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Pakistan: अल-कादिर मामले में NAB ने मांगा इमरान के 22 सहयोगियों का ब्योरा; पूर्व PM बोले- अंधेरे युग में देश

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, इस्लामाबाद Published by: शिव शरण शुक्ला Updated Mon, 05 Jun 2023 07:38 PM IST
सार

अल-कादिर भ्रष्टाचार मामले में देश के पूर्व पीएम इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद नौ मई को कथित तौर पर इमरान के समर्थकों ने हिंसक प्रदर्शन किया था। इस दौरान कई नागरिक और सैन्य संपत्तियों पर भी हमला किया गया था।

Pakistan NAB to probe former premier Imran Khan's 22 cabinet members in Al-Qadir corruption case update news
इमरान खान - फोटो : अमर उजाला

विस्तार
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अल कादिर मामले में पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं। अब पाकिस्तान की भ्रष्टाचार रोधी संस्था नेशनल अकाउंट एबिलिटी ब्यूरो (एनएबी) ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के मंत्रिमंडल के 22 सदस्यों द्वारा बेचे और खरीदे गए वाहनों का ब्योरा मांगा है। मीडिया रिपोर्ट्स में सोमवार को इस बारे में जानकारी दी गई है। 



रिपोर्ट्स में बताया गया है कि एनएबी ने पंजाब आबकारी और कराधान विभाग से अल-कादिर ट्रस्ट मामले की जांच के रूप में पूर्व-कैबिनेट सदस्यों नाम पर पंजीकृत वाहनों का विवरण मांगा है। 


एनएबी ने इस संबंध में प्रांतीय उत्पाद शुल्क विभाग को एक पत्र जारी किया है। इसमे कहा गया कि एनएबी रावलपिंडी राष्ट्रीय जवाबदेही अध्यादेश, 1999 के प्रावधानों के तहत भ्रष्टाचार के आरोपों पर 22 पूर्व कैबिनेट सदस्यों के खिलाफ जांच कर रहा है। इसके मद्देनजर जनवरी 2018 से अब तक की अवधि के दौरान किसी भी वाहनों की बिक्री/खरीद के विवरण 20 जून तक उपलब्ध कराने के लिए कहा है।  

लाहौर के जिन्ना हाउस पर हमले की मास्टर माइंड हैं यास्मीन राशिद
इस बीच, पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के आईजी ने कहा है कि प्रांत की पूर्व स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर यास्मीन राशिद नौ मई को ऐतिहासिक जिन्ना हाउस या कोर कमांडर हाउस पर हुए हमले की मुख्य योजनाकार थीं। आईजी डॉक्टर उस्मान अनवर ने प्रेस कांफ्रेस करके यह दावा किया है। उन्होंने कहा कि जिस दिन जिन्ना हाऊस पर हमला और आगजनी की गई थी उस दिन भीड़ को उकसाने के लिए कुल 215 कॉल किए गए थे। उनमें से 41 कॉल यास्मीन राशिद ने, 75 कॉल महमूदुर रशीद ने, 50 कॉल एजाज चौधरी ने, 16 कॉल मियां असलम इकबाल ने, 23 कॉल मुराद रास ने और 10 कॉल पीटीआई नेता हम्माद अजहर ने किए थे। इन कॉल्स की विस्तार से जांच के बाद यह सामने आया है कि यास्मीन ही जिन्ना हाउस में आगजनी की मुख्य साजिशकर्ता हैं। आईजी ने यह भी कहा कि पुलिस के पास इसके ठोस सबूत हैं। बता दें कि पाकिस्तान एंटी-टेररिज्म अदालत ने यास्मीन राशिद को बरी कर दिया है। 

आईजी ने कही यह बात
आईजी अनवर ने यह भी कहा है कि पंजाब पुलिस एटीसी के फैसले को चुनौती देगी। इस फैसले में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के केंद्रीय पंजाब अध्यक्ष को कोर कमांडर के घर पर हमले के मामले में रिहा करने का आदेश दिया गया था। अनवर ने कहा है कि हम अदालत में यह साबित करेंगे कि ये पीटीआई नेता निर्दोष नहीं हैं। प्रेस कांफ्रेंस के दौरान आईजी अनवर ने यास्मीन राशिद की एक वीडियो क्लिप भी जारी की। जिसको लेकर उन्होंने कहा कि वह जिन्ना हाउस पर हमले की योजना बना रही हैं। 

इमरान खान ने सुप्रीम कोर्ट की चुप्पी पर उठाए सवाल
इस बीच, देश के पूर्व पीएम और पीटीआई अध्यक्ष इमरान खान ने सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि उनके समर्थकों के खिलाफ जर्मनी के नाजी काल के कानून का पालन किया जा रहा है। इस दौरान उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की चुप्पी पर भी सवाल खड़े किए। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि पाकिस्तानी 'अंधेरे युग' में जी रहे हैं। उन्होंने एक के बाद एक कई ट्वीट कर कहा कि सुप्रीम कोर्ट कब तक पाकिस्तान की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी से जुड़े व्यक्ति के  मौलिक अधिकारों के पूर्ण उल्लंघन की अनुमति देगा? 
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पुलिस नौ मई को हुई हिंसा मामले में कर रही कार्रवाई
वहीं, पुलिस नौ मई को हुई हिंसा मामले में कार्रवाई कर रही है। इसी क्रम में पुलिस ने सोमवार को पीटीआई सरकार में पूर्व वित्त मंत्री हम्माद अजहर के पिता को उठाया। पुलिस ने दावा किया है कि अजहर नौ मई को देश के सैन्य प्रतिष्ठानों पर हुए हमलों की योजना बनाने वालों में शामिल है। इमरान खान ने पुलिस की इस कार्रवाई की भी निंदा की। उन्होंने उर्दू में एक ट्वीट में कहा कि यह दिखाता है कि यह फासीवादी शासन पीटीआई को कुचलने के अपने मिशन में नैतिकता की भावना का भी पालन नहीं कर रहा है। 

बता दें कि अल-कादिर भ्रष्टाचार मामले में देश के पूर्व पीएम इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद नौ मई को कथित तौर पर इमरान के समर्थकों ने हिंसक प्रदर्शन किया था। इस दौरान कई नागरिक और सैन्य संपत्तियों पर भी हमला किया गया था। इतना ही नहीं, पीटीआई समर्थकों ने देश के विभिन्न हिस्सों में सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला किया था, इसमें रावलपिंडी में जनरल हेडक्वार्टर (जीएचक्यू), लाहौर के जिन्ना हाउस, मियांवाली एयरबेस और फैसलाबाद में आईएसआई भवन पर हमला शामिल था।

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