संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कश्मीर पर संयुक्त राष्ट्र की विवादास्पद रिपोर्ट का जिक्र पाकिस्तान द्वारा किए जाने पर भारत ने कड़ी नाराजगी जताई है। भारत ने कहा है कि ‘तथाकथित’ रिपोर्ट स्पष्ट रूप से पक्षपातपूर्ण है।
दरअसल, पाकिस्तान ने तीसरी बार संयुक्त राष्ट्र के सत्र में सोमवार को जम्मू-कश्मीर का मसला उठाया था। संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की स्थाई प्रतिनिधि मलीहा लोधी ने ‘बच्चों एवं सशस्त्र संघर्ष’ पर सुरक्षा परिषद में चर्चा के दौरान कश्मीर व पीओके पर 14 जून की रिपोर्ट का जिक्र किया।
इस पर भारत ने पलटवार करते हुए कहा कि ऐसी स्थितियों का जिक्र करके जो चर्चा से बाहर है, पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र के मंच का दुरुपयोग करने की एक और कोशिश की है। भारत ने इस रिपोर्ट को खारिज करते हुए कहा कि ऐसी कोशिशें चर्चा की दिशा को भटकाती हैं।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई उप प्रतिनिधि तन्मय लाल ने अपने जवाब में कहा कि जम्मू-कश्मीर पर तथाकथित रिपोर्ट एक अधिकारी के पक्षपातपूर्ण रवैये को दिखाती है जो किसी अधिकार-पत्र के बगैर काम कर रहे थे। उन्होंने सूचना के लिए असत्यापित सूत्रों पर भरोसा किया। तन्मय लाल ने कहा कि मानवाधिकार संस्था के सदस्यों को यह रिपोर्ट विचार करने के योग्य तक नहीं लगी जहां इसे पेश किया गया था।
बच्चों और सशस्त्र संघर्ष पर संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस की रिपोर्ट पर भारत ने निराशा व्यक्त की। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई उप प्रतिनिधि तन्मय लाल ने कहा कि रिपोर्ट में ऐसी स्थितियों को शामिल किया गया है जो सशस्त्र संघर्ष या अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा को खतरे की परिभाषा से मेल नहीं खाती हैं।
संघर्ष की घटनाओं से बच्चे हो रहे प्रभावित : रिपोर्ट
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव की रिपोर्ट में कहा गया कि सशस्त्र समूहों और सरकार के बीच सशस्त्र टकराव से बच्चे लगातार प्रभावित हो रहे हैं। विशेषकर छत्तीसगढ़, झारखंड और जम्मू-कश्मीर में तनाव के दौरान ऐसा देखा जा रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, ऐसी खबरे हैं कि छत्तीसगढ़ और झारखंड में नक्सली बच्चों का इस्तेमाल कर रहे हैं।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कश्मीर पर संयुक्त राष्ट्र की विवादास्पद रिपोर्ट का जिक्र पाकिस्तान द्वारा किए जाने पर भारत ने कड़ी नाराजगी जताई है। भारत ने कहा है कि ‘तथाकथित’ रिपोर्ट स्पष्ट रूप से पक्षपातपूर्ण है।
दरअसल, पाकिस्तान ने तीसरी बार संयुक्त राष्ट्र के सत्र में सोमवार को जम्मू-कश्मीर का मसला उठाया था। संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की स्थाई प्रतिनिधि मलीहा लोधी ने ‘बच्चों एवं सशस्त्र संघर्ष’ पर सुरक्षा परिषद में चर्चा के दौरान कश्मीर व पीओके पर 14 जून की रिपोर्ट का जिक्र किया।
इस पर भारत ने पलटवार करते हुए कहा कि ऐसी स्थितियों का जिक्र करके जो चर्चा से बाहर है, पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र के मंच का दुरुपयोग करने की एक और कोशिश की है। भारत ने इस रिपोर्ट को खारिज करते हुए कहा कि ऐसी कोशिशें चर्चा की दिशा को भटकाती हैं।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई उप प्रतिनिधि तन्मय लाल ने अपने जवाब में कहा कि जम्मू-कश्मीर पर तथाकथित रिपोर्ट एक अधिकारी के पक्षपातपूर्ण रवैये को दिखाती है जो किसी अधिकार-पत्र के बगैर काम कर रहे थे। उन्होंने सूचना के लिए असत्यापित सूत्रों पर भरोसा किया। तन्मय लाल ने कहा कि मानवाधिकार संस्था के सदस्यों को यह रिपोर्ट विचार करने के योग्य तक नहीं लगी जहां इसे पेश किया गया था।