अमेरिका में आज (20 जनवरी) सुबह 11:30 बजे (अमेरिकी समयानुसार) जो बाइडन ने शपथ ग्रहण की। इसके बाद वह दुनिया के सबसे ताकतवर देश के 46वें राष्ट्रपति बन गए। वैसे अमेरिका का राष्ट्रपति देश का सबसे ताकतवर शख्स होता है, लेकिन फेडरल कानून के तहत उसकी भी मर्यादा और सीमा तय की गई हैं। इस रिपोर्ट में जानते हैं कि राष्ट्रपति बनने के बाद जो बाइडन को कितनी सैलरी मिलेगी? साथ ही, उन्हें क्या-क्या सुविधाएं दी जाएंगी?
बता दें कि अमेरिकी कानून के हिसाब से अमेरिकी राष्ट्रपति का सालाना वेतन चार लाख अमेरिकी डॉलर तय किया गया है। भारतीय मुद्रा में यह रकम करीब दो करोड़ 92 लाख रुपये होती है। इसके अलावा राष्ट्रपति को सालाना 50 हजार डॉलर का भत्ते के तौर पर मिलते हैं। वहीं, एक लाख डॉलर का नॉन टैक्सेबल ट्रैवल अलाउंस दिया जाता है। साथ ही, 19 हजार डॉलर मनोरंजन भत्ते के तौर पर दिए जाते हैं, जिन्हें राष्ट्रपति अपने परिवार के मनोरंजन के लिए खर्च कर सकते हैं। गौर करने वाली बात यह है कि फर्स्ट लेडी यानी राष्ट्रपति की पत्नी को कोई सैलरी नहीं मिलती है।
बता दें कि अमेरिका में आजादी के बाद से अब तक सिर्फ पांच बार ही राष्ट्रपति का वेतन बढ़ाया गया है। साल 1789 में जॉर्ज वॉशिंगटन अमेरिका के पहले राष्ट्रपति बने थे। उस वक्त राष्ट्रपति की सैलरी 25 हजार डॉलर होती थी। इस तनख्वाह में आखिरी बार इजाफा साल 2001 में किया गया था। उस वक्त अमेरिकी कांग्रेस ने राष्ट्रपति की सैलरी दोगुनी कर दी थी।
साल |
वेतन |
1789 |
25 हजार डॉलर |
1873 |
50 हजार डॉलर |
1909 |
75 हजार डॉलर |
1949 |
एक लाख डॉलर |
1969 |
2 लाख डॉलर |
2001 |
4 लाख डॉलर |
बता दें कि चार लाख डॉलर की सैलरी के अलावा अमेरिकी राष्ट्रपति को लिमोजिन, मरीन वन और एयर फोर्स वन की भी सहूलियत मिलती है। इन तीनों में राष्ट्रपति का सफर पूरी तरह मुफ्त होता है। इसके अलावा व्हाइट हाउस में रहने के लिए भी किसी तरह का किराया नहीं देता पड़ता है। वहीं, सेवानिवृत्त होने के बाद राष्ट्रपति को दो लाख डॉलर सालाना पेंशन, रहने के लिए घर, कार्यालय और हेल्थ केयर कवरेज मिलता है।
अमेरिका में राष्ट्रपति का वेतन सबसे ज्यादा होता है, लेकिन कई राष्ट्रपति ऐसे भी रहे, जिन्होंने कभी सैलरी नहीं ली। बता दें कि अमेरिका के 31वें राष्ट्रपति हर्बर्ट हूवर ने वेतन नहीं लिया था और उसे दान कर दिया था। वह अपने वेतन से इनकार करने वाले पहले राष्ट्रपति थे। इसके बाद 35वें राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी ने भी वेतन लेने से इनकार कर दिया था। केनेडी पहले कांग्रेस के प्रतिनिधि सभा के सदस्य थे, उसके बाद राष्ट्रपति बने। उन्होंने दोनों ही पदों पर वेतन नहीं लिया। सिर्फ खर्च के तौर पर 50 हजार डॉलर का भत्ता रखा। कैनेडी ने भी अपना वेतन धर्मार्थ संस्थाओं को दान दे दिया था। इनके अलावा तीन बिलियन डॉलर की संपत्ति वाले डोनाल्ड ट्रंप ने भी अपनी पूरी सैलरी दान करने का वादा किया था। उन्होंने साल 2017 में अपनी तिहाई आय दान कर दी थी।
अमेरिका में आज (20 जनवरी) सुबह 11:30 बजे (अमेरिकी समयानुसार) जो बाइडन ने शपथ ग्रहण की। इसके बाद वह दुनिया के सबसे ताकतवर देश के 46वें राष्ट्रपति बन गए। वैसे अमेरिका का राष्ट्रपति देश का सबसे ताकतवर शख्स होता है, लेकिन फेडरल कानून के तहत उसकी भी मर्यादा और सीमा तय की गई हैं। इस रिपोर्ट में जानते हैं कि राष्ट्रपति बनने के बाद जो बाइडन को कितनी सैलरी मिलेगी? साथ ही, उन्हें क्या-क्या सुविधाएं दी जाएंगी?
