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Pakistan IMF Loan: आईएमएफ हुआ नाराज, पाकिस्तान सरकार को अब ‘मित्र देशों’ का ही आसरा

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, इस्लामाबाद Published by: Harendra Chaudhary Updated Wed, 22 Mar 2023 04:44 PM IST
सार

विश्लेषकों ने इस तरफ भी ध्यान दिलाया है कि पाकिस्तान दक्षिण एशिया में अकेला ऐसा देश है, जिसे ऋण देने में आईएमएफ की हिचक अभी तक बनी हुई है। जबकि वह बांग्लादेश और श्रीलंका के लिए कर्ज जारी करने का फैसला कर चुका है...

Pakistan IMF Loan: IMF got angry, Pakistan government is now dependent on friend countries
IMF Pakistan - फोटो : Agency (File Photo)

विस्तार

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने यह स्पष्ट कर दिया है कि उसका पाकिस्तान के लिए तुरंत ऋण की किस्तें जारी करने का कोई इरादा नहीं है। आईएमएफ ने मंगलवार को कहा कि ऋण पाने के लिए अभी पाकिस्तान को कई और कदम उठाने होंगे। आईएमएफ पाकिस्तान के लिए 6.5 बिलियन डॉलर का ऋण मंजूर कर चुका है। लेकिन ऋण की किस्तें पाने के लिए उसने जो शर्तें लगाई हैं, पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार उन पर पूरा अमल नहीं कर पाई है। इस बीच उसके एक कदम ने आईएमएफ को नाराज कर दिया है।  

विश्लेषकों के मुताबिक आईएमएफ के ताजा बयान के बाद पाकिस्तान सरकार पर अपने मित्र देशों सहायता जुटाने का दबाव और बढ़ गया है। पाकिस्तान डिफॉल्ट ना करे (कर्ज चुकाने में अक्षम ना हो) इसके लिए उसे तुरंत अतिरिक्त विदेशी मुद्रा की जरूरत है। विश्लेषकों ने इस तरफ भी ध्यान दिलाया है कि पाकिस्तान दक्षिण एशिया में अकेला ऐसा देश है, जिसे ऋण देने में आईएमएफ की हिचक अभी तक बनी हुई है। जबकि वह बांग्लादेश और श्रीलंका के लिए कर्ज जारी करने का फैसला कर चुका है।

पाकिस्तान स्थित आईएमएफ की प्रतिनिधि एस्टर पेरेज रुइज ने कहा है- ‘कुछ बिंदुओं के निपटारे के बाद पाकिस्तान को कर्ज देने के लिए स्टाफ लेवल (कर्मचारी स्तर का) करार हो सकता है।’ पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशहाक डार ने पिछले हफ्ते कहा था कि आईएमएफ चाहता है कि पाकिस्तान को जिन देशों ने वित्तीय मदद देने का वादा किया है, आईएमएफ के ऋण देने से पहले वे अपने वादे पर अमल करें। सरकारी सूत्रों ने ध्यान दिलाया है कि अगले जून तक ऋण चुकाने के लिए पाकिस्तान सरकार को चार बिलियन डॉलर की अतिरिक्त विदेशी मुद्रा की जरूरत होगी।

आईएमएफ की शर्तों के मुताबिक पाकिस्तान सरकार ने कई सख्त कदम उठाए हैं। उनमें टैक्स बढ़ाना और ऊर्जा शुल्क में वृद्धि शामिल हैं। लेकिन पिछले दिनों शहबाज शरीफ सरकार ने अचानक दोपहिया और तिपहिया वाहनों के मालिकों के लिए पेट्रोलियम सब्सिडी का एलान कर दिया। उसके इस कदम से आईएमएफ नाराज हुआ है। रुइज ने मंगलवार को कहा कि पाकिस्तान सरकार ने यह कदम उठाने के पहले आईएमएफ को इसकी जानकारी नहीं दी।

पेरेज ने कहा- ‘आईएमएफ के कर्मचारी अब इस कदम के बारे में जानकारी इकट्ठी कर रहे हैं। वे इस पर अमल के तरीके, लागत, लाभार्थियों आदि के बारे में सूचना जुटा रहे हैं। वे जानना चाहते हैं कि इस योजना को लागू करने में धोखाधड़ी और दुरुपयोग से कैसे बचा जाएगा और इस पर जो खर्च आएगा उसकी भरपाई कैसे होगी। आईएमएफ के अधिकारी इस बारे में पाकिस्तान के अधिकारियों से बातचीत करेंगे।’

कराची स्थित आरिफ हबीब कंपनी में अनुसंधान विभाग के प्रमुख ताहिर अब्बास ने अखबार द न्यूज से बातचीत में कहा कि पेट्रोलियम सब्सिडी का एलान करने के पहले सरकार को आईएमएफ को भरोसे में लेना चाहिए था। उन्होंने कहा- ‘इस सब्सिडी का परिणाम यह सकता है कि आईएमएफ का ऋण प्रोग्राम शुरू होने में और देर हो जाए।’ विश्लेषकों के मुताबिक सरकार ने यह कदम उस समय उठाया, जब आईएमएफ से बातचीत चल रही है। इससे आईएमएफ के अधिकारियों को यह महसूस हुआ है कि उन्हें जानबूझ कर अंधेरे में रखा गया है।

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