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अविश्वास प्रस्ताव: सरकार बचाने के लिए पाक पीएम इमरान खान का नया पैंतरा, वोटिंग को लेकर किया सुप्रीम कोर्ट का रुख

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, इस्लामाबाद Published by: Amit Mandal Updated Mon, 21 Mar 2022 06:45 PM IST
सार

पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के लगभग 100 सांसदों ने 8 मार्च को नेशनल असेंबली सचिवालय के समक्ष अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था। 

Pak govt files petition in SC, seeks opinion on disqualification of dissident lawmakers
इमरान खान - फोटो : social media

विस्तार

पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर अविश्वास प्रस्ताव के दौरान प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ वोट करने की धमकी देने वाले असंतुष्ट सांसदों की अयोग्यता के बारे में एक संवैधानिक बिंदु पर स्पष्टीकरण मांगा। अटार्नी जनरल खालिद जावेद खान ने सत्ता पक्ष के लगभग दो दर्जन सांसदों द्वारा विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में मतदान करने की धमकी के मद्देनजर संविधान के अनुच्छेद 63-ए की व्याख्या के बारे में यह मामला पेश किया।



सुप्रीम कोर्ट में दी यह दलील 
इस अनुच्छेद के मुताबिक, अविश्वास प्रस्ताव या धन विधेयक जैसे प्रमुख मुद्दों पर पार्टी नेता के निर्देश के खिलाफ मतदान करने वाले को अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा। अयोग्यता की अवधि पर कानून चुप है, लेकिन प्रधानमंत्री इमरान खान ने असंतुष्टों के लिए आजीवन अयोग्यता की धमकी दी है। पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश उमर अता बंदियाल और न्यायमूर्ति मुनीब अख्तर की दो-न्यायाधीशों की पीठ, सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) द्वारा दायर एक याचिका के साथ इस मामले को उठाएगी, जिसमें अविश्वास मत से पहले शांति बनाए रखने के लिए हस्तक्षेप करने की मांग की गई थी।


याचिका में अनुच्छेद 63-ए के तहत अयोग्यता की दो व्याख्याओं पर प्रकाश डाला गया है, जिसमें सदस्य को बिना किसी प्रतिबंध के साधारण डी-सीटिंग और आजीवन अयोग्यता के साथ-साथ गलत वोट के शून्य प्रभाव शामिल हैं। इमरान खान की पार्टी इस बात की कोशिश में है कि गलती करने वाले सांसद के वोटों की गिनती नहीं की जाए, ताकि अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में असंतुष्ट सांसदों के वोट प्रधानमंत्री के खिलाफ पड़ने वाले वोटों में न जुड़ें।   

ये वोट महत्वपूर्ण हैं क्योंकि विपक्ष को प्रधानमंत्री को हटाने के लिए 172 वोटों की जरूरत है। पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के लगभग 100 सांसदों ने 8 मार्च को नेशनल असेंबली सचिवालय के समक्ष अविश्वास प्रस्ताव पेश किया, जिसमें आरोप लगाया गया कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) प्रधानमंत्री खान के नेतृत्व वाली सरकार देश में आर्थिक संकट और बढ़ती मुद्रास्फीति के लिए जिम्मेदार है।

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