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Nepal Politics: नेपाल में प्रचंड सरकार का सातवीं बार कैबिनेट विस्तार, पांच मंत्रालय अब भी पीएम दहल के पास

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, काठमांडू Published by: देव कश्यप Updated Sat, 01 Apr 2023 02:35 AM IST
सार

20 मार्च को विश्वास मत के दौरान 10 दलों ने समर्थन दिया था और सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल हुए थे। इसके बाद दहल शुक्रवार को पांच और दलों को साथ लेने में कामयाब रहे। प्रधानमंत्री दहल ने शपथ समारोह से कुछ घंटे पहले बंद कमरे में पार्टी की बैठक को संबोधित किया।

Nepal ministers sworn in the latest round of cabinet expansion by PM Pushpa Kamal Dahal Latest News Update
Nepal - फोटो : ANI

विस्तार

नेपाल में नई सरकार के गठन के एक महीने से भी कम समय में नेपाल के सत्तारूढ़ गठबंधन के बीच दरार आ गई और उनके बीच असंतोष दिख रहा है, जिसके परिणामस्वरूप मंत्रिमंडल का आंशिक और अधूरा विस्तार किया गया है। प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' के मंत्रिमंडल का शुक्रवार को एक बार फिर विस्तार किया गया और 11 मंत्रियों को शपथ दिलाई गई।



तीन महीने के भीतर सातवीं बार कैबिनेट फेरबदल
पुष्प कमल दहल उर्फ प्रचंड ने हफ्तों के अंतराल के बाद मंत्रिमंडल में फेरबदल किया और केवल 11 मंत्रियों को ही शामिल कर पाए, जिसमें एक राज्यमंत्री भी शामिल हैं।राष्ट्रपति कार्यालय शीतल निवास में नवनियुक्त मंत्रियों को राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। नेपाल के पीएम प्रचंड को लगभग तीन महीने के भीतर दूसरी बार फ्लोर टेस्ट और सातवीं बार कैबिनेट में फेरबदल करना पड़ा है।


20 मार्च को विश्वास मत के दौरान 10 दलों ने समर्थन दिया था और सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल हुए थे। इसके बाद दहल शुक्रवार को पांच और दलों को साथ लेने में कामयाब रहे। प्रधानमंत्री दहल ने शपथ समारोह से कुछ घंटे पहले बंद कमरे में पार्टी की बैठक को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मुझे कैबिनेट गठन पूरा करने दीजिए, उसके बाद इस सरकार को रिकॉर्ड बनाने वाले कार्यों के लिए याद किया जाएगा। राष्ट्रपति भवन के अंदर एक बंद स्थान पर कैबिनेट फेरबदल और शपथ ग्रहण समारोह में नेपाली कांग्रेस के चार नेता कैबिनेट में शामिल हुए।

मंत्री पदों के विभाजन को लेकर बढ़ते असंतोष के कारण सबसे बड़ी पार्टी आवंटित सीटों में से केवल आधी ही भर सकी है। संसद में सबसे बड़ी पार्टी नेपाली कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शेखर कोइराला और महासचिव गगन थापा ने अपनी तरफ से मंत्रियों के नाम नहीं सौंपे। सबसे बड़ी और सबसे पुरानी पार्टी के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा ने दहल के मंत्रिमंडल में पार्टी की टीम का नेतृत्व करने के लिए पार्टी उपाध्यक्ष पूर्णा बहादुर खड़का की सिफारिश की।

किसे मिला कौन सा मंत्रालय
खडका ने उप प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री के रूप में शपथ ली; जबकि पार्टी प्रवक्ता प्रकाश शरण को वित्त मंत्री नियुक्त किया गया है; उद्योग, वाणिज्य और आपूर्ति मंत्री के रूप में रमेश रिजाल और शहरी विकास मंत्री के रूप में सीता गुरुंग को शामिल किया गया है। इसी तरह पीएम के नेतृत्व वाली सीपीएन (माओवादी सेंटर) के शक्ति बासनेत को ऊर्जा, जल संसाधन और सिंचाई मंत्री नियुक्त किया गया है।

कैबिनेट फेरबदल के तहत दहल ने सीपीएन-एमसी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष नारायण काजी श्रेष्ठ को गृह मंत्री के रूप में फिर से नियुक्त किया, जो पहले भौतिक बुनियादी ढांचे और परिवहन मंत्रालय की देखरेख कर रहे थे। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा तत्कालीन मंत्री रबी लामिछाने की नागरिकता को अमान्य करने के बाद प्रधानमंत्री स्वयं गृह मंत्रालय की देखरेख कर रहे थे।
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सीपीएन (यूनिफाइड सोशलिस्ट) के उपाध्यक्ष बेदूराम भुसाल को कृषि और पशुधन विकास मंत्री और पार्टी के उप महासचिव प्रकाश ज्वाला को भौतिक बुनियादी ढांचे और परिवहन मंत्री नियुक्त किया गया है। इसी तरह, जनता समाजवादी पार्टी संघीय परिषद के अध्यक्ष अशोक राय को शिक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री नियुक्त किया गया है।लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के शरत सिंह भंडारी को श्रम, रोजगार और सामाजिक सुरक्षा मंत्री बनाया गया है। नागरिक उन्मुक्ति पार्टी की अध्यक्ष रंजीता श्रेष्ठ चौधरी को भूमि प्रबंधन, सहकारिता और गरीबी उन्मूलन मंत्री नियुक्त किया गया है। नेपाल समाजवादी पार्टी के महिंद्रा राय यादव को महिला, बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों के मंत्री के रूप में शामिल किया गया है।

अभी भी पांच मंत्रालय पीएम दहल के पास
अधिकांश मंत्रालयों को भरने के बावजूद, पीएम दहल के पास अभी भी कानून, न्याय और संसदीय मामलों का मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, वन और पर्यावरण मंत्रालय, स्वास्थ्य और जनसंख्या मंत्रालय और युवा और खेल मंत्रालय है।

जल आपूर्ति मंत्री ने दिया इस्तीफा
वहीं, सत्तारूढ़ गठबंधन में बढ़ती दरार और बढ़ते असंतोष के चलते जनमत पार्टी के जल आपूर्ति मंत्री अब्दुल खान ने शुक्रवार को इस्तीफा दे दिया। खान के इस्तीफे के बाद जनमत पार्टी के अध्यक्ष सीके राउत ने ट्वीट किया, अब्दुल खान को बहुत-बहुत बधाई-उन्होंने इस्तीफा देकर साबित कर दिया है कि जनमत पार्टी किसी मंत्री पद की भूखी नहीं है। हम जनता के सेवक हैं। यदि आप जनता से किए गए वादों के अनुसार सेवा कर सकते हैं, तो आप पद पर बने रहें, यदि आप कार्य नहीं कर सकते हैं और लोगों से किए गए वादों को पूरा नहीं कर सकते हैं, तो लटके रहने की कोई वजह नहीं है।

जनमत पार्टी ने पहले मंत्रिमंडल विस्तार में कृषि मंत्रालय की मांग की थी जबकि इसे पेयजल मंत्रालय सौंप दिया गया था। राउत के अनुसार, पार्टी ने उद्योग मंत्रालय की मांग की थी लेकिन प्रधानमंत्री ने उनकी मांग पर ध्यान नहीं दिया।

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