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Ahmadiyya Muslim: Who are Ahmadiyyas and their history, why are they not considered Muslims in Pakistan
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Ahmadiyya Muslim: पाकिस्तान में जुल्म के शिकार अहमदिया का इतिहास क्या, इन्हें मुस्लिम क्यों नहीं माना जाता?
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: शिवेंद्र तिवारी
Updated Fri, 03 Feb 2023 08:02 PM IST
सार
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अहमदिया, वह मुस्लिम समुदाय है जो मिर्जा गुलाम अहमद को मानता है। दुनिया में सबसे ज्यादा अहमदियों की संख्या पाकिस्तान में रहती है। लेकिन पाकिस्तान दंड संहिता के अनुसार यह समुदाय मुस्लिम नहीं माना जाता है।
पाकिस्तान में अहमदिया मुस्लिमों की मस्जिद में हमले की एक और घटना सामने आई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, शुक्रवार को कराची में चरमपंथी समूह तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के सदस्यों ने मस्जिद में तोड़फोड़ की। एक महीने में यह दूसरी घटना है। इससे पहले कराची में जमशेद रोड पर अहमदी जमात खाता की मीनारों को गिरा दिया गया था।
फैसलाबाद में सोलह कब्रों को तोड़ दिया गया
- फोटो : SOCIAL MEDIA
क्या पहली बार इस तरह के हमले हो रहे हैं?
पाकिस्तान में अहमदिया मुस्लिम और उसके धार्मिक स्थलों पर लगातार हमले होते रहे हैं। अहमदी मस्जिद पर ताजा हमला कराची के सदर में मोबाइल बाजार के पास हुआ। इसका वीडियो भी अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें चार नकाबपोश लोगों को मस्जिद पर चढ़ते और उसके बाद भागते हुए देखा जा सकता है।
पाकिस्तान में इस तरह के हमलों की लंबी फेहरिस्त है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान में पिछले तीन महीनों में पांच अहमदी मस्जिदों पर हमला किया गया है। अगस्त 2022 में लाहौर से लगभग 150 किमी दूर फैसलाबाद में समुदाय से जुड़ी सोलह कब्रों को अज्ञात व्यक्तियों द्वारा तोड़ दिया गया था। 2017 के बाद से अलग-अलग कट्टरपंथी हमलों में 40 से अधिक अहमदी मारे गए हैं।
पाकिस्तान में अहमदियों के खिलाफ अक्सर ईशनिंदा के मामले दर्ज किए जाते हैं, जिसकी सजा मृत्युदंड तक है। पिछले कुछ समय में कई अहमदियों पर ईशनिंदा का आरोप लगाया गया और उनकी हत्या तक कर दी गई। मई 2022 में एक ऐसी ही घटना में 33 वर्षीय अबुल सलाम की हत्या कर दी गई थी।
अहमदिया
- फोटो : Social Media
कौन हैं अहमदिया मुस्लिम?
अहमदिया, वह मुस्लिम समुदाय है जो मिर्जा गुलाम अहमद को मानता है। मिर्जा गुलाम अहमद ने 1889 में इस्लाम के भीतर एक पुनरुत्थान आंदोलन के रूप में अहमदिया मुस्लिम समुदाय की स्थापना की थी। मिर्जा गुलाम अहमद का जन्म तत्कालीन ब्रिटिश भारत के पंजाब प्रांत में हुआ था। अहमदिया मुस्लिम समुदाय की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक यह समुदाय समुदाय 200 से अधिक देशों में फैला हुआ है, जिसकी आबादी 1.2 करोड़ से अधिक है।
समुदाय में सबसे बड़ा स्थान खलीफा का होता है। संस्थापक मिर्जा गुलाम अहमद की मृत्यु के बाद से पांच खलीफाओं ने उनका स्थान लिया है। मौजूदा खलीफा मिर्जा मसरूर अहमद हैं जो ब्रिटेन में रहते हैं और समुदाय के आध्यात्मिक और प्रशासनिक प्रमुख के रूप में कार्य करते हैं। जानकारी के मुताबिक, अहमदिया मुस्लिम समुदाय की दुनियाभर में 16,000 से अधिक मस्जिदें हैं। इस समुदाय ने कुरान का 70 से अधिक भाषाओं में अनुवाद किया है।
अहमदिया समुदाय
- फोटो : ANI
पाकिस्तान में समुदाय की स्थिति क्या है?
दुनिया में सबसे ज्यादा अहमदियों की संख्या पाकिस्तान में रहती है। समुदाय की आबादी देश की कुल आबादी का करीब 2.2 फीसदी है। इनकी संख्या 40 लाख के आसपास बताई जाती है। पंजाब प्रांत में रबवाह शहर अहमदिया समुदाय का वैश्विक मुख्यालय हुआ करता था लेकिन बाद में यह इंग्लैंड चला गया।
पाकिस्तान में कानून ही करता है भेदभाव
1974 में संशोधन विधेयक के पारित होने के बाद से, अहमदिया पाकिस्तान में आधिकारिक रूप से मुस्लिम नहीं हैं। अहमदी समुदाय यहां दूसरे दर्जे के नागरिकों के रूप में रहता है। प्यू रिसर्च पोल के अनुसार, केवल सात फीसदी पाकिस्तानी ही अहमदियों को मुसलमानों के रूप में स्वीकार करते हैं। इसके अलावा यहां उनके धर्म के प्रचार के अधिकार को कानूनी रूप से ही नकारा गया है। अल अरबिया पोस्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान दंड संहिता की धारा 298-सी अहमदिया के खिलाफ भेदभाव को कानूनी दर्जा देती है। यह धारा अहमदियों को खुद को मुस्लिम कहने या अपने धर्म का प्रचार करने से रोकती है। यही कारण है कि अहमदी समुदाय अपनी सुरक्षा के लिए पाकिस्तानी कानून-व्यवस्था में तत्काल सुधार की मांग करता आया है।
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