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IFSB: आईएफएसबी का UN के बाहर प्रदर्शन, बांग्लादेश में 1971 में पाक सेना के नरसंहार को मान्यता देने की मांग की

एएनआई, जिनेवा Published by: वीरेंद्र शर्मा Updated Sun, 26 Mar 2023 05:46 AM IST
सार

बांग्लादेश के यूरोपीय स्वतंत्रता सेनानी संगसाद के नेताओं, स्विट्जरलैंड के अवामी लीग के सदस्यों और अन्य अंतरराष्ट्रीय गैर सरकारी संगठनों के सदस्यों ने भी इस विरोध प्रदर्शन में भाग लिया।

international Forum for Secular Bangladesh Switzerland chapter demand recognition of 1971 Bangladesh genocide
संयुक्त राष्ट्र - फोटो : pixabay

विस्तार

इंटरनेशनल फोरम फॉर सेक्युलर बांग्लादेश (आईएफएसबी) स्विट्जरलैंड चैप्टर ने शनिवार को जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र भवन के सामने ब्रोकन चेयर चौक पर प्रदर्शन किया। उन्होंने 1971 में पाकिस्तान सेना द्वारा की गई बांग्लादेशियों की हत्या को नरसंहार करार देने की मांग की। 


न्याय और अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा नरसंहार करार देने की मांग को लेकर 25 बांग्लादेशी प्रवासी संयुक्त राष्ट्र कार्यालय के सामने इकट्ठा हुए। बांग्लादेश के यूरोपीय स्वतंत्रता सेनानी संगसाद के नेताओं, स्विट्जरलैंड के अवामी लीग के सदस्यों और अन्य अंतरराष्ट्रीय गैर सरकारी संगठनों के सदस्यों ने भी इस विरोध प्रदर्शन में भाग लिया। बांग्लादेश स्वतंत्रता सेनानी तजुल इस्लाम ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद से 25 मार्च को बांग्लादेश नरसंहार दिवस के रूप में मान्यता देने का आग्रह किया। बता दें कि, 25 मार्च 1971 की रात को पाकिस्तानी सेना द्वारा नागरिकों पर किए गए अत्याचारों के खिलाफ 2017 से इस दिन बांग्लादेश में 'नरसंहार दिवस' मनाया जाता है। 


पाकिस्तान सेना की गई निंदा
आईएफएसबी स्विट्जरलैंड चैप्टर के अध्यक्ष खलीलुर रहमान ने कहा, बांग्लादेश में बीएनपी और जमात आतंकवादी हैं। फ्रैंकफर्ट के एक अन्य बांग्लादेशी स्वतंत्रता सेनानी अमीनुल रहमान खुसरो ने भी नरसंहार के लिए पाकिस्तानी सेना की निंदा की। स्विट्जरलैंड अवामी लीग के सभी सक्रिय सदस्यों ने बीएनपी / जमात के खिलाफ नारे लगाए और उन्हें बंगालियों के नरसंहार के सहयोगी के रूप में करार दिया, जो अत्याचार, यौन शोषण के दौरान पाकिस्तानी सेना से जुड़े थे। 

बांग्लादेश में भी किया गया प्रदर्शन
ढाका में बांग्लादेश मुक्तिजुद्ध मंच ने भी 1971 में बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के दौरान पाकिस्तानी सेना द्वारा 30 लाख लोगों के कथित नरसंहार के खिलाफ शनिवार को शाहबाग में राष्ट्रीय संग्रहालय के सामने एक प्रदर्शन किया। उन्होंने भी मांग की कि इस दिन को संयुक्त राष्ट्र द्वारा अंतरराष्ट्रीय  नरसंहार दिवस के रूप में चिह्नित किया जाए। पार्टी के महासचिव अल मामुन ने 25 मार्च को 'अंतर्राष्ट्रीय नरसंहार दिवस' के रूप में मान्यता देने और पाकिस्तानी सेना के 'ऑपरेशन सर्चलाइट' के लिए संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय
आपराधिक न्यायालय से न्याय की मांग की। 

 
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