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Tit-For-Tat: जर्मनी का मॉस्को पर पलटवार, पांच में से चार रूसी वाणिज्य दूतावासों को बंद करने का दिया आदेश

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, बर्लिन Published by: निर्मल कांत Updated Wed, 31 May 2023 07:54 PM IST
सार

जर्मनी ने रूस के पांच में चार वाणिज्य दूतावासों को बंद करने के लिए कहा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता क्रिस्टोफर बर्गर ने बर्लिन में संवाददाताओं से कहा कि इस कदम का मकसद दोनों देशों के बीच कर्मियों और ढांचों में समानता लाना है। 

Germany orders closure of four out of five Russian consulates in tit for tat move
Olaf Scholz, Vladimir Putin - फोटो : Amar Ujala

विस्तार
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रूस और यूक्रेन के बीच पिछले साल 24 फरवरी को शुरू हुआ युद्ध अभी खत्म नहीं हुआ है। इस युद्ध के चलते अमेरिका और कई पश्चिमी देश खुलकर मॉस्को की आलोचना कर रहे हैं। वहीं, इस संघर्ष में कीव को आर्थिक और सैन्य मदद भी कर रहे हैं। इस बीच, रूस ने जर्मन दूतावास और संबंधित निकायों में कर्मचारियों की संख्या की सीमा निर्धारित करने की बात कही है। वहीं, जवाब में जर्मनी ने भी रूस के पांच में चार वाणिज्य दूतावासों को बंद करने के लिए कहा है। 

दोनों देशों के बीच कर्मियों और ढांचों में समानता लाना मकसद: बर्गर
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता क्रिस्टोफर बर्गर ने बर्लिन में संवाददाताओं से कहा कि इस कदम का मकसद दोनों देशों के बीच कर्मियों और ढांचों में समानता लाना है। रूसी सरकार ने हाल ही में कहा था कि सांस्कृतिक निकायों और स्कूलों में काम करने वाले लोगों सहित जर्मन सरकारी अधिकारी 350 की ऊपरी सीमा में रूस में रह सकते हैं।

जर्मनी को नवंबर तक बंद करने होंगे वाणिज्य दूतावास
बर्गर ने कहा कि इसका मतलब है कि जर्मनी को नवंबर तक येकातेरिनबर्ग, नोवोसिबिर्स्क और कैलिनिनग्राद में अपने वाणिज्य दूतावास बंद करने होंगे। उन्होंने कहा कि केवल मास्को में दूतावास और सेंट पीटर्सबर्ग में वाणिज्य दूतावास खुले रहेंगे। उन्होंने कहा कि रूस को साल के अंत के बाद बर्लिन में दूतावास और एक और वाणिज्य दूतावास का संचालन जारी रखने की अनुमति दी जाएगी। 

रूस का व्यवहार हमें इस स्थिति में लाया: जर्मनी
यह कदम यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद से मॉस्को और बर्लिन के बीच संबंधों में आई गिरावट को दिखाता है। बर्गर ने कहा कि यह कदम खेदजनक है, लेकिन युद्ध का मतलब है कि दोनों देशों के बीच कई द्विपक्षीय गतिविधियों का अब कोई आधार नहीं है। उन्होंने कहा, यह रूसी पक्ष का व्यवहार है जो हमें इस स्थिति में लाया है। बर्गर ने कहा कि दूतावास और एक प्रमुख वाणिज्य दूतावास में अपने शेष कर्मचारियों को केंद्रित करने का जर्मनी का निर्णय रूस में राजनयिक उपस्थिति को बनाए रखेगा।
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