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यूक्रेन को टैंक भेजेगा कंगाल पाकिस्तान: पश्चिमी देशों को खुश करने के लिए PAK ने बदला पाला, जानें क्या है चाल?

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: हिमांशु मिश्रा Updated Tue, 21 Mar 2023 11:43 AM IST
सार

सवाल उठ रहा है कि आखिर एक साल में ऐसा क्या हो गया कि पाकिस्तान ने अपना पाला ही बदल लिया? क्या इसमें अमेरिका की कोई चाल है? इससे पाकिस्तान को क्या फायदा मिलेगा? आइए समझते हैं...

Pakistan to transfer tanks to Ukraine in return for aid from West, know more about it
यूक्रेन को युद्धक टैंक देगा पाकिस्तान - फोटो : सोशल मीडिया

विस्तार

आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान ने विदेशी कर्ज के लिए पश्चिमी देशों को खुश करने की कोशिश शुरू कर दी है।  इसके लिए पाकिस्तान ने नया पैंतरा अपनाया है। एक साल पहले तक जो पाकिस्तान रूस-यूक्रेन युद्ध में रूस के साथ खड़ा था, अचानक से उसने अपना पाला बदल लिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तान अब यूक्रेन को युद्ध के लिए टैंक देने पर विचार कर रहा है। बताया जा रहा है कि पाकिस्तान 44 T-80UD मुख्य युद्धक टैंक (MBT) यूक्रेन को भेज सकता है। खास बात है कि ये टैंक पाकिस्तान ने 1980 के दशक में यूक्रेन से ही खरीदे थे। 


ऐसे में सवाल उठ रहा है कि आखिर एक साल में ऐसा क्या हो गया कि पाकिस्तान ने अपना पाला ही बदल लिया? क्या इसमें अमेरिका की कोई चाल है? इससे पाकिस्तान को क्या फायदा मिलेगा? आइए समझते हैं...


 

पाकिस्तान ने क्यों बदला पाला? 
दरअसल, पाकिस्तान में आर्थिक स्थिति काफी खराब है। महंगाई ने आम नागरिकों को परेशान कर दिया है। विदेशी मुद्रा भी पाकिस्तान के पास खत्म हो चुकी है। ऐसे में तेल व अन्य जरूरी चीजों को आयात करने में भी पाकिस्तान को मुश्किलें आ रहीं हैं। शुरुआत में पाकिस्तान ने चीन, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात जैसे इस्लामिक देशों के सामने हाथ फैलाया। लेकिन कुछ खास मदद नहीं मिली। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी आईएमएफ ने भी पाकिस्तान के सामने कई कड़ी शर्तें रख दी हैं। ऐसे में प्रतिदिन पाकिस्तान आर्थिक संकट से टूटता जा रहा है। 

बताया जाता है कि पश्चिमी देश इसी का फायदा उठा रहे हैं। वह पाकिस्तान के सहारे यूक्रेन को मदद दिलवा रहे ताकि चीन और रूस का गठबंधन कमजोर हो सके। इसके अलावा पाकिस्तान के जरिए आसानी से यूक्रेन को युद्धक हथियारों की सप्लाई भी संभव है। 

एक साल पहले तक जो पाकिस्तान रूस के साथ खड़ा था, वो अब यूक्रेन को युद्ध में मदद देने पर विचार कर रहा है। बताया जाता है कि युद्धक टैंक के अलावा यूक्रेन को गोला-बारूद और अन्य रक्षा आपूर्ति भी पाकिस्तान की तरफ से दी जाएगी। पाकिस्तानी सेना के पास 2,467 टैंक हैं। पाकिस्तान का यूक्रेन के साथ रिश्ता काफी मजबूत रहा है। दोनों देशों के बीच सैन्य और औद्योगिक संबंध हैं। 

पाकिस्तान ने पूर्वी यूरोपीय देश से 320 से अधिक T-80UD टैंक खरीदे थे जो सोवियत T-80 का उन्नत संस्करण। पाकिस्तान और यूक्रेन के बीच हुए सौदे में गोला-बारूद और स्पेयर पार्ट्स सहित T-80UD टैंकों के रखरखाव के लिए एक पूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र शामिल था। 1991 में तत्कालीन सोवियत संघ से अलग होने के बाद से यूक्रेन के पाकिस्तान के साथ घनिष्ठ सैन्य संबंध रहे हैं। दोनों देशों ने 2020 तक लगभग 1.6 बिलियन डॉलर के रक्षा अनुबंध संपन्न किए थे। 

 

तो क्या अमेरिका की चाल है? 
विदेश मामलों के जानकार डॉ. आदित्य पटेल कहते हैं, 'पश्चिमी देश और खासतौर पर अमेरिका के दबाव में पाकिस्तान मजबूर हो चुका है। पाकिस्तान को कहीं से भी मदद मिलने की उम्मीद नहीं है। ऐसे में अब पश्चिमी देश ही उसके लिए उम्मीद की किरण हैं। यूक्रेन को मदद करके पाकिस्तान पश्चिमी देशों से कर्ज हासिल कर सकता है। वहीं, पश्चिमी देशों को भी इसका फायदा होगा। रूस का साथ देने वाला एक देश घट जाएगा। इसके अलावा यूकेन को कराची बंदरगाह से आसानी से मदद भी पहुंचाई जा सकती है।'
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