लोकप्रिय और ट्रेंडिंग टॉपिक्स

विज्ञापन
Hindi News ›   World ›   British Sikh man admits treason charge who wanted to kill late Queen Elizabeth with crossbow

Britain: ब्रिटिश सिख जसवंत देशद्रोह का दोषी करार, 2021 में महारानी एलिजाबेथ द्वितीय को मारने की बनाई थी योजना

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, लंदन Published by: गुलाम अहमद Updated Fri, 03 Feb 2023 10:14 PM IST
सार

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, लंदन के ओल्ड बेली कोर्ट में ब्रिटिश सिख जसवंत सिंह चैल ने ब्रिटेन के देशद्रोह अधिनियम के तहत अपराध स्वीकार किया। चैल को ब्रॉडमूर अस्पताल में रखा गया है, जहां से वह वीडियो लिंक के माध्यम से अदालत में पेश हुआ। अदालत 31 मार्च को सजा सुनाएगी।

महारानी एलिजाबेथ II (फाइल फोटो)
महारानी एलिजाबेथ II (फाइल फोटो) - फोटो : ANI

विस्तार

ब्रिटिश सिख जसवंत सिंह चैल ने शुक्रवार को देशद्रोह करने की बात स्वीकार की है, जो 2021 में क्रिसमस के दिन महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की हत्या करना चाहता था। 21 वर्षीय जसवंत सिंह को क्रॉसबो (Crossbow) के साथ विंडसर कैसल के मैदान से गिरफ्तार किया गया था।



चैल की गिरफ्तारी के बाद उसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें उसने अपनी पहचान 'भारतीय सिख' के रूप में बताई थी और कहा था कि अमृतसर में 1919 के जलियांवाला बाग हत्याकांड का बदला लेने के लिए एलिजाबेथ द्वितीय को मारना चाहता था। महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का 19 सितंबर 2022 को निधन हुआ था।


मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, लंदन के ओल्ड बेली कोर्ट में चैल ने ब्रिटेन के देशद्रोह अधिनियम के तहत अपराध स्वीकार किया। ब्रिटिश सिख चैल को ब्रॉडमूर अस्पताल में रखा गया है, जहां से वह वीडियो लिंक के माध्यम से अदालत में पेश हुआ। अदालत 31 मार्च को सजा सुनाएगी। ब्रिटेन में राजद्रोह के लिए अधिकतम सजा आजीवन कारावास है।

मामले की जांच का नेतृत्व करने वाले अधिकारी रिचर्ड स्मिथ ने कहा कि यह अत्यंत गंभीर घटना थी, लेकिन चैल को पकड़ने वाले गश्ती अधिकारियों ने बड़े संयम और पेशेवर तरीके से ड्यूटी को अंजाम दिया। अधिकारियों ने नकाबपोश व्यक्ति का सामना करने के लिए जबरदस्त बहादुरी दिखाई, जो एक लोडेड क्रॉसबो से लैस था, और फिर बिना किसी नुकसान के उसे हिरासत में ले लिया।

1981 के बाद पहली बार किसी को देशद्रोह का दोषी ठहराया गया 
बताया गया है कि ब्रिटेन में 1981 के बाद पहली बार किसी व्यक्ति को देशद्रोह का दोषी ठहराया गया है। आरोपी ने स्वीकार किया था कि वह महारानी एलिजाबेथ द्वितीय को मारने के लिए आया था। ब्रिटेन के 1842 देशद्रोह अधिनियम के तहत आखिरी बार 1981 में मार्कस सार्जेंट दोषी ठहराया गया था।  मार्कस सार्जेंट ने तब लंदन में एक परेड के दौरान द मॉल की सवारी करते समय रानी पर खाली शॉट दागे थे।

विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get latest World News headlines in Hindi related political news, sports news, Business news all breaking news and live updates. Stay updated with us for all latest Hindi news.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

क्षमा करें यह सर्विस उपलब्ध नहीं है कृपया किसी और माध्यम से लॉगिन करने की कोशिश करें

;

Followed

;