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India will face the biggest water crisis by 2050, PAK-China also in trouble, UN report claims
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UN Report: 2050 तक पानी के संकट से सबसे ज्यादा जूझेगा भारत, PAK-चीन भी मुसीबत में, यूएन की रिपोर्ट में दावा
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: हिमांशु मिश्रा
Updated Thu, 23 Mar 2023 10:34 AM IST
सार
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यूएन की रिपोर्ट की माने तो दुनिया की लगभग 1.7 से 2.40 अरब की शहरी आबादी पानी के संकट से जूझेगी। संयुक्त राष्ट्र की तरफ से जारी रिपोर्ट के अनुसार साल 2016 में 9.33 करोड़ आबादी पानी के संकट से जूझ रही थी। संयुक्त राष्ट्र जल सम्मेलन 2023 से पहले UN ने 'संयुक्त राष्ट्र विश्व जल रिपोर्ट 2023' जारी की है।
संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में भारत को लेकर बड़ा दावा किया गया है। कहा गया है कि 2050 तक दुनिया में सबसे ज्यादा भारत में पानी का संकट होगा। पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान और चीन में भी स्थिति खराब होगी। कई नदियों में बहाव की स्थिति भी कमजोर पड़ जाएगी।
यूएन की रिपोर्ट की माने तो दुनिया की लगभग 1.7 से 2.40 अरब की शहरी आबादी पानी के संकट से जूझेगी। संयुक्त राष्ट्र की तरफ से जारी रिपोर्ट के अनुसार साल 2016 में 9.33 करोड़ आबादी पानी के संकट से जूझ रही थी। संयुक्त राष्ट्र जल सम्मेलन 2023 से पहले यूनाइटेड नेशंस ने 'संयुक्त राष्ट्र विश्व जल रिपोर्ट 2023' जारी की है।
रिपोर्ट में और क्या दावे किए गए?
एशिया में करीब 80% आबादी जल संकट से जूझ रही है।
पूर्वोत्तर चीन, भारत और पाकिस्तान पर ये संकट सबसे ज्यादा है।
अनुमान है कि इस संकट से भारत सबसे ज्यादा प्रभावित होगा।
ग्लेशियर पिघलने के कारण सिंधु, गंगा और ब्रह्मपुत्र जैसी प्रमुख हिमालयी नदियों का प्रवाह कम हो जाएगा।
26 फीसदी लोगों को साफ पानी नहीं मिल रहा
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अभी दुनिया की 26 फीसदी आबादी को पीने के लिए साफ पानी नहीं मिल रहा है। जबकि 46 फीसदी आबादी सुरक्षित पेय जल का लाभ उठा रही है। यूएन की तरफ से यूनेस्को की जारी रिपोर्ट के अनुसार दुनिया के दो से तीन बिलियन लोग साल में कम से कम एक महीने पानी की कमी से जूझते हैं। यूएन ने कहा है कि ये संकट आने वाले समय में और भी ज्यादा बढ़ने वाली है।
यूनेस्को के महानिदेशक ने क्या बोला?
UNESCO के महानिदेशक आंड्रे एजोले ने कहा कि इस वैश्विक संकट से बाहर निकलने से पहले तत्काल अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था से निकलने की जरुरत है। यूएन रिपोर्ट के एडिटर इन चीफ ने कहा, 'जल मानवता के लिए खून की तरह है। यह लोगों के जीवन, स्वास्थ्य, लचीलेपन, विकास के लिए आवश्यक है। समय हमारे साथ नहीं है और करने को बहुत कुछ है। ये रिपोर्ट दर्शाता है कि हमारा उद्देश्य साथ आकर एक्शन लेने का है। हदलाव लाने का ये हमारा समय है।'
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