Hindi News
›
World
›
Parvez Musharraf Death: disease broke Musharraf, life became painful, this was the condition in the last time
{"_id":"63df76443b5b8c38ca272872","slug":"parvez-musharraf-death-disease-broke-musharraf-life-became-painful-this-was-the-condition-in-the-last-time-2023-02-05","type":"feature-story","status":"publish","title_hn":"Musharraf Death: इस बीमारी ने मुशर्रफ को तोड़ दिया था, दर्दनाक हो गई थी जिंदगी, आखिरी वक्त में ऐसा था हाल","category":{"title":"World","title_hn":"दुनिया","slug":"world"}}
Musharraf Death: इस बीमारी ने मुशर्रफ को तोड़ दिया था, दर्दनाक हो गई थी जिंदगी, आखिरी वक्त में ऐसा था हाल
स्पेशल डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: हिमांशु मिश्रा
Updated Sun, 05 Feb 2023 02:56 PM IST
सार
लेटेस्ट अपडेट्स के लिए फॉलो करें
परवेज मुशर्रफ ने कुछ समय पहले एक बयान में कहा था कि वह बेहद कठिन अवस्था से गुजर रहे हैं, जहां से रिकवरी संभव नहीं है। आइए जानते हैं मुशर्रफ की उस बीमारी के बारे में जिनसे उनकी मौत हुई।
पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ का निधन हो गया है। पाकिस्तान मीडिया के हवाले से यह खबर सामने आई है। मुशर्रफ लंबे समय से बीमार चल रहे थे और दुबई के अस्पताल में उनका इलाज किया जा रहा था। उन्होंने 79 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। मुशर्रफ अमाइलॉइडोसिस बीमारी से जूझ रहे थे। मुशर्रफ पिछले साल जून में भी तीन हफ्ते के लिए अस्पताल में भर्ती हुए थे। मुशर्रफ के परिवार ने उस समय उनके आधिकारिक ट्विटर अकाउंट के माध्यम से एक बयान में कहा था कि वह बेहद कठिन अवस्था से गुजर रहे हैं, जहां से रिकवरी संभव नहीं है। आइए जानते हैं मुशर्रफ की उस बीमारी के बारे में जिनसे उनकी मौत हुई।
पहले मुशर्रफ के बारे में जान लीजिए
परवेज मुशर्रफ का जन्म 11 अगस्त 1943 को दिल्ली के दरियागंज इलाके में हुआ था। 1947 में भारत विभाजन के कुछ दिन पहले ही उनके पूरे परिवार ने पाकिस्तान जाने का फैसला किया। उनके पिता पाकिस्तान सरकार में काम करते थे। साल 1998 में परवेज मुशर्रफ जनरल बने। उन्होंने भारत के खिलाफ कारगिल युद्ध की साजिश रची। लेकिन भारत के बहादुर सैनिकों ने उनकी हर चाल पर पानी फेर दिया। अपनी जीवनी ‘इन द लाइन ऑफ फायर - अ मेमॉयर' में जनरल मुशर्रफ ने लिखा कि उन्होंने कारगिल पर कब्जा करने की कसम खाई थी। लेकिन नवाज शरीफ की वजह से वो ऐसा नहीं कर पाए।
1999 से 2008 तक पाकिस्तान पर शासन करने वाले 79 वर्षीय जनरल मुशर्रफ पर राजद्रोह का आरोप लगाया गया था और 2019 में संविधान को निलंबित करने के लिए मौत की सजा दी गई थी। बाद में उनकी मौत की सजा को निलंबित कर दिया गया था। 2020 में लाहौर उच्च न्यायालय ने मुशर्रफ के खिलाफ नवाज शरीफ सरकार द्वारा की गई सभी कार्रवाइयों को असंवैधानिक घोषित कर दिया था, जिसमें उच्च राजद्रोह के आरोप पर शिकायत दर्ज करना और एक विशेष अदालत के गठन के साथ-साथ इसकी कार्यवाही भी शामिल थी।
1998 में रहे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने परवेज मुशर्रफ को सेना प्रमुख बनाया था। लेकिन एक साल बाद ही 1999 में जनरल मुशर्रफ ने नवाज शरीफ का तख्तापलट कर दिया और पाकिस्तान के तानाशाह बन गए। उनके सत्ता संभालते ही नवाज शरीफ को परिवार समेत पाकिस्तान छोड़ना पड़ा था। 30 मार्च 2014 को मुशर्रफ पर तीन नवंबर 2007 को संविधान को निलंबित करने का आरोप लगाया गया था। 17 दिसंबर, 2019 को एक विशेष अदालत ने मुशर्रफ को उनके खिलाफ उच्च राजद्रोह के मामले में मौत की सजा सुनाई। पूर्व सैन्य शासक इलाज के लिए मार्च 2016 में देश छोड़कर दुबई चले गए थे और उसके बाद से पाकिस्तान नहीं लौटे।
क्या है अमाइलॉइडोसिस की बीमारी?