इतनी होती है अमेरिकी राष्ट्रपति की सैलरी
बता दें कि अमेरिकी कानून के हिसाब से अमेरिकी राष्ट्रपति का सालाना वेतन चार लाख अमेरिकी डॉलर तय किया गया है। भारतीय मुद्रा में यह रकम करीब दो करोड़ 92 लाख रुपये होती है। इसके अलावा राष्ट्रपति को सालाना 50 हजार डॉलर का भत्ते के तौर पर मिलते हैं। वहीं, एक लाख डॉलर का नॉन टैक्सेबल ट्रैवल अलाउंस दिया जाता है। साथ ही, 19 हजार डॉलर मनोरंजन भत्ते के तौर पर दिए जाते हैं, जिन्हें राष्ट्रपति अपने परिवार के मनोरंजन के लिए खर्च कर सकते हैं। गौर करने वाली बात यह है कि फर्स्ट लेडी यानी राष्ट्रपति की पत्नी को कोई सैलरी नहीं मिलती है।
अब तक पांच बार बढ़ा वेतन
बता दें कि अमेरिका में आजादी के बाद से अब तक सिर्फ पांच बार ही राष्ट्रपति का वेतन बढ़ाया गया है। साल 1789 में जॉर्ज वॉशिंगटन अमेरिका के पहले राष्ट्रपति बने थे। उस वक्त राष्ट्रपति की सैलरी 25 हजार डॉलर होती थी। इस तनख्वाह में आखिरी बार इजाफा साल 2001 में किया गया था। उस वक्त अमेरिकी कांग्रेस ने राष्ट्रपति की सैलरी दोगुनी कर दी थी।
साल |
वेतन |
1789 |
25 हजार डॉलर |
1873 |
50 हजार डॉलर |
1909 |
75 हजार डॉलर |
1949 |
एक लाख डॉलर |
1969 |
2 लाख डॉलर |
2001 |
4 लाख डॉलर |
इन सुविधाओं का भी मिलता है लाभ
बता दें कि चार लाख डॉलर की सैलरी के अलावा अमेरिकी राष्ट्रपति को लिमोजिन, मरीन वन और एयर फोर्स वन की भी सहूलियत मिलती है। इन तीनों में राष्ट्रपति का सफर पूरी तरह मुफ्त होता है। इसके अलावा व्हाइट हाउस में रहने के लिए भी किसी तरह का किराया नहीं देता पड़ता है। वहीं, सेवानिवृत्त होने के बाद राष्ट्रपति को दो लाख डॉलर सालाना पेंशन, रहने के लिए घर, कार्यालय और हेल्थ केयर कवरेज मिलता है।
इन राष्ट्रपतियों ने नहीं लिया वेतन
अमेरिका में राष्ट्रपति का वेतन सबसे ज्यादा होता है, लेकिन कई राष्ट्रपति ऐसे भी रहे, जिन्होंने कभी सैलरी नहीं ली। बता दें कि अमेरिका के 31वें राष्ट्रपति हर्बर्ट हूवर ने वेतन नहीं लिया था और उसे दान कर दिया था। वह अपने वेतन से इनकार करने वाले पहले राष्ट्रपति थे। इसके बाद 35वें राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी ने भी वेतन लेने से इनकार कर दिया था। केनेडी पहले कांग्रेस के प्रतिनिधि सभा के सदस्य थे, उसके बाद राष्ट्रपति बने। उन्होंने दोनों ही पदों पर वेतन नहीं लिया। सिर्फ खर्च के तौर पर 50 हजार डॉलर का भत्ता रखा। कैनेडी ने भी अपना वेतन धर्मार्थ संस्थाओं को दान दे दिया था। इनके अलावा तीन बिलियन डॉलर की संपत्ति वाले डोनाल्ड ट्रंप ने भी अपनी पूरी सैलरी दान करने का वादा किया था। उन्होंने साल 2017 में अपनी तिहाई आय दान कर दी थी।