भ्रष्टाचार के एक मामले में पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को दस और उनकी बेटी मरियम शरीफ को सात साल की सजा सुनाई गई है। जब उन्हें सजा सुनाई गई तो नवाज शरीफ अपनी पत्नी के इलाज के लिए लंदन में थे। इसके बाद शुक्रवार रात वह वतन लौटे। नवाज की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज ने अपने नेता के स्वागत के लिए कार्यकर्ताओं से भारी तादाद में हवाई अड्डे पहुंचने की अपील की थी। कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया है।
तैनात किए 10,000 पुलिसकर्मी
शरीफ के लाहौर पहुंचने से पहले सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई थी। हवाईअड्डे के आसपास सभी रास्तों को कंटेनरों से जाम कर दिया गया था। करीब 10 हजार पुलिसकर्मी पूरे शहर में कानून-व्यवस्था संभालने और शरीफ समर्थकों को हवाईअड्डे तक पहुंचकर स्वागत करने से रोकने के लिए तैनात किए गए थे। बावजूद इसके लाहौर की सड़कों पर हजारों की तादाद में नवाज समर्थक दिखाई दिए।
पुलिस-नवाज समर्थकों में हुईं झड़प
लाहौर समेत कई शहरों में पुलिस और शरीफ समर्थकों के बीच झड़प भी हुईं। पंजाब सरकार ने लाहौर में मोबाइल और इंटरनेट सेवा बंद कर दी थी। पीएमएल-एन के 300 से ज्यादा कार्यकर्ताओं और नेताओं को हिरासत में ले लिया गया था।
लंदन के फ्लैट के मामले में मिली सजा
2016 में पनामा पेपर स्कैंडल में नाम आने के बाद नवाज शरीफ को जुलाई, 2017 में प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। जांच के बाद शरीफ और उनकी बेटी पर मनी लांड्रिंग का केस चलाया गया। भ्रष्टाचार रोधी अदालत ने लंदन के एवनफील्ड में परिवार के चार फ्लैट के मामले में शरीफ, उनकी बेटी और दामाद को सजा दी है।
बता दें कि पाकिस्तान में 25 जुलाई को आम चुनाव होने हैं। नवाज शरीफ का आरोप है कि राजनीतिक कारणों से देश की प्रभावशाली सेना उन्हें फंसा रही है। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और उनकी बेटी मरियम नवाज को पाकिस्तान पहुंचते ही गिरफ्तार कर लिया गया है।
इससे पहले अबू धाबी से चला विमान उन्हें लेकर लाहौर पहुंचा। वहां पाकिस्तान के नेशनल एकाउंटिबलिटी ब्यूरो (एनएबी) के अधिकारियों ने नवाज शरीफ और उनकी बेटी मरियम नवाज को हिरासत में ले लिया।
सूत्रों के मुताबिक गिरफ्तार किए जाने पर नवाज शरीफ ने कार से जाने से इनकार कर दिया। जिसके बाद उन्हें और उनकी बेटी को लाहौर हवाईअड्डे से एक विमान के जरिए ले जाया गया। हालांकि अभी ये साफ नहीं है कि उन्हें कहां ले जाया जा रहा है, पर माना जा रहा है कि उन्हें लाहौर से बाहर ले जाया जा रहा है ताकि वहां सड़कों पर उतरे हजारों पार्टी कार्यकर्ताओं से उन्हें दूर रखा जाए।
नवाज शरीफ की पार्टी पीएमएल-एन समर्थकों की भीड़ की हवाई अड्डे पहुंचने की कोशिश नाकाम रही। इस रैली का नेतृत्व नवाज शरीफ के भाई और पार्टी अध्यक्ष शाहबाज शरीफ कर रहे थे। उन्होंने कहा कि रैली खत्म होने पर आगे की रणनीति के बारे में बताया जाएगा।
उन्होंने कहा, 'नवाज शरीफ पाकिस्तान के शिल्पी हैं। पंजाब लाहौर का खास तौर से अहसानमंद है।' उधर नवाज शरीफ के पाकिस्तान पहुंचने से ठीक पहले चुनावी रैली के दौरान दो बम धमाकों में कम से कम 14 लोगों की मौत हो गई है।
पहला धमाका दक्षिण पश्चिम बलूचिस्तान प्रांत में हुआ, जिसमें दस लोगों की मौत हुई है। उससे पहले बानू में बम धमाके में चार लोगों की मौत हुई थी। इससे दो दिन पहले पेशावर में एक चुनावी रैली में आत्मघाती बम धमाके में 20 लोगों की मौत हुई थी। उस धमाके की जिम्मेदारी पाकिस्तानी तालिबान ने ली थी।
नवाज शरीफ को मालूम है कि उन्हें 10 साल की सजा हो गई है और उन्हें जेल ले जाया जाएगा। वह यह सब कुछ पाकिस्तान की जनता के लिए कर रहे हैं। वह कह रहे हैं कि यह कुर्बानी आपकी नस्लों के लिए और पाकिस्तान के भविष्य के लिए दे रहा हूं। उन्होंने देश की जनता से अपील करते हुए कहा कि वो कदम से कदम मिलाकर और हाथ में हाथ डाल कर चलें और मुल्क की तकदीर बदलें। मरयम ने कहा कि ये मौके बार-बार नहीं आएंगे।