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Indias commitment to import clean energy from Nepal opened new door PM Pushp Kamal Dahal Prachanda
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नेपाल: 'दक्षिण एशिया में जल विद्युत विकास के लिए भारत ने खोला एक नया द्वार,' प्रचंड ने दिल्ली दौरे को किया याद
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, काठमांडू
Published by: निर्मल कांत
Updated Sat, 10 Jun 2023 05:58 PM IST
प्रचंड ने कहा कि जल विद्युत उत्पादन में वृद्धि से हरित और स्वच्छ ऊर्जा (ग्रीन एंड क्लीन एनर्जी) के विकास में मदद मिलेगी और क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने में मदद मिलेगी।
आने वाले दस वर्षों में नेपाल से 10 हजार मेगावाट स्वच्छ ऊर्जा आयात करने की भारत की प्रतिबद्धता ने दक्षिण एशिया में जल विद्युत (हाइड्रोपावर) विकास के लिए एक नया दरवाजा खोल दिया है। प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' ने यह टिप्पणी उस वक्त की, जब वह शुक्रवार को विश्व बैंक के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष मार्टिन रायसेर के साथ बैठक कर रहे थे।
हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट
- फोटो : सोशल मीडिया
प्रचंड ने कहा कि जल विद्युत उत्पादन में वृद्धि से हरित और स्वच्छ ऊर्जा (ग्रीन एंड क्लीन एनर्जी) के विकास में मदद मिलेगी और क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने में मदद मिलेगी। सिंह दरबार स्थित प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में आयोजित बैठक में उन्होंने कहा कि अगर हम जल विद्युत के विकास पर अपना ध्यान केंद्रित करेंगे तो दुनिया के लोग प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित होंगे।
भारत में नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल 'प्रचंड'
- फोटो : अमर उजाला (फाइल)
भारत ने जल विद्युत विकास के लिए खोला एक नया दरवाजा
उन्होंने कहा कि हिमालयी राष्ट्र में जल विद्युत विकास से न केवल नेपाल बल्कि भारत और बांग्लादेश जैसे पड़ोसी देशों को भी लाभ होगा। प्रचंड ने अपने हाल के भारत दौरे को याद किया। दिल्ली दौरे के दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुलाकात की थी। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने अगले दस वर्षों में नेपाल से दस हजार मेगावाट स्वच्छ उर्जा आयात करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की थी। उन्होंने कहा कि इसने जल विद्युत विकास के लिए एक नया दरवाजा खोल दिया है। प्रचंड ने 31 मई से 3 जून तक भारत का दौरा किया था, जो दिसंबर 2022 में पदभार संभालने के बाद उनकी पहली आधिकारिक विदेश यात्रा थी।
नेपाल के प्रधानमंत्री प्रचंड और उनके भारतीय समकक्ष मोदी
- फोटो : एजेंसी (फाइल)
जलवायु परिवर्तन और हरित विकास की संभावनाओं पर चर्चा
रायसेर और प्रचंड ने नेपाल व विश्व बैंक के बीच छह दशक से अधिक समय से चले आ रहे सहयोग को याद किया। प्रधानमंत्री प्रचंड के करीबी सूत्रों के मुताबिक, उन्होंने जलवायु परिवर्तन से पैदा होने वाली चुनौतियों और हरित विकास की संभावनाओं सहित विकास प्रक्रिया से संबंधित हिमालयी राष्ट्र की समस्याओं पर चर्चा की। प्रचंड ने नेपाल सरकार की प्राथमिकता वाली परियोजना 'अपर अरुण हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट' के विकास के लिए वित्तीय स्रोतों के प्रबंधन के समन्वय के लिए वैश्विक ऋणदाता के प्रति आभार व्यक्त किया। वहीं, रायसेर ने जोर देकर कहा कि विश्व बैंक, सामाजिक और आर्थिक विकास प्राप्त करने के प्रयासों में नेपाल सरकार की सहायता करने के लिए तैयार है। उन्होंने सुधारों के क्षेत्रों में नेपाल की मदद करने के लिए विश्व बैंक की प्रतिबद्धता भी व्यक्त की।
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