे बड़ी चुनौती मानी है।  सोमवार को पाकिस्तान में ब्लैकआउट तीन महीने में ग्रिड की लगभग दूसरी और दक्षिण एशिया में तीसरी विफलता थी।


मोबाइल से लेकर इंटरनेट सेवा हो गई ठप्प
ग्रिड की विफलता ने पाकिस्तान में 22 करोड़ लोगों यानी कह सकते हैं कि 95 फीसदी आबादी को पूरे दिन के लिए अंधेरे में डाल दिया और व्यावसायिक गतिविधियों को बाधित कर दिया। इसके अलावा आउटेज ने इंटरनेट और मोबाइल सेवाओं को भी प्रभावित किया। बता दें  कि पाकिस्तान अपनी बिजली का कम से कम 60 फीसदी जीवाश्म ईंधन से हासिल करता है। 27 फीसदी बिजली हाइड्रोपावर और 10 फीसदी परमाणु और सौर ऊर्जा पर निर्भर है।

पाकिस्तान में कैसे हुआ इतना बड़ा ब्लैक आउट
आंतरिक नोट के अनुसार, सोमवार तड़के पावर ग्रिड की आवृत्ति 50.75 हर्ट्ज (एचजेड) तक बढ़ने से ब्लैकआउट शुरू हो गया, जिससे दक्षिण में ट्रांसमिशन लाइनों में गंभीर वोल्टेज में उतार-चढ़ाव हुआ। 50 हर्ट्ज से अधिक की आवृत्ति इंगित करती है कि उत्पन्न बिजली मांग से अधिक है, जबकि 50 हर्ट्ज से कम की आवृत्ति आपूर्ति की मांग से कम होने का संकेत देती है।

पाकिस्तान में पावर सिस्टम का फेल होना कोई नई बात नहीं
पाकिस्तान में पावर सिस्टम का फेल होना कोई नई बात नहीं है। यहां पिछले साल अक्तूबर में कराची, हैदराबाद, सुक्कुर, क्वेटा, मुल्तान और फैसलाबाद में बिजली गुल हो गई थी। इस दौरान भी बिजली संकट ने अस्पताल, कारखाने, कपड़ा उद्योग समेत कई क्षेत्रों को प्रभावित किया था।

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