वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, वाशिंगटन
Updated Sun, 29 Nov 2020 12:00 AM IST
पढ़ें अमर उजाला ई-पेपर
कहीं भी, कभी भी।
*Yearly subscription for just ₹299 Limited Period Offer. HURRY UP!
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के अनुसार एक विशालकाय उल्कापिंड धरती की तरफ बढ़ रहा है। इसका आकार दुनिया की सबसे ऊंची दुबई की मशहूर बिल्डिंग बुर्ज खलीफा जितना बड़ा है। यह उल्कापिंड मिसाइल से कई गुना तेज गति से धरती की तरफ बढ़ रहा है।
नासा के मुताबिक, 29 नवंबर यानी रविवार की रात यह उल्कापिंड धरती से कुछ हजार किमी दूर से गुजरेगा। वर्तमान में इसकी गति 90000 किमी प्रति घंटा है। बता दें कि नासा बहुत लंबे समय से इस उल्कापिंड पर नजर रखे हुए है।
बुर्ज खलीफा के लगभग बराबर है आकार
इस उल्कापिंड को 153201 2000 WO107 नाम दिया गया है। इसकी ऊंचाई 820 मीटर है, जबकि बुर्ज खलीफा की ऊंचाई 829 मीटर है। मिसाइल की औसत गति 4000 किमी प्रति घंटा होती है, वहीं इस उल्कापिंड की गति इससे बहुत अधिक है। नासा ने इसे नियर अर्थ ऑब्जेक्ट की श्रेणी में रखा है यानी यह धरती के करीब से जरूर गुजरेगा।
टकराने की आशंका
लेकिन इस बात की जरा भी आशंका नहीं है कि यह धरती से टकराएगा। इस तरह से नासा के खगोलशास्त्रियों समेत दुनिया के सभी अंतरिक्ष वैज्ञानिक ने एक बार फिर राहत की सांस ली है। गौरतलब है कि इस साल कई खतरनाक धुमकेतू धरती के करीब से गुजर चुके हैं। गनीमत यह रही कि कोई धरती से टकराया नहीं। हाल के वर्षों में भारत के अलग अलग इलाकों में अजीब घटनाएं घटी हैं, जिन्हें उल्कापिंड से जोड़कर देखा जा रहा है।
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के अनुसार एक विशालकाय उल्कापिंड धरती की तरफ बढ़ रहा है। इसका आकार दुनिया की सबसे ऊंची दुबई की मशहूर बिल्डिंग बुर्ज खलीफा जितना बड़ा है। यह उल्कापिंड मिसाइल से कई गुना तेज गति से धरती की तरफ बढ़ रहा है।
नासा के मुताबिक, 29 नवंबर यानी रविवार की रात यह उल्कापिंड धरती से कुछ हजार किमी दूर से गुजरेगा। वर्तमान में इसकी गति 90000 किमी प्रति घंटा है। बता दें कि नासा बहुत लंबे समय से इस उल्कापिंड पर नजर रखे हुए है।
बुर्ज खलीफा के लगभग बराबर है आकार
इस उल्कापिंड को 153201 2000 WO107 नाम दिया गया है। इसकी ऊंचाई 820 मीटर है, जबकि बुर्ज खलीफा की ऊंचाई 829 मीटर है। मिसाइल की औसत गति 4000 किमी प्रति घंटा होती है, वहीं इस उल्कापिंड की गति इससे बहुत अधिक है। नासा ने इसे नियर अर्थ ऑब्जेक्ट की श्रेणी में रखा है यानी यह धरती के करीब से जरूर गुजरेगा।
टकराने की आशंका
लेकिन इस बात की जरा भी आशंका नहीं है कि यह धरती से टकराएगा। इस तरह से नासा के खगोलशास्त्रियों समेत दुनिया के सभी अंतरिक्ष वैज्ञानिक ने एक बार फिर राहत की सांस ली है। गौरतलब है कि इस साल कई खतरनाक धुमकेतू धरती के करीब से गुजर चुके हैं। गनीमत यह रही कि कोई धरती से टकराया नहीं। हाल के वर्षों में भारत के अलग अलग इलाकों में अजीब घटनाएं घटी हैं, जिन्हें उल्कापिंड से जोड़कर देखा जा रहा है।