NASA ने चंद्रमा की सतह पर ढूंढ निकाला चंद्रयान-2 का लैंडर विक्रम, जारी की तस्वीर
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला
Updated Tue, 03 Dec 2019 10:03 AM IST
विक्रम लैंडर के प्रभाव बिंदु और संबंधित मलबे क्षेत्र को दिखाती तस्वीर
- फोटो : ट्विटर/नासा
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इस साल सितंबर में भारत के महत्वकांक्षी चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर के मलबे को अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने ढूंढ निकाला है। नासा ने मंगलवार सुबह अपने लूनर रेकॉन्सेन्स ऑर्बिटर (एलआरओ) से ली गई एक तस्वीर जारी की है। जिसमें विक्रम लैंडर से प्रभावित स्थान दिखाई दे रहा है। नासा ने एक बयान जारी करते हुए कहा चंद्रमा की सतह पर विक्रम लैंडर मिल गया है।
तस्वीर में नीले और हरे डॉट्स के जरिए विक्रम लैंडर के मलबे वाला क्षेत्र दिखाया गया है। बयान में नासा ने कहा है कि उसने 26 सितंबर को क्रैश साइट की एक तस्वीर जारी की थी और लोगों को विक्रम लैंडर के संकेतों की खोज करने के लिए बुलाया था। चेन्नई के कंप्यूटर प्रोग्रामर और मैकेनिकल इंजीनियर शनमुग सुब्रमण्यम ने मलबे की सकारात्मक पहचान के साथ एलआरओ परियोजना से संपर्क किया।
जिसके बाद एलओआरसी की टीम ने पहले और बाद की छवियों की तुलना करके लैंडर साइट की पहचान की पुष्टि की। शनमुगा ने क्रैश साइट के उत्तर-पश्चिम में लगभग 750 मीटर की दूरी पर स्थित मलबे की पहचान की। यह पहले मोजेक (1.3 मीटर पिक्सल, 84 डिग्री घटना कोण) की स्पष्ट तस्वीर थी। नंवबर मोजेक में इंपैक्ट क्रिएटर, रे और व्यापक मलबा क्षेत्र को अच्छी तरह से दिख रहा है। मलबे के तीन सबसे बड़े टुकड़े 2x2 पिक्सल के हैं।
इसरो से टूट गया था विक्रम लैंडर का संपर्क
अक्तूबर में नासा ने बयान जारी करके बताया था कि उन्हें ऑर्बिटर से मिले ताजा फोटो में चंद्रयान-2 के लैंडर का पता नहीं चला है। नासा ने कहा था कि हो सकता है जिस समय हमारे ऑर्बिटर ने तस्वीर ली उस समय लैंडर किसी छाया में छिप गया हो। नासा की एक परियोजना के वैज्ञानिक ने बताया था कि हमारे ऑर्बिटर ने 14 अक्तूबर को चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडिंग साइट की फोटो ली थी लेकिन वहां हमें ऐसी कोई नहीं मिली जिसमें विक्रम लैंडर-2 को देखा जा सके। बता दें कि चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर विक्रम लैंडर ने सॉफ्ट की बजाए हार्ड लैंडिंग की थी जिसके कारण उसका इसरो से संपर्क टूट गया था।
इस साल सितंबर में भारत के महत्वकांक्षी चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर के मलबे को अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने ढूंढ निकाला है। नासा ने मंगलवार सुबह अपने लूनर रेकॉन्सेन्स ऑर्बिटर (एलआरओ) से ली गई एक तस्वीर जारी की है। जिसमें विक्रम लैंडर से प्रभावित स्थान दिखाई दे रहा है। नासा ने एक बयान जारी करते हुए कहा चंद्रमा की सतह पर विक्रम लैंडर मिल गया है।
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तस्वीर में नीले और हरे डॉट्स के जरिए विक्रम लैंडर के मलबे वाला क्षेत्र दिखाया गया है। बयान में नासा ने कहा है कि उसने 26 सितंबर को क्रैश साइट की एक तस्वीर जारी की थी और लोगों को विक्रम लैंडर के संकेतों की खोज करने के लिए बुलाया था। चेन्नई के कंप्यूटर प्रोग्रामर और मैकेनिकल इंजीनियर शनमुग सुब्रमण्यम ने मलबे की सकारात्मक पहचान के साथ एलआरओ परियोजना से संपर्क किया।
जिसके बाद एलओआरसी की टीम ने पहले और बाद की छवियों की तुलना करके लैंडर साइट की पहचान की पुष्टि की। शनमुगा ने क्रैश साइट के उत्तर-पश्चिम में लगभग 750 मीटर की दूरी पर स्थित मलबे की पहचान की। यह पहले मोजेक (1.3 मीटर पिक्सल, 84 डिग्री घटना कोण) की स्पष्ट तस्वीर थी। नंवबर मोजेक में इंपैक्ट क्रिएटर, रे और व्यापक मलबा क्षेत्र को अच्छी तरह से दिख रहा है। मलबे के तीन सबसे बड़े टुकड़े 2x2 पिक्सल के हैं।
इसरो से टूट गया था विक्रम लैंडर का संपर्क
अक्तूबर में नासा ने बयान जारी करके बताया था कि उन्हें ऑर्बिटर से मिले ताजा फोटो में चंद्रयान-2 के लैंडर का पता नहीं चला है। नासा ने कहा था कि हो सकता है जिस समय हमारे ऑर्बिटर ने तस्वीर ली उस समय लैंडर किसी छाया में छिप गया हो। नासा की एक परियोजना के वैज्ञानिक ने बताया था कि हमारे ऑर्बिटर ने 14 अक्तूबर को चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडिंग साइट की फोटो ली थी लेकिन वहां हमें ऐसी कोई नहीं मिली जिसमें विक्रम लैंडर-2 को देखा जा सके। बता दें कि चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर विक्रम लैंडर ने सॉफ्ट की बजाए हार्ड लैंडिंग की थी जिसके कारण उसका इसरो से संपर्क टूट गया था।
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