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Pakistan: पेशावर मस्जिद में आत्मघाती हमले में अब तक 100 की मौत, टीटीपी ने ली जिम्मेदारी

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, इस्लामाबाद Published by: कीर्तिवर्धन मिश्र Updated Tue, 31 Jan 2023 07:41 PM IST
सार

सुरक्षा अधिकारियों के मुताबिक, एक आत्मघाती हमलावर ने मस्जिद में नमाज के ठीक बाद खुद को उड़ा लिया। इससे नमाज के लिए आगे खड़े लोग बुरी तरह घायल हो गए।

पेशावर में मस्जिद में हुआ भीषण धमाका।
पेशावर में मस्जिद में हुआ भीषण धमाका। - फोटो : Amar Ujala

विस्तार

पाकिस्तान में अशांत खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के पेशावर में सोमवार को हुए धमाके में मृतकों की संख्या बढ़ती जा रही है। मंगलवार को यहां से और लाशें बरामद की गई हैं। अधिकारियों का कहना है कि अब तक मृतकों की संख्या बढ़कर 100 पहुंच गई है। जबकि, एक दिन पहले 61 शव बरामद किए गए थे, वहीं 150 से अधिक अन्य घायल हो गए। 



सुरक्षा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि विस्फोट दोपहर एक बजकर करीब 40 मिनट पर पुलिस लाइन इलाके के पास उस वक्त हुआ, जब नमाजी जुहर (दोपहर) की नमाज पढ़े रहे थे। तभी अगली पंक्ति में बैठे आत्मघाती हमलावर ने विस्फोट कर खुद को उड़ा लिया। नमाजियों में पुलिस, सेना और बम निष्क्रिय दस्ते के कर्मी थे। राजधानी शहर पुलिस अधिकारी (सीसीपीओ), पेशावर मोहम्मद एजाज खान ने सोमवार को कहा था कि विस्फोट में 61 लोगों की मौत हुई। लेडी रीडिंग अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि 150 से अधिक लोग घायल हुए हैं। मृतकों में कम से कम पांच उप-निरीक्षक और मस्जिद के इमाम मौलाना साहिबजादा नूरुल अमीन शामिल हैं।


तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ने ली जिम्मेदारी
पाकिस्तान के पेशावर शहर के अति सुरक्षित क्षेत्र में स्थित एक मस्जिद में आत्मघाती हमले की जिम्मेदारी तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने ली है। टीटीपी के मारे गए कमांडर उमर खालिद खुरासानी के भाई ने दावा किया कि आत्मघाती हमला उसके भाई की मौत का बदला लेने के लिए किया गया जो पिछले साल अगस्त में अफगानिस्तान में मारा गया था। पाकिस्तान तालिबान के नाम से जाने वाले टीटीपी ने इससे पहले भी पाकिस्तान में सुरक्षा बलों को निशाना बनाते हुए कई आत्मघाती हमले किए हैं।

पेशावर के पुलिस अधीक्षक (जांच) शाजाद कौकब ने मीडिया को बताया कि नमाज अदा करने के लिए वह मस्जिद में घुसे ही थे कि विस्फोट हो गया। वह सौभाग्यशाली थे कि हमले में बच गए। कौकब का दफ्तर मस्जिद के करीब ही है। पुलिस लाइन स्थित मस्जिद चार स्तरीय सुरक्षा घेरे में थी। इन सभी सुरक्षा घेरे को भेदते हुए हमलावर मस्जिद में घुसने में सफल रहा और अग्रिम पंक्ति में पहुंच गया।



जांच में जुटी पुलिस
पेशावर के पुलिस महानिरीक्षक मुअज्जम जाह अंसारी ने कहा है कि पुलिस विस्फोट की जांच कर रही है और यह पता लगा रही है कि बम हमलावर इस अति सुरक्षा वाली मस्जिद में कैसे घुसा। उन्होंने आशंका प्रकट की कि धमाके से पहले बम हमलावर पुलिस लाइंस में रह रहा होगा क्योंकि पुलिस लाइंस के अंदर ‘फैमिली क्वाटर्स’ भी हैं। पेशावर पुलिस, आतंकवाद निरोधक विभाग, फ्रंटियर रिजर्व पुलिस, इलीट फोर्स एवं संचार विभाग के मुख्यालय भी इसी विस्फोट स्थल के आसपास हैं।
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धमाके के समय इलाके में 300-400 पुलिस अधिकारी मौजूद थे
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि विस्फोट से मस्जिद का एक हिस्सा ढह गया और माना जाता है कि कई लोग उसके मलबे के नीचे दबे हैं। उनके अनुसार बम हमलावर पुलिस लाइंस के अंदर, चार स्तरीय सुरक्षा वाली मस्जिद में घुस गया। कैपिटल सिटी पुलिस अफसर (पेशावर) मुहम्मद इजाज खान का हवाला देते हुए डॉन अखबार ने खबर दी कि कई जवान मलबे के नीचे दबे हैं तथा बचावकर्मी उन्हें बाहर निकालने की कोशिश कर रहे हैं। धमाके के समय इलाके में 300-400 पुलिस अधिकारी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट है कि सुरक्षा चूक हुई है। बचाव अभियान के प्रभारी बिलाल फैजी ने कहा कि फिलहाल हमारा ध्यान बचाव अभियान पर है। हमारी पहली प्राथमिकता मलबे में दबे लोगों को सुरक्षित बाहर निकालना है।

