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Space: कभी एलियन्स ने मैसेज भेजा तो कैसे करेंगे डिकोड ECA ने इसके लिए शुरू किया मॉक ड्रिल, पढ़िए पूरा मामला

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, पेरिस Published by: जलज मिश्रा Updated Wed, 31 May 2023 03:23 PM IST
सार

परियोजना के एक अधिकारी डेनिएला डी पाउलिस ने बताया कि इतिहास गवाह है कि इंसान ने हमेशा शक्तिशाली आविष्कारों की खोज की है। अपनी वेबसाइट में ईएसए ने बताया कि 10 मई को सबसे पहले जर्मनी के डार्मस्टैड स्थित अंतरिक्ष एजेंसी को संदेश भेजा गया था।

Aliens sent signal from Mars to Earth twice inviting experts from all over the world for decoding
मंगल ग्रह। फाइल फोटो - फोटो : NASA

विस्तार
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मंगल ग्रह की सतह पर घूम रहे एक अंतरिक्ष यान से पृथ्वी को संदेश भेजा गया, जिसका इस्तेमाल दूसरे ग्रह के लोगों से भविष्य में संचार स्थापित करने की तैयारी के लिए किया जा रहा है। 24 मई को मार्स पर घूम रहे ट्रेस गैस ऑर्बिटर (टीजीओ) ने एक कोडेड सिग्नल भेजा था, जिसे रेडियो रिसीवर ने धरती में रिसीव किया था। विशेषज्ञों ने इसे डिकोड करने की कोशिशें शुरू कर दी हैं। 



16 मिनट बाद धरती पर रिसीव हुआ मैसेज
कैलिफोर्निया में सेटी संस्थान में फ्रेंक मार्चिस ने बताया कि काफी लंबे समय से हम इस पद्धति को विकसित करने की कोशिश कर रहे थे। हमने कभी नहीं सोचा था कि वास्तव में सिग्नल प्राप्त करना और डिकोड करना कैसा होगा। रोम के डेनिएला डी पॉलिस ने ए साइन इन स्पेस नाम से एक प्रोजेक्ट लॉन्च किया था। प्रोजेक्ट का उद्देश्य था कि हम सुनिश्चित कर सकें कि अगर भविष्य में बाहरी सभ्यता या फिर दूसरे ग्रहों से कोई मैसेज आता है तो हम उसे कैसे डिकोड करें और कैसे उसका जवाब दें। ईएसए ने बताया कि 24 मई को रात नौ बजे मार्स की ऑर्बिट में घूम रहे टीजीओ ने एक संदेश भेजा था। धरती और मार्स के बीच लगभग 300 मिलियन किलोमीटर की दूरी है, इस वजह से सिग्नल को धरती तक पहुंचने में 16 मिनट लग गए। ईएसए के अधिकारी टियागो लौरेइरो का कहना है कि टीजीओ मंगल की सतह से 400 किलोमीटर ऊपर है, जो वहां के वातावरण का अध्ययन करती है। 


10 मई को सबसे पहले आया था संंदेश
परियोजना के एक अधिकारी डेनिएला डी पाउलिस ने बताया कि इतिहास गवाह है कि इंसान ने हमेशा शक्तिशाली घटनाओं की खोज की है। अपनी वेबसाइट में ईएसए ने बताया कि 10 मई को सबसे पहले जर्मनी के डार्मस्टैड स्थित अंतरिक्ष एजेंसी को संदेश भेजा गया था। ईएसए के अनुसार, उन्होंने सभी देशों और संस्कृतियों के लोगों को आमंत्रित किया है। विशेषज्ञों से सिग्नल को डिकोड और उसे आसान भाषा में समझाने के लिए कहा गया है।  

दुनिया के साथ साझा करेंगे तरीका
एजेंसी का कहना है कि जब यह संदेश डिकोड हो जाएगा, तब इसके डिकोडिंग का तरीका, इसका पूरा मतलब, डेटा आदि सहित सभी चीजें वेबसाइट और सोशल मीडिया पर पोस्ट किया जाएगा। मैसेज के डिकोडिंग और उसके व्याख्या के तरीके को दुनिया के साथ साझा किया जाएगा। 

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