इसे समझने के लिए हमने एसआरएन के डॉ. महेश से बात की। उन्होंने कहा, परवेज मुशर्रफ को अमाइलॉइडोसिस नाम की बीमारी थी। ये बीमारी तब होती है जब शरीर में अमाइलॉइड नाम का प्रोटीन बनने लगता है। यह अमाइलॉइड प्रोटीन शरीर के अंगों को ठीक से काम करने से रोकता है। इस बीमारी से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले अंगों में हृदय, किडनी, लीवर, स्प्लीन, नर्वस सिस्टम और पाचन तंत्र शामिल हैं। कई बार अमाइलॉइडोसिस कुछ अन्य बीमारियों के साथ भी होते हैं। इसके चलते पूरा शरीर कमजोर हो जाता है। धीरे-धीरे शरीर का एक-एक अंग काम करना बंद कर देता है।
अमाइलॉइडोसिस का ट्रिटमेंट भी कैंसर के इलाज की तरह होता है। इसमें भी उन्हीं दवाइयों का प्रयोग होता है, जो कैंसर के इलाज के लिए इस्तेमाल होतीं हैं। इसके अलावा इसमें भी मरीज को कीमोथेरेपी दी जाती है। साथ ही अमाइलॉइड उत्पादन को कम करने वाली दवाएं भी दी जाती हैं।
आखिरी वक्त में कैसा था मुशर्रफ का हाल?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, परवेज मुशर्रफ बीमारी के चलते काफी कमजोर हो गए थे। वह खुद से चल भी नहीं पाते थे। हालत ये थी कि उनसे सही से बोला भी नहीं जा पाता था। डॉक्टर्स ने उन्हें काफी बचाने की कोशिश की, लेकिन नहीं हो पाया। अमाइलॉइडोसिस के लक्षण ज्यादातर काफी सूक्ष्म होते हैं। जैसे-जैसे शरीर में अमाइलॉइडोसिस बढ़ता है, अमाइलॉइड का जमाव दिल, लीवर, प्लीहा, गुर्दे, पाचन तंत्र, मस्तिष्क और तंत्रिकाओं को नुकसान पहुंचने लगता है। इस बीमारी से ग्रसित मरीजों को गंभीर थकान, वजन कम होना, पेट, टांगों, टखनों या पैरों में सूजन होना, स्तब्ध हो जाना, हाथ या पैर में झुनझुनाहट, दर्द, त्वचा के रंग में परिवर्तन होना, आंखों के आस-पास त्वचा पर बैंगनी धब्बे होना, सांस लेने में कठिनाई महसूस होने लगता है। कुछ इसी तरह की समस्याओं से परवेज भी अपने आखिरी दिनों में जूझ रहे थे।
विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन
रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get latest World News headlines in Hindi related political news, sports news, Business news all breaking news and live updates. Stay updated with us for all latest Hindi news.
विज्ञापन
विज्ञापन
एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें
Disclaimer
हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।