वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, कुवैत सिटी
Published by: गौरव पाण्डेय
Updated Tue, 29 Sep 2020 10:26 PM IST
कुवैत के सत्तारूढ़ अमीर शेख सबाह अल-अहमद अल-सबाह का 91 वर्ष की आयु में निधन हो गया। यह जानकारी राज्य टेलीविजन पर प्रसारित एक आधिकारिक बयान में दी गई। उनके नामित उत्तराधिकारी उनके भाई क्राउन प्रिंस शेख नवाफ अल-अहमद अल-सबाह हैं।
दिवंगत शेख सबाह कुवैत सैन्य बलों को कमांडर थे। राष्ट्रीय असेंबली से अनुमति मिलने के बाग 29 जनवरी 2006 को उन्होंने शपथ ली थी। शेख सबाह तब से ही कुवैत का नेतृत्व कर रहे थे। वह शेख अहमद अल-जबर अल-सबाह के चौथे बेटे थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनके निधन पर शोक जाहिर किया। उन्होंने एक ट्वीट में लिखा, आज कुवैत और अरब दुनिया ने एक लोकप्रिय नेता खोया है, भारत ने एक करीबी मित्र खोया है और दुनिया ने एक महान स्टेट्समैन खो दिया है। उन्होंने कहा संकट के इस समय में मेरी संवेदनाएं शेख सबाह के परिवार और कुवैत के नागरिकों के साथ हैं।
तेल समृद्ध देश के लंबे वक्त तक विदेश मंत्री रहने के दौरान सबाह ने 1990 के खाड़ी युद्ध के बाद इराक के साथ करीबी रिश्ते कायम करने और अन्य क्षेत्रीय संकटों का समाधान निकालने के लिए काफी काम किया। अल सबाह ने कतर और अन्य अरब देशों के बीच विवाद के हल के लिए भी कोशिशें कीं और यह प्रयास आज की तारीख तक जारी रहे।
इससे पहले कुवैत की संसद ने उनके पूर्वर्ती अमीर शेख साद अल अब्दुल्लाह अल सबाह को नौ दिन के शासन के बाद ही बीमारी की वजह से तख्त से हटा दिया था। इराकी फौजें 1990 में कुवैत में घुस आई थीं। इसके बाद अमेरिकी नीत जंग में इराकी सेना को खदेड़ दिया गया था। इसके बाद से ही कुवैत अमेरिका का घनिष्ठ सहयोगी है।
कुवैत के सत्तारूढ़ अमीर शेख सबाह अल-अहमद अल-सबाह का 91 वर्ष की आयु में निधन हो गया। यह जानकारी राज्य टेलीविजन पर प्रसारित एक आधिकारिक बयान में दी गई। उनके नामित उत्तराधिकारी उनके भाई क्राउन प्रिंस शेख नवाफ अल-अहमद अल-सबाह हैं।
दिवंगत शेख सबाह कुवैत सैन्य बलों को कमांडर थे। राष्ट्रीय असेंबली से अनुमति मिलने के बाग 29 जनवरी 2006 को उन्होंने शपथ ली थी। शेख सबाह तब से ही कुवैत का नेतृत्व कर रहे थे। वह शेख अहमद अल-जबर अल-सबाह के चौथे बेटे थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनके निधन पर शोक जाहिर किया। उन्होंने एक ट्वीट में लिखा, आज कुवैत और अरब दुनिया ने एक लोकप्रिय नेता खोया है, भारत ने एक करीबी मित्र खोया है और दुनिया ने एक महान स्टेट्समैन खो दिया है। उन्होंने कहा संकट के इस समय में मेरी संवेदनाएं शेख सबाह के परिवार और कुवैत के नागरिकों के साथ हैं।
तेल समृद्ध देश के लंबे वक्त तक विदेश मंत्री रहने के दौरान सबाह ने 1990 के खाड़ी युद्ध के बाद इराक के साथ करीबी रिश्ते कायम करने और अन्य क्षेत्रीय संकटों का समाधान निकालने के लिए काफी काम किया। अल सबाह ने कतर और अन्य अरब देशों के बीच विवाद के हल के लिए भी कोशिशें कीं और यह प्रयास आज की तारीख तक जारी रहे।
इससे पहले कुवैत की संसद ने उनके पूर्वर्ती अमीर शेख साद अल अब्दुल्लाह अल सबाह को नौ दिन के शासन के बाद ही बीमारी की वजह से तख्त से हटा दिया था। इराकी फौजें 1990 में कुवैत में घुस आई थीं। इसके बाद अमेरिकी नीत जंग में इराकी सेना को खदेड़ दिया गया था। इसके बाद से ही कुवैत अमेरिका का घनिष्ठ सहयोगी है।