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Pakistan: पूर्व पीएम इमरान खान को राहत, लाहौर एंटी-टेररिज्म कोर्ट ने आवास की तलाशी पर लगाई रोक

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, लाहौर Published by: गुलाम अहमद Updated Wed, 31 May 2023 03:08 AM IST
सार

एटीसी जज अबहर गुल खान ने पीटीआई प्रमुख की याचिका पर सुरक्षित फैसला सुनाते हुए कहा कि एक बार का सर्च वारंट हमेशा के लिए नहीं होता है।
 

Lahore anti-terrorism court declares Imran Khan Zaman Park residence search warrant ineffective
इमरान खान - फोटो : अमर उजाला

विस्तार
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लाहौर में एक एंटी-टेररिज्म कोर्ट (एटीसी) ने मंगलवार को पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान खान के जमान पार्क स्थित आवास की तलाशी वारंट को ‘अमान्य’ घोषित कर दिया। पाकिस्तान की मीडिया के मुताबिक, एटीसी जज अबहर गुल खान ने पीटीआई प्रमुख की याचिका पर सुरक्षित फैसला सुनाते हुए कहा कि एक बार का सर्च वारंट हमेशा के लिए नहीं होता है।



पूर्व प्रधानमंत्री ने अपने जमान पार्क निवास के लिए तलाशी वारंट को रद्द करने का अनुरोध करते हुए लाहौर की एंटी-टेररिज्म कोर्ट का रुख किया था। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इमरान खान ने याचिका में राज्य, लाहौर के कमिश्नर, डीआईजी ऑपरेशन लाहौर, एसएसपी ऑपरेशन लाहौर और अन्य को प्रतिवादी बनाया था। पुलिस ने 18 मई को एटीसी से इमरान खान के जमान पार्क आवास के लिए तलाशी वारंट हासिल किया था।


पीटीआई कार्यकर्ताओं को कथित धमकियों पर इमरान खान का बयान
पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने दावा किया है कि केंद्र सरकार अकल्पनीय स्तर तक गिर रही है और पीटीआई कार्यकर्ताओं को धमकी दी जा रही है कि उनके घर से महिलाओं को उठा लिया जाएगा। वीडियो लिंक के जरिए जनता को संबोधित करते हुए खान ने दावा किया कि पीटीआई कार्यकर्ताओं को धमकी दी जा रही है कि उनके घर से महिलाओं को ले जाया जाएगा। सरकार इस स्तर तक गिर गई है। कोई भी पाकिस्तान की राजनीति में इस स्तर तक गिरने की कल्पना नहीं कर सकता था। खान ने कहा कि अधिकारी महिलाओं को रिहा करने से डर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अधिकारियों को पता है कि आगजनी की घटनाओं में कोई भी महिला शामिल नहीं थी। मुश्किल से 100 से 150 लोग हिंसा में शामिल रहे होंगे। बाकी लोग शांतिपूर्वक विरोध कर रहे थे।

पीटीआई पर कार्रवाई का जिक्र करते हुए इमरान ने कहा कि पाकिस्तान सरकार की कार्रवाई के बाद भी कुछ ही लोगों ने पार्टी छोड़ी है। पार्टी छोड़ने वाले नेताओं के संबंध में खान ने कहा कि पार्टी छोड़ने वालों में से इस बार अधिकांश को टिकट नहीं मिलने वाला था। उन्हें राजनीतिक करियर खत्म होने का डर था।

बलूचिस्तान में चीनी, आटे के दाम एक बार फिर बढ़े
क्वेटा। पाकिस्तान में बलूचिस्तान प्रांत की राजधानी क्वेटा समेत सभी जिलों में चीनी और आटे के दाम एक बार फिर आसमान छू रहे हैं। यहां चीनी 130 पाकिस्तानी रुपये से 200 रुपये प्रति किलो बेची जा रही है जबकि आटा 2,600 रुपये से 4,000 रुपये प्रति 20 किलोग्राम बेचा जा रहा है। रोजनामा इंतेखाब ने बताया कि चीनी की कीमत दालबंदिन में सबसे अधिक 200 पाकिस्तानी रुपये प्रति किलोग्राम है, जबकि आटे की उच्चतम कीमत सहाबतपुर में 4000 रुपये प्रति 20 किलोग्राम दर्ज की गई है। आटा मिलों ने बृहस्पतिवार से हड़ताल की चेतावनी दी है।

आईएमएफ ने कहा- संविधान के तहत राजनीतिक विवाद सुलझाए पाकिस्तान
अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने पाकिस्तान से अपने राजनीतिक विवादों को हल करने के लिए संविधान का पालन करने का आग्रह किया है। यह बात पाकिस्तान को डिफॉल्ट होने से बचाने के लिए 6.5 अरब डॉलर के बेलआउट पैकेज को पुनर्जीवित करने के लिए पीएम शहबाज शरीफ के आईएमएफ की प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जॉर्जीवा से संपर्क करने पर कही गई। शहबाज-जॉर्जीवा के बीच चर्चा से पहले गत चार माह में भी पाकिस्तानी वित्त मंत्रालय ऋण वार्ता पर गतिरोध नहीं तोड़ सका। पाकिस्तान में आईएमएफ मिशन के प्रमुख नाथन पोर्टर ने असामान्य बयान दिया कि हम घरेलू राजनीति पर टिप्पणी नहीं करते लेकिन आशा करते हैं कि संविधान और कानून के शासन के अनुरूप एक शांतिपूर्ण रास्ता मिल जाएगा। यह बयान पीटीआई कार्यकर्ताओं के खिलाफ जारी कार्रवाई, लोगों के अपहरण, दो प्रांतों में चुनाव कराने की 90 दिनों की सांविधानिक सीमा के उल्लंघन और सेना अधिनियम के तहत सैन्य अदालतों में नागरिकों के मुकदमे के बीच आया है।
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बलूचिस्तान में जबरन लापता युवाओं के विरोध में प्रदर्शन
पाकिस्तान की सरकारी एजेंसियों द्वारा बलोच युवाओं के जबरन लापता होने के खिलाफ गुस्सा जताने के मकसद से बलोचिस्तान में एक विरोध रैली आयोजित की गई। स्थानीय मीडिया के मुताबिक, क्वेटा प्रेस क्लब में ‘वॉयस फॉर बलोच मिसिंग पर्सन’ के अध्यक्ष मामा कदीर ने विरोध रैली का नेतृत्व किया। इससे पहले तुरबत और खुजदार में भी विरोध प्रदर्शन किए गए। लापता व्यक्तियों के परिवारों सहित विभिन्न छात्र समूहों ने विरोध प्रदर्शन में भाग लिया और प्रशासन के खिलाफ अपना गुस्सा व्यक्त किया। बलोच नेशनल मूवमेंट के मानवाधिकार संगठन द्वारा जारी वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2022 बलोचिस्तान के लिए एक भयानक वर्ष था। उस वक्त जबरन गायब होने का रिकॉर्ड 629 तक पहुंच गया।

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