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Russia President: रूस का राष्ट्रपति बनना चाहते हैं प्रिगोझिन? जानें क्या हैं उनके बदले तेवर के मायने

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मास्को Published by: शक्तिराज सिंह Updated Sun, 28 May 2023 04:47 PM IST
सार

प्रिगोझिन ने आरोप लगाया है कि रूस सरकार अपने बलों को पर्याप्त मात्रा में गोला-बारूद मुहैया नहीं करा रही है। उन्होंने यह भी कहा है कि जब वागनर ग्रुप के सैनिक बाखमुट के अंदरूनी इलाकों में लड़ रहे थे, तब रूसी सेना अपने मोर्चे की रक्षा करने में नाकाम रही।

Prigozhin wants to become the President of Russia? Know what is the meaning of their changed attitude
प्रिगोझिन - फोटो : सोशल मीडिया

विस्तार
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यूक्रेन के बाखमुट में रूस को जीत दिलवाने के बाद प्राइवेट आर्मी वागनर ग्रुप के प्रमुख येवगेनी प्रिगोझिन का कद रूस में तेजी से बढ़ा है। यहां ऐसी चर्चा है कि अपनी नई बनी हैसियत के कारण प्रिगोझिन में देश का राष्ट्रपति बनने की महत्त्वाकांक्षा जग गई है। प्रिगोझिन इन दिनों रक्षा मंत्री सहित देश के पूरे सैनिक नेतृत्व की कड़ी आलोचना कर कर रहे हैं। उनके इस बदले तेवर को उनकी इसी महत्त्वाकांक्षा से जोड़ कर देखा जा रहा है।


प्रिगोझिन ने आरोप लगाया है कि रूस सरकार अपने बलों को पर्याप्त मात्रा में गोला-बारूद मुहैया नहीं करा रही है। उन्होंने यह भी कहा है कि जब वागनर ग्रुप के सैनिक बाखमुट के अंदरूनी इलाकों में लड़ रहे थे, तब रूसी सेना अपने मोर्चे की रक्षा करने में नाकाम रही। उन्होंने इस सिलसिले में राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन पर भी कटाक्ष किया है। एक बयान में उन्होंने पुतिन को उनके लिए रूस में प्रचलित संबोधन ‘दादाजी’ कह कर संबोधित किया।


अपनी आलोचना का दायरा बढ़ाते हुए अब उन्होंने यहां तक कह दिया है कि यूक्रेन के खिलाफ युद्ध छेड़ना एक बड़ी गलती थी, जो रूस के लिए विनाशकारी साबित हो रही है। क्रेमलिन (रूसी राष्ट्रपति के कार्यालय) ने इस पर चुप्पी साधे रखी है। इसे रहस्यमय माना जा रहा है। जबकि बाखमुट में नौ महीनों तक चली लड़ाई में भले वागनर ग्रुप के सैनिकों ने मुख्य भूमिका निभाई, लेकिन उसका कमान प्रिगोझिन के हाथ में नहीं था। यह नेतृत्व तो सैन्य कमांडरों सर्गेई सुरोविकिन और मिखाइल मिजिन्त्सेव ने किया। प्रिगोझिन के बारे में बताया गया है कि वे प्रशिक्षित सैन्य कमांडर नहीं हैं।

रूसी मामलों के विशेषज्ञ और वॉशिंगटन स्थित थिंक टैंक सेंटर फॉर सिक्युरिटी पॉलिसी में सीनियर फेलॉ स्टीफन ब्रायन ने कहा है कि पुतिन और सेना की आलोचना पर क्रेमलिन की चुप्पी आश्चर्यजनक है, क्योंकि गुजरे महीनों में रूस में ऐसी आलोचना वर्जित रही है। ऐसे करने वाले आम नागरिकों को जेल में डाल दिया गया है। इस सिलसिले में ब्रायन ने जिक्र किया है कि 2024 में रूस में राष्ट्रपति चुनाव होने वाला है। पुतिन 70 साल के हो चुके हैं। ब्रायन के मुताबिक पुतिन संभवतः अभी तक यह फैसला नहीं कर पाए हैं कि वे चुनाव मैदान में उतरेंगे या नहीं। ऐसे में इन कयासों को बल मिला है कि संभवतः पुतिन प्रिगोझिन को अपने उत्तराधिकारी के रूप में देख रहे हों। 

विश्लेषकों के मुताबिक हालांकि प्रिगोझिन ने हाल में पुतिन पर भी कटाक्ष किए हैं, लेकिन अभी भी उन्हें पुतिन विश्वासपात्रों में माना जाता है। पुतिन के अन्य विश्वासपात्रों में रूस की खुफिया एजेंसी एफएसबी के पूर्व प्रमुख निकोलाई पेत्रुशेव और पूर्व राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव भी हैं। पुतिन के संभावित उत्तराधिकारियों में हाल तक इन दोनों के नाम की चर्चा रही है। लेकिन बाखमुट युद्ध में जीत के बाद इसमें प्रिगोझिन का नाम भी जुड़ गया है।  

चर्चा यह है कि प्रिगोझिन राष्ट्रपति पद चुनाव लड़ने की तैयारी में जुट गए हैँ। लेकिन उनके निकट सूत्रों का कहना है कि अगर पुतिन ने चुनाव ना लड़ने का फैसला किया, तभी वे मैदान में उतरेंगे।  
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