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Hindi News ›   World ›   Part of a road in Canada to be renamed Komagata Maru Way to honour 1914 Komagata Maru incident

Komagata Maru Incident: कनाडा में कोमागाटा मारू घटना पर रखा जाएगा सड़क का नाम, 376 भारतीयों को मिलेगा सम्मान

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, टोरंटो Published by: गुलाम अहमद Updated Sun, 05 Feb 2023 05:15 PM IST
सार

स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, एबॉट्सफोर्ड सिटी काउंसिल ने पिछले हफ्ते सर्वसम्मति से साउथ फ्रेजर वे (South Fraser Way) के एक हिस्से का नाम बदलकर कोमागाटा मारू वे करने को लेकर मतदान किया।
 

कोमागाटा मारू वे
कोमागाटा मारू वे - फोटो : सोशल मीडिया

विस्तार

कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत के में एबॉट्सफोर्ड (Abbotsford) में सड़क के एक हिस्से का नाम कोमागाटा मारू वे (Komagata Maru Way) रखा जाएगा। यह फैसला वर्ष 1914 में भारत से कनाडा गए 376 भारतीयों की याद में लिया गया है, जिन्हें नस्लवादी नीतियों के कारण उन्हें प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गई थी।



स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, एबॉट्सफोर्ड सिटी काउंसिल ने पिछले हफ्ते सर्वसम्मति से साउथ फ्रेजर वे (South Fraser Way) के एक हिस्से का नाम बदलकर कोमागाटा मारू वे करने को लेकर मतदान किया। मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि यह कदम 1914 में कोमागाटा मारू जहाज पर सवार भारतीयों के वंशजों के अनुरोध के बाद उठाया गया है। पीड़ितों के वंशजों ने एबॉट्सफोर्ड सिटी काउंसिल से उस समय निभाई गई मानवीय भूमिका को याद करने के लिए कहा था।


चार अप्रैल, 1914 को जापानी जहाज 'कोमागाटा मारू' 376 भारतीय यात्रियों को लेकर हांगकांग से ब्रिटिश कोलंबिया के तट पर रवाना हुआ था। ये यात्री नए घर और आर्थिक सुरक्षा की तलाश में थे। ब्रिटिश कोलंबिया के तट पर जहाज के पहुंचे के बाद इन लोगों को कनाडा में प्रवेश करने से रोक दिया गया था। इस कारण इन्हें कोलकाता लौटने के लिए मजबूर होना पड़ा था। 376 भारतीयों में 340 सिख, 24 मुस्लिम और 12 हिंदू शामिल थे। जब ये कोलकाता पहुंचे, तो ब्रिटिश पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार करने का प्रयास किया। जिसके बाद हिंसा शुरू हो गई थी और बाद में पुलिस की गोलीबारी में 22 लोग मारे गए थे।

कोमागाटा मारू घटना 1914 में महत्वपूर्ण नस्लवादी घटना थी। एबॉट्सफोर्ड सिटी काउंसिल के सदस्य दवे सिद्धू ने बताया कि यह फैसला लोगों को एक साथ लेकर चलने और उन्हें समझने की प्रतिबद्धता दिखाता है और यह उनकी सांस्कृतिक पृष्ठभूमि की परवाह किए बिना सभी को सम्मान देता है। उन्होंने कहा कि यह हमारी आने वाली पीढ़ियों को मजबूत संदेश देता है कि हमारे पास हर किसी के लिए न्यायपूर्ण समाज है।

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