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COPS: दुनियाभर के 53 देशों में चीन ने खोल रखे हैं 102 पुलिस स्टेशन, हैरान करने वाले हैं कारण

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: हिमांशु मिश्रा Updated Tue, 21 Mar 2023 02:59 PM IST
सार

रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन की ये पुलिस अक्सर आगे की जांच के लिए उन्हें वापस लाने के लिए यूनाइटेड फ्रंट वर्क डिपार्टमेंट (UFWD) से जुड़े स्थानीय चीनी ओवरसीज होम एसोसिएशन का उपयोग करते हैं। इनसाइड ओवर की रिपोर्ट के अनुसार, 2018 के चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) ने विदेश में चीनी को मुखबिरों को तैयार करने का काम भी UFWD को दिया है। 

COPS: China has opened 102 police stations in 53 countries around the world, the reason is surprising
शी जिनपिंग - फोटो : सोशल मीडिया

विस्तार

दुनियाभर में अपनी पहुंच बनाने के लिए चीन ने एक नया पैंतरा अपनाया है। सितंबर 2022 में स्पेन के नागरिक अधिकार समूह की एक रिपोर्ट से खुलासा हुआ था कि चीन ने कई देशों में चीनी ओवरसीज पुलिस स्टेशनों (COPS)की स्थापना कर ली है। एक इनसाइड रिपोर्ट से अब खुलासा हुआ है कि अब तक 53 देशों में चीन ने 102 पुलिस स्टेशन खोल रखे हैं। 


एक रिपोर्ट के अनुसार, COPS का नेटवर्क चीन स्थित सार्वजनिक सुरक्षा ब्यूरो (PSB) द्वारा 2016 में स्थापित किया गया है। अलग-अलग देशों में स्थित चीन के इस पुलिस स्टेशन का काम चीन के खिलाफ आवाज उठाने वाले लोगों पर नजर रखना है। इसके अलावा चीन से भागकर दूसरे देश पहुंचे नागरिकों को वापस चीन भेजने का दबाव बनाया जाता है। राजनीतिक विरोधियों और चीन से नाराज जैसे तिब्बतियों, उइगरों और चीन विरोधी आवाजों को कमजोर करने का काम भी इसके जरिए किया जाता है। 


रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन की ये पुलिस अक्सर आगे की जांच के लिए उन्हें वापस लाने के लिए यूनाइटेड फ्रंट वर्क डिपार्टमेंट (UFWD) से जुड़े स्थानीय चीनी ओवरसीज होम एसोसिएशन का उपयोग करते हैं। इनसाइड ओवर की रिपोर्ट के अनुसार, 2018 के चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) ने विदेश में चीनी को मुखबिरों को तैयार करने का काम भी UFWD को दिया है। 

कोई दफ्तर नहीं, फिर भी काम कर लेते हैं ये चीनी पुलिस 
रिपोर्ट्स के अनुसार, COPS में चीन के पूर्व पुलिस अधिकारियों और दूतावास के पुराने अधिकारियों को शामिल किया गया है। ये चीनी दूतावास से अलग काम करते हैं। इनका कोई ऑफिस नहीं है। रिपोर्ट्स के अनुसार, ये स्थानीय दुकानों, रेस्तरां, मॉल या अपार्टमेंट सहित अनौपचारिक स्थानों के माध्यम से कार्य करते हैं। 

रिपोर्ट में दावा किया गया है कि PSB पहले किसी देश में एक केंद्र-स्तरीय स्टेशन स्थापित करते हैं। इसके बाद आस-पास के शहरों में छोटे-छोटे स्टेशन स्थापित कर लेते हैं। इसे चीन ने 'सर्विस स्टेशन' और 'संपर्क पोस्ट' का नाम दिया है। इनका नेतृत्व विदेशी चीनी समुदाय के एक नेता द्वारा किया जाता है, जो चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के प्रति वफादार होते हैं। 

इन देशों में तेजी से फैल रहे चीनी पुलिस स्टेशन 
रिपोर्ट्स के अनुसार, चीन ने अपने पुलिस स्टेशन दक्षिण अमेरिका, म्यांमार, कंबोडिया , दक्षिण अफ्रीका, तंजानिया, मोजाम्बिक, जाम्बिया, सर्बिया, क्रोएशिया, रोमानिया और इटली जैसे कई देशों में स्थापित कर लिए हैं। अमेरिकी कांग्रेस कार्यकारी आयोग ने आरोप लगाया है कि इसके जरिए चीन अलग-अलग देशों में जासूसी कर रहा है। ये सभी राष्ट्र की सुरक्षा के लिए खतरनाक है। 
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बताया जाता है कि चीन ने अमेरिका, कनाडा, यूरोप, जापान और दक्षिण कोरिया जैसे देशों में भी इस तरह के स्टेशन स्थापित किए थे। बाद में जब यहां की सरकारों ने इसका विरोध किया तो चीन को इसे बंद करना पड़ा। हालांकि, कुछ विकासशील देश जैसे, ब्राजील, अर्जेंटीना, इक्वाडोर, हंगरी और नाइजीरिया अभी भी इस मामले में चुप रहना ठीक समझते हैं। रिपोर्ट्स की मानें तो ज्यादातर देशों का चीन आर्थिक फायदा दिखाने की कोशिश करता है। 

चीन ने दिसंबर में दिया था जवाब
चीन ने इस मामले में पिछले साल दिसंबर में जवाब दिया था। कहा था कि कार्यालय केवल ‘सर्विस स्टेशन’ हैं जो चीनी नागरिकों को नौकरशाही प्रक्रियाओं जैसे पासपोर्ट या ड्राइविंग लाइसेंस को नवीनीकृत करने में सहायता करने के लिए स्थापित किए गए हैं। सेफगार्ड डिफेंडर्स द्वारा की गई जांच सार्वजनिक रूप से उपलब्ध चीनी बयानों और डेटा पर आधारित थी और उन देशों में स्थानीय चीनी सार्वजनिक सुरक्षा अधिकारियों द्वारा स्थापित स्टेशनों तक सीमित थी जहां एक बड़ा चीनी समुदाय है। सेफगार्ड डिफेंडर्स ने दावा किया कि जबकि स्टेशन सीधे बीजिंग द्वारा नहीं चलाए जा रहे थे, ‘‘कुछ बयान और नीतियां उनकी स्थापना और नीतियों को प्रोत्साहित करने में केंद्र सरकार से स्पष्ट मार्गदर्शन दिखाना शुरू कर रही हैं।’’ 
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