पीएम शरीफ बोले- लोगों की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान समेत विभिन्न नेताओं ने हमले की निंदा की है। शहबाज ने कहा कि हमलावरों का इस्लाम से कोई लेना देना नहीं है।  उन्होंने कहा कि आतंकवादी उन लोगों को निशाना बनाकर डर पैदा करना चाहते हैं जो पाकिस्तान की रक्षा करने का कर्तव्य निभाते हैं। उन्होंने कहा कि विस्फोट में मारे गए लोगों की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी। उन्होंने कहा कि समूचा राष्ट्र आतंकवाद की इस बुराई के विरूद्ध लड़ाई में एकजुट है। उन्होंने यह भी कहा कि अशांत खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में कानून-व्यवस्था की स्थिति को सुधारने के लिए व्यापक रणनीति अपनाई जाएगी। विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी कहा कि स्थानीय और आम चुनाव से पहले आतंकवादी घटनाओं का साफ मतलब है। खैबर पख्तून के गवर्नर हाजी गुलाम अली ने विस्फोट की निंदा की और लोगों से घायलों के वास्ते रक्तदान करने की अपील की। 

पेशावर पहुंचे शरीफ, राहत एवं बचाव अभियान की समीक्षा की
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर राहत एवं बचाव अभियान की समीक्षा के लिए पेशावर पहुंचे। प्रधानमंत्री यहां सेना प्रमुख के साथ लेडी रीडिंग अस्पताल भी गये और घायलों के स्वास्थ्य के बारे में पूछताछ की। गृहमंत्री राणा सनाउल्लाह एवं अन्य अधिकारी भी इस दौरान मौजूद थे। प्रधानमंत्री ने आपात बैठक बुलाई जहां प्राथमिक जांच रिपोर्ट पेश की गई। पुलिस महानिरीक्षक अंसारी ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि बम हमलावर कहां से आया है और कैसे वह पुलिस लाइंस के अंदर आ गया। पुलिस लाइंस में शाम को 27 मृतकों का सामूहिक अंतिम संस्कार किया गया।

पेशावर के अस्पतालों में आपात स्थिति की घोषणा
पेशावर के अस्पतालों में आपात स्थिति की घोषणा कर दी गई है। अस्पताल प्रशासन ने लोगों से रक्तदान करने की अपील की है। पेशावर में विस्फोट के बाद इस्लामाबाद समेत बड़े शहरों में सुरक्षा कड़ी कर दी गयी है। इस्लामाबाद में आने -जाने वाले सभी मार्गों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है और महत्वपूर्णस्थानों एवं भवनों पर अचूक निशानेबाज (स्नीपर्स) तैनात किए गए हैं। कार्यवाहक मुख्यमंत्री आजम खान ने हमले की निंदा की है और प्रभावितों के प्रति संवेदना जताई है।

इमरान खान ने निंदा की
पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने इस हमले की कड़ी निंदा की है। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ ने ट्वीट किया कि जिन लोगों की जान गई है। उनके परिवारों और जो लोग घायल हुए हैं, उनके प्रति मेरे गहरी संवेदना है। ऐसे में जरूरी हो गया है कि हम खुफिया सूचना संग्रहण में सुधार लायें और पुलिस बलों को आतंकवाद के बढ़ते खतरे का मुकाबला करने के लिए उपयुक्त रूप से मजबूत बनाएं।

पिछले साल शिया मस्जिद पर हुआ था हमला
पिछले साल भी पेशावर शहर के कूचा रिसालदार इलाके में शिया मस्जिद में इसी तरह का हमला हुआ था, जिसमें 63 लोगों की जान चली गई थी। टीटीपी ने पाकिस्तान सरकार के साथ संघर्ष विराम को तोड़ते हुए अपने आतंकियों को देशभर में हमले करने को कहा था।

2007 गठित टीटीपी आतंकी गुटों का संगठन
2007 में गठित टीटीपी कई आतंकी गुटों का संगठन है। टीटीपी को अल-कायदा का करीबी माना जाता है। इसने 2009 में पाकिस्तान के सैन्य मुख्यालय में हमला किया था। 2014 में इस गुट ने पेशावर में सेना के स्कूल में हमला किया था, जिसमें 131 छात्रों समेत 150 लोग मारे गए थे। 

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