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IMF: शरीफ सरकार को बड़ा झटका, आईएमएफ ने खारिज की पाकिस्तान की योजना, कहा- कर्ज प्रबंधन योजना अव्यावहारिक

एजेंसी, इस्लामाबाद। Published by: देव कश्यप Updated Fri, 03 Feb 2023 12:58 AM IST
सार

आईएमएफका मिशन इस वक्त पाकिस्तान में है और सरकार की नौवीं समीक्षा पर वार्ता कर रहा है, जो नौ फरवरी तक चलेगी। वार्ता के दूसरे दिन आईएमएफ ने पाक की कर्ज प्रबंधन योजना को 'अव्यावहारिक' करार दिया। उसने कहा कि यह प्लान कुछ गलत धारणाओं पर आधारित है।

आईएमएफ-पाकिस्तान।
आईएमएफ-पाकिस्तान। - फोटो : Agency (File Photo)

विस्तार

अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने डिफॉल्ट होने की कगार पर पहुंचे पाक की शहबाज सरकार को बड़ा झटका दिया है। आईएमएफ ने सर्कुलर डेब्ट मैनेजमेंट प्लान को खारिज करते हुए पाकिस्तानी अफसरों से कहा कि वे बिजली के दाम 11 से 12.50 रुपये प्रति यूनिट बढ़ाएं। फंड ने कहा कि इससे 335 अरब रुपये की अतिरिक्त सब्सिडी को वर्तमान वित्तीय वर्ष में सीमित किया जा सकेगा।



आईएमएफका मिशन इस वक्त पाकिस्तान में है और सरकार की नौवीं समीक्षा पर वार्ता कर रहा है, जो नौ फरवरी तक चलेगी। वार्ता के दूसरे दिन आईएमएफ ने पाक की कर्ज प्रबंधन योजना को ''अव्यावहारिक'' करार दिया। उसने कहा कि यह प्लान कुछ गलत धारणाओं पर आधारित है। अब शहबाज सरकार को अपनी नीतियों में बदलाव करना होगा ताकि बिजली सेक्टर में हो रही हानि को रोका जा सके।


आईएमएफ और पाकिस्तान का वित्त मंत्रालय राजकोषीय घाटे को कम करने पर काम करेंगे। शहबाज सरकार को उम्मीद थी कि आईएमएफ अफसरों के साथ जारी चर्चा में कर्ज का रास्ता साफ होगा, लेकिन अब उसे बड़ा झटका लगता दिख रहा है। द न्यूज इंटरनेशनल ने बताया कि सर्कुलर डेब्ट (डेट) तब होता है जब नकदी प्रवार के साथ समस्याओं का सामना कर रही एक इकाई अपने आपूर्तिकर्ताओं व लेनदारों को भुगतान नहीं कर पाती है। जबकि आईएमएफ ने संशोधित सीडीएमपी को अवास्तविक बताते हुए बिजली क्षेत्र के नुकसान को सीमित करने के लिए पाकिस्तान को नीतिगत नुस्खों में बदलाव के लिए कहा है।

सब्सिडी का भी विरोध
पाकिस्तान का सर्कुलर डेब्ट 952 अरब रुपये की भारी भरकम राशि तक पहुंच गया है। शहबाज सरकार ने अब आईएमएफ को ऋण प्रबंधन के लिए नई योजना दी है। इसमें कहा गया है कि बिजली का बिल सात रुपये प्रति यूनिट बढ़ाने के बाद भी 2023 की शुरुआती दो तिमाई में 675 अरब रुपये की सब्सिडी की जरूरत होगी। आईएमएफ ने इसका कड़ा विरोध किया है और शहबाज सरकार से कहा कि वह बिजली के दाम में 11 से लेकर 12.50 पैसे प्रति यूनिट की दर से बढ़ाए।

बढ़ाने ही होंगे बिजली के दाम
आईएमएफ के इस डंडे के बाद अब शहबाज सरकार को अपनी चालबाजी को छोड़कर बिजली के ज्यादा दाम बढ़ाने ही होंगे। शहबाज सरकार की कोशिश है कि वह किसी तरह से बिजली के कम दाम बढ़ाए ताकि चुनाव में उसे जनता का विरोध न झेलना पड़े। आईएमएफ ने कहा कि शहबाज सरकार ने एक्सचेंज रेट को गणना करते समय नजरअंदाज किया। उसने शहबाज सरकार को विपक्षी इमरान खान से भी बातचीत के लिए भी कहा है।

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