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अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के दश्त-ए-बारची के पुल-ए-खोश्क इलाके में शनिवार को हुए आत्मघाती हमले में कम से कम 18 लोगों के मारे गए हैं, जबकि 57 अन्य घायल हुए हैं। इनमें बच्चे भी शामिल हैं। तोलो न्यूज ने गृह मंत्रालय के प्रवक्ता तारीक एरियन के हवाले से बताया कि धमाके में कम से कम 18 लोगों की मौत हुई है। मरने वालों की संख्या और बढ़ सकती है।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक धमाका पश्चिमी काबुल के शिया बाहुल्य इलाके में स्थित प्रशिक्षण केंद्र के निकट हुआ। तारीक एरियन ने बताया कि हमलावर को सुरक्षा बलों ने केंद्र में जबर्दस्ती घुसने की कोशिश करने के दौरान रोका तो उसने खुद को उड़ा दिया।
आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएस) ने इस धमाके की जिम्मेदारी ली है। तालिबान ने इस हमले में किसी भी तरह का संबंध होने की बात नकार दी है। इससे पहले अगस्त 2018 में हुए इसी तरह के हमले की जिम्मेदारी आईएस से संबंधित संगठन ने ली थी। इस हमले में 34 विद्यार्थियों की मौत हुई थी।
अरियान ने बताया कि मृतकों की संख्या और बढ़ सकती है क्योंकि पीड़ितों के परिवार अब भी विभिन्न अस्पतालों में तलाश कर रहे हैं जहां पर घायलों को ले जाया गया है। अफगानिस्तान के भीतर इस्लामिक स्टेट ने बड़े पैमाने पर अल्पसंख्यक शियाओं, सिखों और हिंदुओं पर हमने शुरू किया है जिन्हें वह गैर मजहबी मानता है।
काबुल में इस्लामिक स्टेट के प्रति वफादार एक बंदूकधारी द्वारा काबुल में धार्मिक स्थल पर हमला करने और 25 लोगों की हत्या के बाद सितंबर में हिंदू और सिख समुदाय के सैकड़ों लोगों ने देश से पलायन किया है।
वहीं, अमेरिका ने फरवरी में तालिबान के साथ शांति समझौता किया है जिससे देश से अमेरिकी बलों की वापसी का रास्ता खुल गया है। अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि इस समझौते से इस्लामिक स्टेट के खिलाफ लड़ाई में सुरक्षा को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किया जा सकेगा। इस्लामिक स्टेट, तालिबान का प्रतिद्वंद्वी है।
देश में तालिबान और अफगान बलों के बीच हिंसा में वृद्धि देखी गई है। वहीं तालिबान और सरकार के प्रतिनिधि कतर की राजधानी दोहा में अफगानिस्तान में दशकों लंबे युद्ध को खत्म करने के लिए शांति वार्ता कर रहे हैं।
इससे पहले शनिवार को पूर्वी अफगानिस्तान में सड़क के किनारे किए गए विस्फोट में नौ लोगों की मौत हो गई। इस विस्फोट की चपेट में मिनी वैन आ गई थी, जिसमें आम लोग बैठ हुए थे।
गज़नी प्रांत के पुलिस प्रवक्ता अहमद खान सीरत ने बताया कि सड़क के किनारे किए गए दूसरे विस्फोट में दो पुलिसकर्मियों की मौत हो गई। इस विस्फोट की चपेट में पुलिसकर्मियों की एक गाड़ी आ गई जो पहले विस्फोट के स्थल पर पीड़ितों की मदद के लिए जा रही थी।
सीरत ने बताया कि विस्फोटों में कई अन्य घायल भी हुए हैं और हमलों की जांच चल रही है। हमलों की जिम्मेदारी तत्काल किसी संगठन ने नहीं ली है। प्रांतीय पुलिस के प्रवक्ता ने दावा किया कि बम तालिबान ने लगाए थे।
अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के दश्त-ए-बारची के पुल-ए-खोश्क इलाके में शनिवार को हुए आत्मघाती हमले में कम से कम 18 लोगों के मारे गए हैं, जबकि 57 अन्य घायल हुए हैं। इनमें बच्चे भी शामिल हैं। तोलो न्यूज ने गृह मंत्रालय के प्रवक्ता तारीक एरियन के हवाले से बताया कि धमाके में कम से कम 18 लोगों की मौत हुई है। मरने वालों की संख्या और बढ़ सकती है।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक धमाका पश्चिमी काबुल के शिया बाहुल्य इलाके में स्थित प्रशिक्षण केंद्र के निकट हुआ। तारीक एरियन ने बताया कि हमलावर को सुरक्षा बलों ने केंद्र में जबर्दस्ती घुसने की कोशिश करने के दौरान रोका तो उसने खुद को उड़ा दिया।
आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएस) ने इस धमाके की जिम्मेदारी ली है। तालिबान ने इस हमले में किसी भी तरह का संबंध होने की बात नकार दी है। इससे पहले अगस्त 2018 में हुए इसी तरह के हमले की जिम्मेदारी आईएस से संबंधित संगठन ने ली थी। इस हमले में 34 विद्यार्थियों की मौत हुई थी।
अरियान ने बताया कि मृतकों की संख्या और बढ़ सकती है क्योंकि पीड़ितों के परिवार अब भी विभिन्न अस्पतालों में तलाश कर रहे हैं जहां पर घायलों को ले जाया गया है। अफगानिस्तान के भीतर इस्लामिक स्टेट ने बड़े पैमाने पर अल्पसंख्यक शियाओं, सिखों और हिंदुओं पर हमने शुरू किया है जिन्हें वह गैर मजहबी मानता है।
काबुल में इस्लामिक स्टेट के प्रति वफादार एक बंदूकधारी द्वारा काबुल में धार्मिक स्थल पर हमला करने और 25 लोगों की हत्या के बाद सितंबर में हिंदू और सिख समुदाय के सैकड़ों लोगों ने देश से पलायन किया है।
वहीं, अमेरिका ने फरवरी में तालिबान के साथ शांति समझौता किया है जिससे देश से अमेरिकी बलों की वापसी का रास्ता खुल गया है। अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि इस समझौते से इस्लामिक स्टेट के खिलाफ लड़ाई में सुरक्षा को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किया जा सकेगा। इस्लामिक स्टेट, तालिबान का प्रतिद्वंद्वी है।
देश में तालिबान और अफगान बलों के बीच हिंसा में वृद्धि देखी गई है। वहीं तालिबान और सरकार के प्रतिनिधि कतर की राजधानी दोहा में अफगानिस्तान में दशकों लंबे युद्ध को खत्म करने के लिए शांति वार्ता कर रहे हैं।
इससे पहले शनिवार को पूर्वी अफगानिस्तान में सड़क के किनारे किए गए विस्फोट में नौ लोगों की मौत हो गई। इस विस्फोट की चपेट में मिनी वैन आ गई थी, जिसमें आम लोग बैठ हुए थे।
गज़नी प्रांत के पुलिस प्रवक्ता अहमद खान सीरत ने बताया कि सड़क के किनारे किए गए दूसरे विस्फोट में दो पुलिसकर्मियों की मौत हो गई। इस विस्फोट की चपेट में पुलिसकर्मियों की एक गाड़ी आ गई जो पहले विस्फोट के स्थल पर पीड़ितों की मदद के लिए जा रही थी।
सीरत ने बताया कि विस्फोटों में कई अन्य घायल भी हुए हैं और हमलों की जांच चल रही है। हमलों की जिम्मेदारी तत्काल किसी संगठन ने नहीं ली है। प्रांतीय पुलिस के प्रवक्ता ने दावा किया कि बम तालिबान ने लगाए थे।