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पाकिस्तान: अंदरूनी मामलों में दखल देन पर शहबाज की मंत्री ने की IMF की आलोचना, बेलआउट पैकेज को लेकर कही ये बात

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, इस्लामाबाद Published by: निर्मल कांत Updated Wed, 31 May 2023 05:22 PM IST
सार

पाकिस्तान की राजस्व मंत्री आइसा गौस पाशा ने कहा कि बेलआउट पैकेज को अंतिम रूप देने में देरी न तो देश के लिए और न ही वाशिंगटन स्थित वैश्विक ऋणदाता आईएमएफ के लिए अच्छी है। 

Pakistan minister slams IMF for intervening  in internal affairs
Aisha Ghaus Pasha - फोटो : Amar Ujala

विस्तार
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पाकिस्तान की एक वरिष्ठ मंत्री ने आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने के लिए बुधवार को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की आलोचना की। मंत्री ने कहा कि बेलआउट पैकेज को अंतिम रूप देने में देरी न तो देश के लिए और न ही वाशिंगटन स्थित वैश्विक ऋणदाता के लिए अच्छी है। आईएमएफ ने मंगलवार को पाकिस्तान से अनुरोध किया कि वह अपने राजनीतिक विवादों को संविधान और कानून के शासन के अनुरूप सुलझाए। 

आईएमएफ के नाथन पोर्टर ने की थी ये टिप्पणी
पाकिस्तान में आईएमएफ मिशन के प्रमुख नाथन पोर्टर की यह टिप्पणी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ द्वारा वैश्विक बैंक की प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जीवा से संपर्क करने के बाद आई है। पोर्टर ने कहा, हम हालिया राजनीतिक घटनाक्रमों पर गौर करते हैं और घरेलू राजनीति पर टिप्पणी नहीं करते हैं, लेकिन हम उम्मीद करते हैं कि संविधान और कानून के शासन के अनुरूप आगे बढ़ने का शांतिपूर्ण रास्ता निकाला जाएगा।
 

नहीं हो पाया बेलआउट पैकेज को लेकर कर्मचारी स्तर का समझौता
स्थानीय मीडिया की खबरों के मुताबिक, वित्त और राजस्व राज्य मंत्री आइशा गौस पाशा ने पाकिस्तान के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने के लिए आईएमएफ की आलोचना की। नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के बीच 1.1 अरब डॉलर के बेलआउट पैकेज को लेकर कर्मचारी स्तर का समझौता नहीं हो पाया है। यह राशि आईएमएफ द्वारा 2019 में मंजूर 6.5 अरब डॉलर के बेलआउट पैकेज का हिस्सा है, जिसके बारे में आर्थिक विश्लेषकों का मानना है कि अगर पाकिस्तान को विदेशी ऋण दायित्वों में चूक से बचना है तो यह जरूरी है।
 

आंखें बंद करके नहीं बैठा वित्त मंत्रालय, हमारे पास प्लान बी..
इस साल फरवरी में आईएमएफ के अधिकारियों और पाकिस्तान सरकार के बीच बातचीत हुई थी, जो बेनतीजा रही थी। पाशा ने कहा कि सौदे को अंतिम रूप देने में देरी न तो पाकिस्तान के लिए और न ही आईएमएफ के लिए अच्छी है। मंत्री ने कहा, वित्त मंत्रालय आंखें बंद करके नहीं बैठा है, हमेशा एक 'प्लान बी' होता है लेकिन हमारी प्राथमिकता आईएमएफ कार्यक्रम को पुनर्जीवित करना है।
 

लोगों को राहत प्रदान करेगा चुनावी वर्ष का बजट: आइशा गौस पाशा
आगामी बजट पर टिप्पणी करते हुए पाशा ने आश्वासन दिया कि वित्त विधेयक का उद्देश्य लोगों को राहत प्रदान करना होगा क्योंकि यह 'चुनावी वर्ष का बजट' होगा। पाकिस्तान इस समय उच्च विदेशी ऋण, कमजोर स्थानीय मुद्रा और घटते विदेशी मुद्रा भंडार के संकट का सामना कर रहा है। यह मुश्किल से एक महीने के आयात के लिए ही पर्याप्त है। पाकिस्तान के सांख्यिकी ब्यूरो के अनुसार, अप्रैल में पाकिस्तान की महंगाई का स्तर 36.4 फीसदी बढ़ गया, जो मुख्य रूप से खाद्य कीमतों से प्रेरित था, जो दक्षिण एशिया में सबसे अधिक है, और मार्च में 35.4 फीसदी से ऊपर था।
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