Hindi News
›
World
›
Pakistan government to introduce New Bill on five years jail for defamation Army and judiciary
{"_id":"63df2784d1c0860de445f7b8","slug":"pakistan-government-to-introduce-new-bill-on-five-years-jail-for-defamation-army-and-judiciary-2023-02-05","type":"story","status":"publish","title_hn":"Pakistan: सेना व न्यायपालिका के खिलाफ बयानबाजी पर पाकिस्तान में होगी पांच साल की सजा, नया विधेयक तैयार","category":{"title":"World","title_hn":"दुनिया","slug":"world"}}
Pakistan: सेना व न्यायपालिका के खिलाफ बयानबाजी पर पाकिस्तान में होगी पांच साल की सजा, नया विधेयक तैयार
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, इस्लामाबाद
Published by: प्रांजुल श्रीवास्तव
Updated Sun, 05 Feb 2023 09:23 AM IST
सार
लेटेस्ट अपडेट्स के लिए फॉलो करें
नए विधेयक में कहा गया है कि जो कोई भी न्यायपालिका, सशस्त्र बलों या उनके किसी भी सदस्य का उपहास या अपमान करता है तो वह दंडनीय कारावास का दोषी होगा। व्यक्ति को पांच साल तक के लिए या अधिकतम 10 लाख तक का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।
पाकिस्तान में सेना व न्यायपालिका के खिलाफ विपक्ष के हमलों के बीच शहबाज शरीफ सरकार ने नया विधेयक तैयार किया है। इसके अनुसार, सेना व न्यायपालिका के खिलाफ गलत बयानबाजी करने पर पांच साल तक की सजा का प्रावधान है। यह विधेयक पाकिस्तान दंड संहिता (पीपीसी) और दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) में संशोधन की अनुमति देता है।
पाकिस्तान के आंतरिक मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, इस विधेयक को जल्द ही कैबिनेट के सामने पेश किया जाएगा। नया आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम, 2023, पीपीसी 1860 में धारा 500 के बाद एक नई धारा 500A का सुझाव देता है।
सजा के साथ जुर्माने का भी प्रावधान
नए विधेयक में कहा गया है कि जो कोई भी न्यायपालिका, सशस्त्र बलों या उनके किसी भी सदस्य का उपहास या अपमान करता है तो वह दंडनीय कारावास का दोषी होगा। व्यक्ति को पांच साल तक के लिए या अधिकतम 10 लाख तक का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं। इसी तरह पीपीसी की अनुसूची II में, धारा 500 में 500A नामक एक नया खंड जोड़ा गया है, जिसमें कहा गया है कि अपराधी को बिना वारंट के गिरफ्तार किया जाएगा और अपराध गैर-जमानती और गैर-शमनीय होगा जिसे केवल सत्र न्यायालय में चुनौती दी जा सकती है।
सोशल मीडिया पर हो रही बयानबाजी
डॉन की खबर के मुताबिक, कैबिनेट सारांश में कहा गया है कि हाल के दिनों में देश में न्यायपालिका और सशस्त्र बलों पर हमले बढ़ गए हैं। महत्वपूर्ण राज्य संस्थानों और उनके अधिकारियों के खिलाफ नफरत फैलाने के उद्देश्य जानबूझ कर साइबर अभियान शुरू किया जा रहा है। सारांश में आगे कहा गया है कि इस तरह के हमले देश के की अखंडता, स्थिरता और स्वतंत्रता को कम करने पर केंद्रित होते हैं।
विज्ञापन
विज्ञापन
रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get latest World News headlines in Hindi related political news, sports news, Business news all breaking news and live updates. Stay updated with us for all latest Hindi news.
विज्ञापन
विज्ञापन
एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें
Disclaimer
हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।