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Flour Crisis: पाकिस्तान में आसमान छू रहे आटे के दाम, लोग ट्रकों से लूटकर ले जा रहे बोरियां, कब सुधरेंगे हालात?

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: शिवेंद्र तिवारी Updated Tue, 21 Mar 2023 05:53 PM IST
सार

पाकिस्तान के कराची और अन्य हिस्सों में आटे की कीमतों के सभी रिकॉर्ड टूट गए हैं। कराची में आटा 155 पाकिस्तानी रुपये प्रति किलोग्राम तक बिक रहा है। शहर में पिछले एक सप्ताह में आटे का 20 किलो का बैग 200 पाकिस्तानी रुपये महंगा हो गया है। 

Flour Crisis: Attacks for flour, sacks being stolen what is happening in pakistan for flour, reason for crisis
pakistan flour crisis - फोटो : AMAR UJALA

विस्तार

पाकिस्तान अब तक के सबसे खराब दौर से गुजर रहा है। पिछले कई हफ्तों से देश में आटे की कीमतें आसमान छू रही हैं। कराची और देश के अन्य हिस्सों में आटे की कीमतों के सभी रिकॉर्ड टूट गए हैं। पाकिस्तान के इतिहास में पहली बार गेहूं के आटे का 20 किलो का बैग 3,100 पाकिस्तानी रुपये (करीब 910 भारतीय रुपये) तक पहुंच गया है। कीमतों में भारी बढ़ोतरी से सबसे ज्यादा परेशानी पाकिस्तान की आवाम को हो रही है। सरकारी सब्सिडी वाले आटे के लिए लंबी कतारें देखी जा रही हैं।

Flour Crisis: Attacks for flour, sacks being stolen what is happening in pakistan for flour, reason for crisis
पाकिस्तान में आटा के लिए हाहाकार - फोटो : Social Media
पाकिस्तान में आटे पर क्या हुआ है?
कराची और देश के अन्य हिस्सों में आटे की कीमतों के सभी रिकॉर्ड टूट गए हैं। ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, कराची के लोग देश का सबसे महंगा आटा खरीदने को मजबूर हैं। यहां आटा 155 पाकिस्तानी रुपये प्रति किलोग्राम तक बिक रहा है। शहर में पिछले एक सप्ताह में आटे का 20 किलो का बैग 200 पाकिस्तानी रुपये महंगा हो गया है और यह 3100 पाकिस्तानी रुपये में मिल रहा है। इतनी कीमत में पाकिस्तान के इतिहास में पहली बार लोग आटा खरीद रहे हैं।

Flour Crisis: Attacks for flour, sacks being stolen what is happening in pakistan for flour, reason for crisis
flour crisis in pakistan - फोटो : SOCIAL MEDIA
पाकिस्तान में आटे का संकट कितना गहरा है?
सांख्यिकी ब्यूरो की रिपोर्ट के मुताबिक, एक हफ्ते में मुल्तान में आटे का एक बैग 200 पाकिस्तानी रुपये, पेशावर में 100 पाकिस्तानी रुपये, हैदराबाद में 80 पाकिस्तानी रुपये और क्वेटा में 30 पाकिस्तानी रुपये तक महंगा हो गया है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, खुजदार में 20 किलो आटे का बैग 2,850 रुपये, हैदराबाद में 2,800 रुपये, क्वेटा में 2,780 रुपये, पेशावर में 2750 रुपये, लरकाना में 2640 रुपये, सुक्कर और मुल्तान में 2600 पाकिस्तानी रुपये पहुंच गया है। बन्नू में आटे की एक बोरी की कीमत 2550 पाकिस्तानी रुपये, गुजरांवाला में 2533 रुपये, इस्लामाबाद, रावलपिंडी, लाहौर और सियालकोट में 2250 रुपये पहुंच गई। हालांकि, सरकार की सब्सिडी के कारण लाहौर और इस्लामाबाद सहित पंजाब के सभी प्रमुख शहरों में आटे का एक बैग 1,295 रुपये में मिल रहा है।

एक रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान में 5 किलो और 10 किलो आटे के बैग की कीमतें एक साल पहले की तुलना में लगभग दोगुनी हो गई हैं। इस्लामाबाद और रावलपिंडी में एक नान 30 रुपये में बिक रही है जबकि एक रोटी 25 रुपये में बिक रही है।

