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Pakistan: जबरन धर्म परिवर्तन की शिकार हुई लड़की को परिवार के साथ भेजने से कोर्ट का भी इनकार, जानें पूरा मामला

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, इस्लामाबाद Published by: काव्या मिश्रा Updated Sat, 10 Jun 2023 03:30 PM IST
सार

दक्षिणी सिंध प्रांत के बेनजीराबाद जिले में दो जून को एक 14 वर्षीय बच्ची का उसके शिक्षक ने अपने सहयोगियों की मदद से अपहरण कर लिया था। यह घटना बच्ची की मां के सामने हुई थी। उसके पिता ने शिकायत दी थी कि बच्ची का बंदूक की नोक पर अपहरण किया गया। 

Pakistan: Judge refuses to send with parents Hindu girl forcibly converted to Islam
पाकिस्तान में हिंदू लड़कियों का जबरन धर्म परिवर्तन कर मुस्लिम लड़कों से कराई जा रही शादी। - फोटो : social media

विस्तार
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पाकिस्तान में हिंदू लड़कियों का जबरन धर्म परिवर्तन कर मुस्लिम लड़कों से शादी कराए जाने की घटनाएं बढ़ रही हैं। हाल ही में एक मामला सिंध प्रांत से सामने आया था, जहां 14 वर्षीय हिंदू लड़की को अगवा कर उसका जबरन धर्म परिवर्तन करा दिया गया और मुस्लिम व्यक्ति से शादी कर दी गई थी। इस मामले में एक जिला अदालत ने बच्ची को माता-पिता के साथ भेजने से इनकार कर दिया। कहा जा रहा है कि बच्ची अपने माता-पिता के साथ जाना चाहती थी, फिर भी अदालत ने यह फैसला लिया। वहीं न्यायाधीश ने कहा कि बयान देते समय लड़की दबाव में लग रही थी। इसलिए उसे आश्रय गृह में भेजा है।

यह है मामला
गौरतलब है, दक्षिणी सिंध प्रांत के बेनजीराबाद जिले में दो जून को एक 14 वर्षीय बच्ची का उसके शिक्षक ने अपने सहयोगियों की मदद से अपहरण कर लिया था। यह घटना बच्ची की मां के सामने हुई थी। उसके पिता ने पुलिस में शिकायत दी थी कि बच्ची का बंदूक की नोक पर अपहरण किया गया। बाद में, सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आई थी, जिसमें लड़की यह कहते हुए दिखाई दी कि उसने इस्लाम धर्म अपना लिया है और एक मुस्लिम व्यक्ति से शादी कर ली है। हालांकि, बच्ची के माता-पिता का कहना था कि वह नाबालिग है। उससे जबरन ये सब करवाया गया है।


 

सोशल मीडिया पर मचा था बवाल
इस घटना को लेकर सोशल मीडिया पर काफी बवाल मचा था। पुलिस ने स्थिति को देखते हुए सख्ती दिखाई और पांच दिन में  जिले के एक घर से बच्ची को बरामद कर लिया। बच्ची को शुक्रवार को लरकाना की जिला अदालत में पेश किया, जहां उसने अपने बयान में न्यायाधीश को बताया कि उसका अपहरण कर लिया गया था और जबरन धर्म परिवर्तन कराया। बच्ची ने अपने माता-पिता के साथ जाने की इच्छा जताई थी। हालांकि, न्यायाधीश ने यह कहते हुए सुनवाई 12 जून तक के लिए स्थगित कर दी कि वह अपना बयान देते समय दबाव में दिखी। बच्ची को महिलाओं के आश्रय गृह में भेज दिया गया है।


मां के सामने किया था अपहरण
बच्ची की मां ने पत्रकारों को बताया कि उसकी बेटी घर पर ट्यूशन पढ़ती थी। कुछ दिन पहले ही शिक्षक ने बच्ची से कहा था कि उसे एक लाख रुपये के कर्ज की जरूरत है। जब उन्हें इस बारे में पता चला तो उन्होंने शिक्षक से कहा कि बच्ची से इस तरह के मामलों पर चर्चा नहीं करे। इस पर वह बिना कुछ कहे चला गया था। लेकिन वह एक दिन बाद कुछ लोगों के साथ लौटा और जबरन बच्ची को बंदूक की नोक पर ले गया। पीड़िता की मां ने कहा कि मैंने आरोपी से विनती भी की थी कि पैसे ले लो पर बेटी को छोड़ दो, लेकिन उसने एक नहीं सुनी।  


फर्जी निकले दस्तावेज
वहीं, पिता ने मीडिया को बताया कि आरोपी ने जो भी दस्तावेद पेश किए थे, सब फर्जी निकले। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता कि जब लड़की 14 साल की है तो सरकारी अधिकारी ऐसे दस्तावेजों पर मुहर कैसे लगा सकते हैं।

 

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