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National Security Advisor Ajit Doval stressed the need for concrete implementation of intentions and ideas
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NSA US Visit: डोभाल ने भारत व अमेरिकी सहयोग को गति देने का तैयार किया आधार
वर्ल्ड न्यूज, अमर उजाला, वाशिंगटन
Published by: वीरेंद्र शर्मा
Updated Thu, 02 Feb 2023 02:46 AM IST
सार
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डोभाल और अमेरिका में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधू ने प्रौद्योगिकी विकास में भारत की उल्लेखनीय क्षमता पर प्रकाश डाला। आईसीईटी (iCET) को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर लॉन्च किया जा रहा है।
भारत-अमेरिका की क्रिटिकल एंड इमर्जिंग टेक्नोलॉजी (आईसीईटी) बैठक में दोनों देशों ने नया इनोवेशन ब्रिज शुरू करने का फैसला किया, जो दोनों देशों के रक्षा स्टार्टअप को जोड़ेगा। बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल ने अत्याधुनिक क्षेत्रों में दोनों देशों के सहयोग की गति देने का आधार तैयार किया। उन्होंने इस दौरान अमेरिकी एनएसए जेक सुलिवन समेत कई शीर्ष मुलाकातें कीं।
आईसीईटी पर भारत-अमेरिकी पहल का उद्घाटन अजीत डोभाल और जेक सुलिवन ने किया था। इस दौरान अमेरिका की ओर से नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन के प्रशासक नेशनल साइंस फाउंडेशन के निदेशक, नेशनल स्पेस काउंसिल के कार्यकारी सचिव और राज्य विभाग तथा वाणिज्य, रक्षा और राष्ट्रीय मंत्राल के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए थे। यहां भारतीय दूतावास ने बताया, डोभाल ने अपनी चर्चाओं के माध्यम से दोनों देशों में सहयोग की गति बढ़ाने का आधार तैयार किया जो वास्तव में एक व्यापक तथा वैश्विक रणनीतिक साझेदारी की परिपक्वता का परिचायक है। डोभाल और सुलिवन ने व्हाइट हाउस में आईसीईटी की पहली उच्च-स्तरीय बैठक की। भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने सुलिवन के अलावा अमेरिकी ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष जनरल मार्क मायले, उप रक्षा मंत्री डॉ. कैथलीन हिक्स, शीर्ष सासदों और उद्योग जगत के कई दिग्गजों से मुलाकात की। दूतावास ने कहा, आईसीईटी का मकसद प्रौद्योगिकी श्रृंखलाओं का निर्माण करके दोनों देशों में विश्वसनीय भागीदारी स्थापित करना है।
भारत के लिए निर्यात बाधाएं कम करने का दिया आश्वासन
बैठक में अमेरिकी पक्ष ने विधायी परिवर्तनों के प्रयासों सहित कुछ अहम क्षेत्रों में भारत के लिए निर्यात बाधा घटाने का आश्वासन दिया। रक्षा विनिर्माण के क्षेत्र में दोनों पक्ष पारस्परिक हित की प्रमुख वस्तुओं के संयुक्त उत्पादन पर ध्यान केंद्रित करने पर सहमत हुए। साथ ही अगली पीढ़ी के दूरसंचार में, भारत की लागत-प्रतिस्पर्धात्मकता को देखते हुए दोनों पक्ष विश्वसनीय स्रोतों का उपयोग करते हुए एक सार्वजनिक-निजी संवाद शुरू करने पर सहमत हुए।
अमेरिकी उप रक्षामंत्री से सैन्य समन्वय पर चर्चा
भारत के एनएसए अजीत डोभाल और अमेरिकी उप रक्षामंत्री कैथलीन हिक्स ने चीन से खतरे के मद्देनजर दोनों देशों की सेनाओं के बीच समन्वय मजबूत करने पर चर्चा की। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता एरिक पाहोन ने कहा कि उन्होंने क्षेत्र के तेजी से विवादित रणनीतिक माहौल को संबोधित करने के लिए दोनों देशों सेनाओं के बीच समन्वय को और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की। बैठक में कूटनीतिक रूप से सीधे तौर पर चीन का जिक्र करने से परहेज किया गया, लेकिन कहा गया कि भारत के साथ हाल के सीमा संघर्षों से और ताइवान तथा दक्षिण चीन सागर में समुद्री और द्वीपीय दावों वाले देशों के साथ तनाव बढ़ गया है।
जेट इंजन निर्माण प्रस्ताव की जल्द समीक्षा
व्हाइट हाउस के अनुसार, डोभाल और सुलिवन के नेतृत्व में आईसीईटी पर भारत-अमेरिका पहल की एक अलग बैठक में, वाशिंगटन इस बात पर सहमत हुआ कि भारत द्वारा स्वदेशी रूप से निर्मित पावर जेट विमान के लिए साझा तौर पर जेट इंजन बनाने के प्रस्ताव की शीघ्र समीक्षा की जाए। उन्होंने जेट इंजन और युद्ध सामग्री प्रौद्योगिकियों से संबंधित संयुक्त विकास तथा उत्पादन परियोजनाओं में तेजी लाने के लिए एक नया द्विपक्षीय रक्षा औद्योगिक सहयोग रोडमैप विकसित करने का फैसला भी किया। बैठक की एक और पहल समुद्री सुरक्षा और खुफिया निगरानी टोही पर केंद्रित दीर्घकालिक सहयोग पर है।
इरादों, विचारों को ठोस अमली जामा पहनाने की जरूरत
आईसीईटी बैठक के समापन के बाद व्हाइट हाउस ने एक फैक्ट शीट में कहा कि हम आपसी विश्वास और सुरक्षित प्रौद्योगिकी पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इससे हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों और लोकतांत्रिक संस्थानों को मजबूती मिलेगी। आईसीईटी को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर लॉन्च किया जा रहा है। डोभाल ने इरादों और विचारों को ठोस अमली जामा की जरूरत पर जोर दिया।
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प्रौद्योगिकी व रक्षा क्षेत्र में दोनों देश सहयोग को तैयार
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत के एनएसए अजीत के डोभाल व उनके साथी जेक सुलिवन द्वारा आईसीईटी पर भारत-अमेरिकी पहल की शुरुआत इस बात का संकेत है कि दोनों देश बाधाओं को तोड़ने, प्रौद्योगिकी में संबंधों को बढ़ावा देने और रक्षा सहयोग को मजबूत करने के लिए तैयार हैं। यह बात सेंटर फॉर न्यू अमेरिकन सिक्योरिटी में हिंद-प्रशांत सुरक्षा कार्यक्रम की निदेशक लीजा कर्टिस कही।
डोभाल और अमेरिका में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधू ने प्रौद्योगिकी विकास में भारत की उल्लेखनीय क्षमता पर प्रकाश डाला। उन्होंने भारत में प्रौद्योगिकी के उपयोग को न केवल आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के रूप में बल्कि सामाजिक समावेश के एक साधन के रूप में भी बताया।