कमी का प्रभाव क्या पड़ रहा है?
आटे की बढ़ी कीमतों का बोझ पकिस्तान आवाम को सहना पड़ रहा है। कई शहरों में वितरण केंद्रों के बाहर लंबी लाइनें लगी हैं। स्थिति ये है कि लाहौर के कोट राधा किशन और कंगनपुर स्थित दो निशुल्क आटा वितरण केन्द्रों से सोमवार को लोगों ने एक हजार से अधिक आटे की थैलियां झपट लीं। दूसरी ओर, फूलनगर में, लंबे इंतजार के बावजूद आटे की आपूर्ति नहीं होने पर सैकड़ों लोगों ने फूलनगर बाईपास के पास मुल्तान रोड को जाम कर दिया और विरोध प्रदर्शन किया।

लोगों ने कंगनपुर के जमशेर कलां स्थित वितरण केंद्र से आटे की 280 बोरियां लूट लीं। अधिकारी लोगों से प्रक्रिया का पालन करने के लिए कहते रहे लेकिन महिलाओं सहित लोगों ने आटे के बैग ले जा रहे ट्रक पर हमला कर दिया और उसे लूट लिया। इसी तरह, कोट राधा किशन में नगरपालिका समिति के सामने आटे का बैग ले जा रहे एक ट्रक पर भीड़ ने हमला कर दिया और 781 बैग लूट ले गए। यहां के पटवारी ने अज्ञात हमलावरों के खिलाफ आटे का बैग छीनने का केस दर्ज करने के लिए पुलिस में आवेदन दिया है।

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रूस और यूक्रेन युद्ध - फोटो : Social Media
संकट की वजह क्या है?
पाकिस्तान की केंद्र और प्रांतीय सरकारें संकट के लिए एक-दूसरे को दोषी ठहरा रहीं हैं। वहीं, विशेषज्ञों का मानना है कि संकट की वजह रूस-यूक्रेन युद्ध, 2022 की विनाशकारी बाढ़ और अफगानिस्तान में गेहूं की तस्करी हैं। सिंध और बलूचिस्तान में गेहूं की कीमतों में बड़े पैमाने पर वृद्धि हुई है, जिनके भंडार बाढ़ के कारण नष्ट हो चुके हैं। पाकिस्तान के योजना आयोग के अनुसार, बाढ़ की वजह से कृषि और इसके जुड़े क्षेत्रों को 3.725 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ। 

अफगानिस्तान में गेहूं की तस्करी भी एक बड़ी वजह है, जिसके चलते कमी होती है। खैबर पख्तूनख्वा अफगानिस्तान के साथ पोरस बार्डर साझा करता है। लोग पड़ोसी देश में अधिक मुनाफा पाने के लिए गेहूं की तस्करी करते हैं।

पाकिस्तान अपनी खपत की जरूरतों को पूरा करने के लिए गेहूं का आयात करता है, जिसमें से अधिकांश रूस और यूक्रेन से आता है। ऑब्जर्वेटरी ऑफ इकोनॉमिक कॉम्प्लेक्सिटी (OEC) के आंकड़ों के मुताबिक, 2020 में, पाकिस्तान ने 1.01 बिलियन डॉलर मूल्य का गेहूं आयात किया। सबसे अधिक यूक्रेन से 496 मिलियन डॉलर मूल्य का तो 394 मिलियन डॉलर मूल्य का गेंहू रूस से आया था।

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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ - फोटो : SOCIAL MEDIA
सरकार क्या कर रही है?
स्थितियों का जायजा लेने के लिए प्रधानमंत्री के सलाहकार अहद खान चीमा बुधवार को लाहौर पहुंचे। यहां उन्होंने पंजाब के मुख्य सचिव के साथ शहर में मुफ्त आटा केंद्रों का दौरा किया और समानाबाद और सब्जजार में वितरण प्रक्रिया की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने लोगों की शिकायतें सुनीं और संबंधित अधिकारियों को उनके निराकरण के आदेश दिए। उन्होंने नि:शुल्क आटा प्राप्त करने में लोगों को आ रही समस्याओं का तत्काल समाधान करने और सत्यापन से लेकर आपूर्ति की प्रक्रिया को कम से कम समय में पूरा करने के निर्देश दिये हैं।
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