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Pakistan: पाकिस्तान में ‘एस्टैब्लिशमेंट’ की पीठ पर है अमेरिका का हाथ?

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, इस्लामाबाद Published by: Harendra Chaudhary Updated Tue, 30 May 2023 02:02 PM IST
सार

Pakistan: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बॉल्टन ने भी हाल में पीटीआई के खिलाफ दमन की कार्रवाइयों की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने चेतावनी दी है कि इमरान खान के साथ बदसलूकी का असर अमेरिका के साथ पाकिस्तान के रिश्तों पर पड़ सकता है...

Is United states behind the 'Establishment' in Pakistan?
Pakistan Army Chief Asim Munir - फोटो : Agency (File Photo)

विस्तार
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पाकिस्तान में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के समर्थकों पर सेना और शहबाज शरीफ सरकार के दमन चक्र को क्या अमेरिका का साथ मिला हुआ है? यह सवाल पाकिस्तान के मौजूदा हालात पर पूर्व अमेरिकी राजदूत जालमे खलिजाद की टिप्पणियों पर जो बाइडन प्रशासन की कथित नाराजगी की खबर आने के बाद उठा है।

उच्च पदस्थ अमेरिकी सूत्रों ने अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून से बातचीत में कहा कि रिटायर्ड राजनयिक खलिजाद किसी मुद्दे पर अपनी राय रखने के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन अमेरिका सरकार की राय में पाकिस्तान की सियासी हालत पर उनकी हालिया टिप्पणियां से दोनों देशों के आपसी संबंधों में पेचीदगी आ सकती है।    

खलिजाद अफगानिस्तान और इराक में अमेरिका के राजदूत रह चुके हैं। पूर्व राष्ट्रपति डोनॉल्ड ट्रंप ने अफगान मामलों में उन्हें अपना दूत बना रखा था। खलिजाद ट्विटर पर सक्रिय रहते हैं और हाल में उन्होंने पाकिस्तान की स्थितियों पर कई टिप्पणियां की हैं। इन टिप्पणियों से ऐसी धारणा बनी है कि वे पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान का समर्थन कर रहे हैं। बताया जाता है कि बाइडन प्रशासन का ध्यान तब खलिजाद की टिप्पणियों पर टिका, जब उन्होंने सेनाध्यक्ष जनरल असीम मुनीर सहित पूरे सेना नेतृत्व की कड़ी आलोचना की।
सूत्रों ने एक्सप्रेस ट्रिब्यून को बताया कि बाइडन प्रशासन ने अपनी चिंताएं खलिजाद को बता दी हैं। उनसे कहा गया है कि पाकिस्तान की घरेलू स्थिति के बारे में कुछ कहते वक्त वे सावधानी बरतें।

यहां शहबाज शरीफ सरकार समर्थक पर्यवेक्षकों ने कहा है कि उन्हें खलिजाद की टिप्पणियां पहले ही विचित्र महसूस हुईं। इन पर्यवेक्षकों के मुताबिक खलिजाद की कई टिप्पणियों से ऐसा लगा कि वे एक राजनयिक के रूप में नहीं, बल्कि इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के समर्थक के रूप में बोल रहे हैं।

अभी यह साफ नहीं है कि बाइडन प्रशासन की सलाह पर खलिजाद कितना अमल करेंगे। खलिजाद को निकटता से जानने वाले लोगों के मुताबिक पूर्व राजदूत ऐसे व्यक्ति नहीं हैं, जिन्हें आसानी प्रभावित किया जा सके। वैसे भी उनका संबंध अमेरिका की रिपब्लिकन पार्टी से है, जो डेमोक्रेटिक पार्टी के मौजूदा प्रशासन की विदेश नीति की आलोचक है।

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पर्यवेक्षकों के मुताबिक खलिजाद जब अफगान मामलों में उलझे हुए थे, तब उनके तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान से निकटता बन गई थी। मुमकिन है कि उसी निकटता के कारण अब वे खुल कर पूर्व प्रधानमंत्री के समर्थन में बोल रहे हों। पाकिस्तान में सत्ताधारी गठबंधन पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) के समर्थक पर्यवेक्षकों का आरोप है कि इमरान खान ने अमेरिकी अधिकारियों के बीच अपनी लॉबिंग तेज कर दी है। संभव है कि खलिजाद की टिप्पणियों का एक कारण यह भी हो।  

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बॉल्टन ने भी हाल में पीटीआई के खिलाफ दमन की कार्रवाइयों की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने चेतावनी दी है कि इमरान खान के साथ बदसलूकी का असर अमेरिका के साथ पाकिस्तान के रिश्तों पर पड़ सकता है। बॉल्टन का रिपब्लिकन पार्टी में काफी प्रभाव माना जाता है। पीडीएम समर्थकों का कहना है कि बॉल्टन का बयान भी इमरान खान की लॉबिंग का परिणाम है।

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