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पाकिस्तान: 'नेता का चोला पहनकर आगजनी करने वाले बातचीत के योग्य नहीं', शहबाज शरीफ ने इमरान खान पर साधा निशाना

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, इस्लामाबाद Published by: निर्मल कांत Updated Tue, 30 May 2023 09:02 PM IST
Anarchists who attack symbols of state do not qualify for dialogue Pak PM Sharif on Imrans fence mending offer
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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने मंगलवार को कहा कि उनकी सरकार इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के साथ बातचीत करने की इच्छुक नहीं है। उन्होंने कहा कि अराजकतावादी और आगजनी करने वाले जो लोग राजनेताओं का चोला पहनते हैं और राज्य के प्रतीकों पर हमला करते हैं, वे बातचीत के योग्य नहीं हैं। नौ मई को हुए हिंसक प्रदर्शनों के बाद से उनकी टीम के कई शीर्ष नेता पार्टी को छोड़ चुके हैं। हाल ही में खान (70 वर्षीय) ने कहा था कि वह सत्ता में मौजूद किसी भी व्यक्ति से बात करने के लिए तैयार हैं। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के प्रमुख इमरान खान ने आम चुनाव की तारीख पर आम सहमति बनाने के लिए सरकार के साथ बातचीत करने के लिए सात सदस्यीय टीम का गठन किया है।
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देश के प्रतीकों पर हमला करने वाले बातचीत के योग्य नहीं: शरीफ
प्रधानमंत्री शरीफ ने एक ट्वीट में माना कि संवाद राजनीतिक प्रक्रिया में गहराई से अंतर्निहित है, जो लोकतंत्र को परिपक्व और मजबूत करता है। उन्होंने किसी का नाम लिए बगैर कहा, कई राजनीतिक और संवैधानिक सफलताएं तब हासिल हुई हैं, जब आम सहमति बनाने के लिए राजनेता मेज पर बैठे थे। उन्होंने कहा कि लेकिन जब खान के नेतृत्व वाली पार्टी की बात आती है तो एक बड़ा अंतर होता है। उन्होंने कहा, अराजकतावादी और आगजनी करने वाले जो लोग नेता का चोला पहनते हैं और राज्य के प्रतीकों पर हमला करते हैं, वे बातचीत के योग्य नहीं हैं। इसके बजाय उन्हें उनकी आतंकवादी कार्रवाइयों के लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। 
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सूचना एवं प्रसारण मंत्री मरियम औरंगजेब ने क्या कहा
जियो न्यूज की खबर के मुताबिक, सूचना एवं प्रसारण मंत्री मरियम औरंगजेब ने भी पीटीआई प्रमुख के वार्ता के प्रस्ताव को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, देश में आग लगाने, अव्यवस्था और अराजकता पैदा करने, जनता के मन को नफरत से भरने और सशस्त्र समूहों को शरण देने वालों के साथ बातचीत नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि खान बातचीत के लिए अपील नहीं कर रहे थे, वास्तव में वह राष्ट्रीय सुलह अध्यादेश (एनआरओ) की मांग कर रहे थे।
 
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विवादास्पद राष्ट्रीय सुलह अध्यादेश (एनआरओ)  क्या है?
एनआरओ एक विवादास्पद अध्यादेश था जिसे पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ ने 2007 में जारी किया था, जिसमें भ्रष्टाचार, मनी लॉन्ड्रिंग और हत्या के आरोपी राजनेताओं, राजनीतिक कार्यकर्ताओं और नौकरशाहों को माफी दी गई थी। सूचना मंत्री ने कहा कि उन लोगों के साथ बातचीत नहीं की जा सकती जिन्होंने 'युवाओं के दिमाग में जहर घोला', 'अपराधियों और आतंकवादियों के नेताओं' से बात नहीं की जा सकती।
 
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इमरान की गिरफ्तारी के बाद हुआ था देशभर में हिंसक प्रदर्शन
खान की पार्टी को राज्य की ताकत का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने नौ मई को उनकी गिरफ्तारी के बाद रावलपिंडी में जनरल मुख्यालय सहित सैन्य प्रतिष्ठानों को जला दिया और तोड़फोड़ की। हिंसक प्रदर्शनों के सिलसिले में पार्टी के कई नेताओं और हजारों कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया है। इस महीने की शुरुआत में पाकिस्तान की संसद के निचले सदन नेशनल असेंबली ने एक प्रस्ताव पारित किया था, जिसमें कठोर सेना अधिनियम और सरकारी गोपनीयता अधिनियम सहित मौजूदा कानूनों के तहत 9 मई को दंगाइयों पर मुकदमा चलाने का संकल्प लिया गया था।
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