भारत और रूस के बीच एके-47 203 राइफल्स को लेकर डील पक्की हो गई है। एके-47 203 को एके-47 राइफल्स का सबसे एडवांस्ड वर्जन माना जाता है। अब इस राइफल को भारत में भी बड़े पैमाने पर तैयार किया जा सकेगा। रूसी मीडिया ने गुरुवार को इस डील की जानकारी दी। एके-203 रायफल, एके-47 रायफल का एडवांस वर्जन है।
यह ‘इंडियन स्मॉल ऑर्म्स सिस्टम’ (इनसास) 5.56x45 मिमी रायफल की जगह लेगा। रूस की सरकारी समाचार एजेंसी स्पुतनिक के मुताबिक भारतीय थल सेना को लगभग 770,000 एके-203 रायफलों की जरूरत है, जिनमें से एक लाख का आयात किया जाएगा और शेष का विनिर्माण भारत में किया जाएगा। इन रायफलों का विनिर्माण भारत में संयुक्त उद्यम भारत-रूस रायफल प्राइवेट लिमिटेड (आईआरआरपीएल) के तहत किया जाएगा।
यह डील आयुध निर्माणी बोर्ड (ओएफबी) और कलाशनीकोव कंसर्न तथा रोसोबोरेनेक्सपोर्ट के बीच हुई है। जानकारी के मुताबिक 7.62 गुणा 39 मिमी के इस रूसी हथियार का उत्पादन उत्तर प्रदेश में कोरवाआयुध फैक्टरी में किया जाएगा, जिसका उदघाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले वर्ष किया था।
खबर के मुताबिक प्रति रायफल करीब 1,100 डॉलर की लागत आने की उम्मीद है, जिसमें प्रौद्योगिकी हस्तांतरण लागत और विनिर्माण इकाई की स्थापना भी शामिल है। स्पुतनिक की खबर के मुताबिक इनसास रायफलों का इस्तेमाल 1996 से किया जा रहा है। इस पुराने वर्जन के रायफलों में कई तरह की परेशानियां पेश आ रही हैं, जिससे अब एके-47 203 का प्रयोग बड़े पैमाने पर किया जाएगा।